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कमलनाथ द्वारा मंत्री नहीं बनाने पर रामबाई की गोपाल के साथ खिचड़ी पकाने की चर्चाए.. चौरसिया हत्याकांड से पति के सेफ होते ही विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सचिव कक्ष के पास सक्रिय दिखी बसपा विधायक..

रामबाई की गोपाल के साथ खिचड़ी पकाने की चर्चाए-
भोपाल। मप्र विधानसभा के गलियारे में बसपा विधायक रामबाई के साथ उनके पति तथा हत्या मामले में फरार आरोपी रहे गोविंदसिंह की तस्वीर बिडियों बायरल होते ही शुक्रवार को राजनीतिक गलियारों में सनसनी छाई रही। मीडिया की सुर्खियों में छाई इस बीडियों को लेकर कांग्रेस नेताओं से लेकर मंत्री तक सफाई देते रहे। जबकि विधानसभा के गलियारें में जो बीडियों बायरल हुआ था उसमें  विधायक रामबाई के साथ उनके पति नेता प्रतिपक्ष के अपर सचिंव कक्ष के बाहर इंतजार करती दिख रही है। जानकारों का कहना है कि नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव से मुलाकात के लिए यह चहलकदमी की जा रही थी। 
 दरअसल बसपा विधायक रामबाई अनेक अवसरों पर कमलनाथ सरकार में मंत्री पद नहीं दिए जाने को लेकर अपनी नाराजगी जता चुकी है। वहीं इनके पति के हत्याकांड में फंस जाने के बाद सरकार पर इनका प्रेशर कम हो गया था। इधर हत्या मामले से पति का नाम अलग होने की राह आसान होते ही रामबाई ने मंत्री पद के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ पर दबाव बनाना तेज कर दिया है। ऐसे में कहीं पाला बदलकर यह विपक्ष के साथ जाने की तैयारी में तो नहीं है ? नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव की आज के मामले को लेकर चुप्पी भी रामबाई की खिचड़ी गोपाल के यहां पकने का संकेत देती नजर आ रही है। वहीं कुछ लोग इसे मंत्री बनाने के लिए कमलनाथ पर दबाव की राजनीति के रूप में भी लेते नजर आ रहे है। देखना होगा रामबाई के नित्य बदल रहे तेवरों से उनकी मंत्री पद की राह आसन होती है अथवा कमलनाथ सरकार की मुश्किले बढ़ती है।
एसपी ने कहां गोविंदसिंह पर इनाम व प्रतिबंध हटा-

दमोह। मुख्यमंत्री कमलनाथ की मौजूदगी में चार माह पहले बसपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए हटा के लोकप्रिय नेता देवेंद्र चौरसिया की 15 मार्च को दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी। इस मामले में बसपा विधायक रामबाई के पति गोविंदसिंह सहित सात लोगों पर नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। बाद में इनकी गिरफ्तारी पर 25-25 हजार का इनाम घोषित किया गया था। पांच नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष शिवचरण पटेल ने हाईकोर्ट में याचिका लगाकर अपने पुत्र इंद्रपाल पटेल तथा विधायक रामबाई के पति गोविंद सिंह के घटनास्थल पर मौजूद नहीं रहने व राजनीतिक साजिश के तहत फसाए जाने जाने के आरोप लगाए गए थे। इसके बाद माननीय उच्च न्यायालय ने 18 मई 2019 को दमोह एसपी को घटना स्थल के सीसीटीवी फुटेज की जांच करने के निर्देश दिए थे।


 एसपी को घटनास्थल के सीसीटीवी फुटेज चेक करके माननीय हाईकोर्ट को अवगत कराना था कि आरोपी सीसीटीवी में नजर आ रहे हैं अथवा नहीं। बाद में 1 जून को पुलिस ने भोपाल से इंद्रपाल पटेल को भी गिरफ्तार कर लिया था। इस तरह इस मामले के सात नामजद आरोपियों में 6 की गिरफृतारी के बाद विधायक पति गोबिंदसिंह ही शेष बचे थे। वहीं सूत्रों से प्र्राप्त जानकारी के अनुसार विधायक रामबाई द्वारा दिए गए आवेदनों तथा हाईकोर्ट के निर्देश पर घटनास्थल के सीसीटीवी फुटेज की जांच में मौके पर गोविंद सिंह नजर नहीं आऐ थे। जिससे उम्मीद की जा रही थी कि आने वाले दिनों में माननीय उच्च न्यायालय के निर्देश पर विधायक पति गोविंद सिंह का नाम इस हत्याकांड से हटाया जा सकता है। 
मप्र विधानसभा के गलियारे में नेता प्रतिपक्ष के अपर सचिव कक्ष के बाहर विधायक रामबाई के साथ गोविंदसिंह के नजर आने की खबर शुक्रवार को दिन भर मीडिया में छाई रही। वहीं कांग्रेस नेताओं से लेकर विधानसभा सचिवालय के अधिकारी तक मामले मे सफाई देते नजर आए। जबकि दमोह एसपी विवेक सिंह का कहना था कि पूर्व में दिए आवेदनों की जांच में गोविंद सिंह के नहीं पाए जाने पर घोषित इनाम तथा प्रतिबंधात्मक कार्रवाई को निरस्त कर दिया गया है अर्थात अब वह खुले आम घूम सकते है। शायद यहीं बजह रही कि हत्या मामले में फरार इनामी रहे गोविंद सिंह अपनी विधायक पत्नि के साथ विधान सभा के गलियारे में बतियाते हुए नजर आए। अटलराजेंद्र जैन की रिपोर्ट

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