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केरल के पहले बुंदेलखंड में प्री मानसून की दस्तक.. तेंदूखेड़ा के पास जबलपुर-बीना पावरग्रिड के तीन टावर धराशायी.. 2 दर्जन से अधिक विद्युत पोल और अनेक पेड़ उखड़े, गरज बरस ने बदली मौसम की फिजा..

 अनेक जगह गरज बरस से बदली मौसम की फिजा-
 दमोह। भीषण गर्मी से जूझ रहे बुंदेलखंड के अनेक हिस्सो में तेज आंधी तूफान के साथ हल्की बारिश होने से लोगो को मौसम की बदली फिजा का एहसास हो रहा है 7 जून को केरल के तटीय क्षेत्रों में मानसून की दस्तक का ऐलान मौसम विभाग ने किया था। इसी के साथ बुंदेल खंड में प्री मानसून की दस्तक जैसे हालात बनने से लोगो ने राहत की सांस ली है। तेज आंधी में जबलपुर बीना पावर ग्रिड लाइन के 3 टावर तेंदूखेड़ा के पास धराशाई धरा हो जाने से हड़कंप के हालात बने रहे।
शुक्रवार शाम जिले के विभिन्न क्षेत्रों में तेज हवाओं के साथ बूंदाबांदी और बारिश होने से 47 डिग्री टेंपरेचर की झुलसन से एक हद तक राहत मिलती नजर आई। वही अनेक ग्रामीण क्षेत्रों में तेज आंधी तूफान लोगो के लिए आफत की वजह भी बनती नजर आये है। तेंदूखेड़ा इलाके की बात करें तो यहां पर अनेक जगह पर विद्युत पोल और पेड़ों के धराशाई होने की जानकारी सामने आई है। जिससे विद्युत आपूर्ति प्रभावित बनी हुई है।
 तेंदूखेड़ा में तेज हवा के साथ लगभग 1 घंटे झमाझम बारिश होने से लोगो ने गर्मी से राहत महसूस की। वही तेज आंधी तूफान से कई जगह पेड़ एवं बिजली के खंबे उखड़ कर धरासाई हो गए। अनेक जगहों पर शान्तिधाम में लगे टीन शेड भी उड़ गए। धनगोर फीडर में 20 पोल एवं सांगा फीडर में 06 पोल गिरने से बिजली सप्लाई प्रभावित हुईं है। विद्युत पोल गिरने और बिजली सप्लाई प्रभावित होने की पुष्टि विभाग के सहायक यंत्री आरएस डावर ने भी की है।
तेंदूखेड़ा से 5 किलोमीटर दूर खाकरिया खुर्द के पास जबलपुर बीना पावर ग्रिड के 3 टावर गिरने से लोहे एंगिल कमजोर पत्तियों की ढांचे की तरह धराशाई होते नजर आए हालांकि हादसे के वक्त विद्युत सप्लाई प्रारंभ थी उसके बावजूद किसी प्रकार की कोई जनहानि नहीं होना राहत की बात कही जा सकती है।
करीब घंटे भर की आंधी तूफान बारिश का दौर खत्म होने के बाद बिजली अधिकारी कनिष्ठ यंत्री रोहित जैन, सहायक यंत्री आर एस डावर ने मोके पर पहुचकर हालात का जायजा लिया और व्यवस्था दुरुस्त कराने प्रयास प्रारंभ कर आए। 
तेंदूखेड़ा क्षेत्र के अन्य हिस्सों में भी पुराने पेड़ गिरने से आवागमन में बाधा के साथ जन जीवन प्रभावित होता दिखा वही उपरोक्त सभी हालातों ने जिले में वर्षा पूर्व के इंतजामों अर्थात प्रबंधन की कलई खोलकर रख दी है।
तेंदूखेड़ा से चेतन जैन की रिपोर्ट

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