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सागर लोकायुक्त ने एक दिन में 3 रिश्वत खोरो को धराशायी किया.. घुवारा में पटवारी की पोल खुली, बीना में प्रभारी उपपंजीयक को भृत्य के साथ पकड़ा..

सागर लोकायुक्त ने एक दिन में 3रिश्वत खोरो को पकड़ा-
सागर। सागर लोकायुक्त की टीम ने शुक्रवार को संभाग के दो अलग-अलग क्षेत्रों में पहुंचकर कार्यवाही करते हुए तीन भ्रष्टाचारियों को धराशाई कर दिया है। आम आदमी से मामूली कार्य के बदले में 2-3 हजार की मामूली रकम रिश्वत में लेने वाले इन रिश्वतखोरी के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम क  विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई की गई है।
सागर लोकायुक्त की टीम ने दमोह संसदीय क्षेत्र तथा छतरपुर जिले के बड़ा मलहरा अंतर्गत घुवारा में पहुच कर कार्रवाई की। यहां पर पटवारी नोने लाल बुनकर को दो हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों दबोचा गया हैं। पटवारी महोदय शुक्रवार को बड़े ही बेशर्मी के साथ तुलसी राम लोधी से बंटवारा आवेदन पर 2000 की रिश्वत ले रहे थे। इस बीच सागर लोकायुक्त की टीम ने पटवारी को उनके ही दफ्तर में रंगे हाथों दबोच कर उनकी सारी हेकड़ी निकाल दी। पटवारी नोने लाल बुनकर के खिलाफ खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज करके कार्रवाई की है।

प्रभारी उप पंजीयक को भृत्य के साथ पकड़ा-सागर लोकायुक्त की टीम ने शुक्रवार दोपहर एक और कार्रवाई करते हुए प्रभारी उप पंजीयक को दफ्तर के भृत्य के साथ 3000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों दबोचने में कोई गलती नहीं की। बीना के शास्त्री वार्ड निवासी अधिवक्ता शैलेंद्र दुबे से रजिस्ट्री के बदले में प्रभारी उप पंजीयक प्रवीण कुमार जैन द्वारा भृत्य रामनिवास कुशवाहा के माध्यम से रिश्व्त की रकम ली जा रही थी। उप पंजीयक कार्यालय बीना जिला सागर लोकायुक्त कार्रवाई की खबर लगते ही हड़कंप के हालात निर्मित हो गए। बताया जा रहा है कि अधिवक्ता शैलेंद्र दुबे से रजिस्ट्री वापिस करने के एवज में एवं रजिस्ट्री करवाने का कमीशन लेने हेतु रिस्वत की मांग की गई थी। शिकायत लोकायुक्त में किए जाने के बाद आज है कार्यवाही की गई। लोकायुक्त ने प्रभारी उप पंजीयक और भृत्य के खिलाफ खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज करके कार्रवाई की है। 
उल्लेखनीय है कि लगभग सभी जगह पंजीयक कार्यालयों में भ्रष्टाचार का खेल खुले आम खेला जाता है। अनेक जगह तो दलालों के माध्यम से कलेक्टर के नाम पर दो परसेंट की राशि अलग से वसूली जाती है देखना होगा इस तरह की कमीशन खोरी पर कभी लगाम लग पाती है अथवा नहीं। लोकायुक्त के जाल में छोटी छोटी मछलिया तो आए दिन फसती रहती है परंतु जनता को मगरमच्छ रूपी बड़े भ्रष्टचारीयो के  लोकायुक्त के जाल में फंसने का इंतजार बना रहता है। 

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