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कमलनाथ सरकार को दो विधायक देने वाले हिंडोरिया में.. कन्या दान योजना तहत फर्जीवाड़ा की जांच की मांग.. युवा मोर्चा ने सौंपा ज्ञापन, नारेबाजी प्रदर्शन के साथ FIR दर्ज किए जाने की मांग...

फर्जीवाड़ा की जांच को लेकर युवा मोर्चा ने सौंपा ज्ञापन-
दमोह। कमलनाथ सरकार को दो विधायक देने वाले हिंडोरिया में 3 माह पहले मुख्यमंत्री कन्यादान योजना तहत हुए सामूहिक विवाह सम्मेलन के दौरान फर्जी वाड़े की जांच रिपोर्ट अभी तक सामने नही आ सकी है। इधर इस फर्जीवाड़े मामले में कलेक्टर नीरज कुमार सिंह एफआईआर करा पाते इसके पहले ही उनका तबादला करा दिया गया। इस फर्जीवाड़े को सत्तारूढ़ दल के कुछ नेताओं का खुला संरक्षण होने जैसे आरोपो के चलते अब विपक्षी दल से जुड़े युवाओ ने भी इस मामले की जांच तथा FIR की मांग को लेकर मोर्चा खोल दिया है।
 शुक्रवार को भारतीय जनता युवा मोर्चा के पदाधिकारियों ने वरिष्ठ नेताओं के साथ कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर इस मामले को लेकर एक ज्ञापन सौंपा जिसमें 28 फरवरी को हिंडोरिया में हुए सामूहिक विवाह सम्मेलन के फर्जीवाड़े की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करने के साथ दोषियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज किए जाने की मांग की गई है। 

                                     
आपको बता दें कि 28 फरवरी को हिंडोरिया में नगर पालिका परिषद द्वारा हुए मुख्य मंत्री कन्यादान योजना के तहत 19 वे सामूहिक विवाह सम्मेलन में 3000 जोड़ों के विवाह का ढिंढोरा पीटा गया था। वही मुश्किल से 300 जोड़े ही सम्मेलन में शामिल हुए थे। इस मौके पर जिले के प्रभारी मंत्री प्रभु राम चौधरी से लेकर "हिंडोरिया के लाल'' विधायक प्रदुम सिंह एवं राहुल सिंह के अलावा पूर्व विधायक प्रताप सिंह, जिला कांग्रेस अध्यक्ष अजय टंडन सहित अनेक छोटे-बड़े नेताओ व पदाधिकारियों की मौजूदगी रही थी। 

                                 

                                 
सम्मेलन के दौरान प्रभारी मंत्री प्रभु राम चौधरी विधायक प्रदुम सिंह एवं राहुल सिंह ने कमलनाथ सरकार द्वारा कन्यादान योजना तहत भेंट उपहार सामग्री राशि 51 हजार रुपे कर दिए जाने पर जमकर प्रशंसा की थी उस समय किसी को क्या पता था कि मुख्यमंत्री ने गरीब कन्याओ के हाथ पीले कराने के लिए जो राशि बढ़ाई है उस पर पहले से ही तथाकथित समाजसेवियों की गिद्ध दृष्टि लगी हुई है। 

बाद में कलेक्टर नीरज कुमार सिंह के संज्ञान में जब यह बात आई कि जिन लोगों के नाम पर पंजीयन किए गए हैं उनमें से अनेक जोड़े ऐसे हैं जिनके पूर्व में ही विवाह हो चुके हैं। तथा यह सब लोग मुख्यमंत्री कन्यादान योजना तहत दी जाने वाली Rs 51000 की राशि सामग्री का लाभ उठाने फिर से हल्दी लगवा कर बिचौलियों के जरिये शासन को चूना लगाने की तैयारी में थे। कलेक्टर ने इस मामले की जांच के जो आदेश दे दिए थे उसमे सूत्रों का कहना है जांच में गड़बड़ी उजागर होने के बाद दोषियों के खिलाफ एफआईआर के निर्देश दिए जाना थे। 
परंतु लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लग जाने से जांच फाइल ठंडे बस्ते में चली गई। वही इस गड़बड़ी को लेकर कलेक्टर के तेवर लोकसभा चुनाव के बाद भी जब ठंडे नहीं पड़े तो उनका तबादला करा दिया गया। इस बात की खबरें प्रिंट मीडिया में लगातार सामने आती रही है वहीं अब नए कलेक्टर के ऊपर इस मामले में दबाव बनाकर लीपापोती नहीं कराई जा सके इसको लेकर अब युवा मोर्चा ने इस मामले को लेकर मोर्चा खोल दिया है। यह ज्ञापन उसी परिपेक्ष में माना जा रहा है। 

ज्ञापन देने वालों में युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष प्रमोद विश्वकर्मा, पूर्व जिला अध्यक्ष मनीष तिवारी, महामंत्री भरत यादव, अभिषेक राय, रितेश सोनी, हरि रजक, बालकृष्ण यादव, विवेक अग्रवाल, महेंद्र राठौर, पंकज जड़िया, मनीष असाटी, मोनू चौरसिया, रिंकू गोस्वामी, विक्की ठाकुर, शशांक लोधी, अमन राय, अनुज बाजपेयी, अखिलेश राय, महेश यादव, पीयूष असाटी, राजेंद्र अहिरवार, चंद्रशेखर, परसू सोनी सहित युवाओ की टीम मौजूद रही। देखना होगा इस गड़बड़ झाले को लेकर युवा मोर्चा के मैदान में आ जाने से कन्यादान योजना का फर्जीवाड़ा उजागर हो पाता है अथवा नहीं तथा 9 जून को दमोह में आयोजित कन्यादान योजना विभाग सम्मेलन के दौरान इस मामले से सबक लेते हुए पारदर्शिता बरती जाती है अथवा नहीं। अटल राजेंद्र जैन की रिपोर्ट

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