रिपोर्ट के घंटे भर बाद ही युवा नेता का जेल वांरट-
दमोह नगर पालिका सीएमओ कपिल खरे एव कर्मचारी नेता भागीरथ शर्मा के नेतृत्व में शनिवार दोपहर कोतवाली पहुंचे पालिका परिषद के कर्मचारियों ने सामूहिक विरोध प्रदर्शन करते हुए टीआई रविंद्र गौतम से पार्षद प्रतिनिधि विवेक अग्रवाल द्वारा पिछले 2 दिनों से कार्यालय में पहुंचकर कार्य में बाधा पहुंचाने जैसे हालात की जानकारी देते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई। इधर विवेक अग्रवाल के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध होने की जानकारी लगते ही भाजपा नेता विवेक के साथ कोतवाली पहुंच गए। जहां पुलिस ने विवेक को हिरासत में लेकर एसडीएम कोर्ट में पेश किया। जहां उनकी जमानत आवेदन को खारिज करते हुए जेल भेज दिया गया।
उल्लेखनीय है कि इंदौर विधायक आकाश विजयवर्गीय द्वारा पिछले इंदौर नगरनिगम अमले के दो अधिकारियों के साथ बल्ले से की गई मारपीट के बाद दमोह नगर पालिका में विवेक अग्रवाल बल्ला लेकर पहुंच रहे थे। वहीं उनके सहयोगी बल्लेवाजी प्रदर्शन की तस्वीर को सोशल मीडिया पर लगातार वायरल कर रहे थे। हालांकि शुक्रवार को मीडिया को लाईव बल्लेवाजी अपडेट कराने के लिए विवेक नपा कार्यालय पहुंचे थे। जिसके बाद अखवारों में उनकी बल्लेवाजी सुर्खियों में छाने के साथ उनके खिलाफ रिपोर्ट की बजह भी बनी।
पहले भी चर्चाओं में रहे पार्षद प्रतिनिधि विवेक-
यह पहला मामला नहीं है जब पार्षद प्रतिनिधि विवेक अग्रवाल चर्चाओं में आए हो। पांच साल पहले हुए नगर पालिका चुनाव में भाजपा प्रत्याशी को पराजित करके इनकी मां नयाबाजार से निर्दलीय पार्षद निर्वाचित हुई थी। बाद में विवेक ने भाजपा का दामन थाम लिया तथा इनकों युवा मोर्चा का जिला उपाध्यक्ष बना दिया गया। नगरपालिका में पार्षद प्रतिनिधि के तौर पर बैठकों में सक्रिय भागीदारी के साथ विभिन्न निर्माण कार्यो के ठेके लेने वाले ठेकेदारों की तिकड़ी में इनका नाम सामने आता रहा है। नपा टाउन हॉल परिसर में दुकान कब्जाने, शक्ति भंडार के सामने प्याऊ के नाम पर नपा की सुलभ कांप्लेक्स निधि से अवैध दुकान निर्माण, उमा मिस्त्री तलैया पानी टँकी के चारो तरफ अवैध निर्माण कराने जैसे मामलों में भी इन पर उंगलिया उठाई जाती रही है। स्वच्छता अभियान तहत शहर में बनाए गए हजारों शौचालय के घटिया निर्माण सहित नपा के अन्य कार्यों में इनके द्वारा जबरजस्त कमाई करने जैसे आरोप भी लगातार लगते रहे हैं।
पूर्व में नगर पालिका के यही अधिकारी कर्मचारी इनके खिलाफ होने वाली शिकायतों को ठंडे बस्ते में दबाते रहे हैं। इतने पावर फुल पार्षद प्रतिनिधि रहे विवेक के सामने आखिर क्या हालात बने जो उनको बल्ला उठाना पड़ा तथा रिपोर्ट होने पर जेल जाना पड़ा। इसे समझने के लिए लोकसभा चुनाव के बाद बदली बदली सी नजर आ रही पालिका अध्यक्ष और उनकी टीम के रवैया को भी जानकार जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
मप्र में सत्ता परिवर्तन के बाद नपा में बदले हालात-
प्रदेश में विधानसभा चुनाव नतीजों में मंत्री जयंत मलैया की हार के साथ प्रदेश में हुए सत्ता परिवर्तन का असर दमोह नगर पालिका में भी देखने को मिला है। श्री मलैया के हमेशा नजदीक नजर आने वाली नगर पालिका अध्यक्ष मालती असाटी, उपाध्यक्ष नरेंद्र चंदेल सहित अधिकांश सभापति अब आजादी के साथ मनमाने निर्णय लेकर मलैया और उनके समर्थकों से कन्नी काटते नजर आने लगे हैं। पालिका प्रतिनिधियों द्वारा पीआईसी की बैठको में रखे जाने वाले अधिकांश प्रस्ताव जनहित के बजाय स्वयंहित या धनहित के होने जाने जैसे हालात के बीच कुछ कांग्रेस नेताओं और पार्षदों का भी ध्यान रखे जाने के हालात किसी से छिपे नहीं है।
उपरोक्त हालात में पिछले चार साल से जमकर कमाई करने वाले भाजपा पार्षदों तथा प्रतिनिधियों की दाल भी अब नगर पालिका में नहीं गल पा रही है। वहीं इस साल के अंत में नगरपालिका के चुनाव की संभावना के चलते अब पार्षदों को जनता के प्रति अपने उत्तर दायित्व की याद भी सताने लगी है। शायह यही वजह है कि पालिका में मनमाने ढंग से काम होने जैसे आरोप लगाने वह नेता भी सामने आने लगे हैं जो कल तक नगर पालिका से माल कमाने वालो में सबसे आगे थे।
शहर में जगह जगह अवैध निर्माण के अराजक हालात-
प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद दमोह नगर में जिस तरह से जगह-जगह अवैध कब्जा निर्माण, आधी अधूरी परमिशन के नाम पर ऊपरी चढ़ोत्तरी लेकर दुकानों के ऊपर दुकानों का निर्माण, दुकानों के आसपास खाली पड़ी जगह पर लेनदेन करके दी जाने वाली निर्माण की छूट, नगरपालिका का विभिन्न में मार्केट में सीढ़ियों की जगह को दुकानों में तब्दील करके चहेतों तो देने का प्रस्ताव, खाली पड़ी दुकानों का कथित पार्षद प्रतिनिधियों के बीच बंदरबांट, नाला नालियों के निर्माण, नेहरू पार्क के समीप सौंदर्य करण सहित अन्य पेंडिंग पड़े कार्यों का गुणवत्ताहीन निर्माण, नई पाइप लाइन बिछाने और खोदी गई सड़क मरम्मत आदि को लेकर अराजक हालात किसी से छिपे नही है। यदि पालिका के चर्चित प्रतिनिधियों, अधिकारियों तथा राजस्व विभाग के कुछ कर्मचारियों की संपत्ति की जांच ईओडब्लू से कराई जाए तो चौकाने वाले खुलासे होते देर नहीं लगेगी।
दमोह। नगर पालिका मैं पिछले 2 दिनों से बल्ला की धौंस पर राजनीतिक पब्लिक सिटी पाने वाले युवा मोर्चा के उपाध्यक्ष विवेक अग्रवाल के खिलाफ आखिरकार कोतवाली में अपराध पंजीबद्ध कर लिया गया। जिसके बाद भाजपा नेताओं के साथ कोतवाली पहुंचे बल्लेबाज नेता विवेक को एसडीएम कोर्ट में पेश किया गया। जहां उनकी जमानत याचिका खारिज हो जाने पर जेल भेज दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि इंदौर विधायक आकाश विजयवर्गीय द्वारा पिछले इंदौर नगरनिगम अमले के दो अधिकारियों के साथ बल्ले से की गई मारपीट के बाद दमोह नगर पालिका में विवेक अग्रवाल बल्ला लेकर पहुंच रहे थे। वहीं उनके सहयोगी बल्लेवाजी प्रदर्शन की तस्वीर को सोशल मीडिया पर लगातार वायरल कर रहे थे। हालांकि शुक्रवार को मीडिया को लाईव बल्लेवाजी अपडेट कराने के लिए विवेक नपा कार्यालय पहुंचे थे। जिसके बाद अखवारों में उनकी बल्लेवाजी सुर्खियों में छाने के साथ उनके खिलाफ रिपोर्ट की बजह भी बनी।
पहले भी चर्चाओं में रहे पार्षद प्रतिनिधि विवेक-
यह पहला मामला नहीं है जब पार्षद प्रतिनिधि विवेक अग्रवाल चर्चाओं में आए हो। पांच साल पहले हुए नगर पालिका चुनाव में भाजपा प्रत्याशी को पराजित करके इनकी मां नयाबाजार से निर्दलीय पार्षद निर्वाचित हुई थी। बाद में विवेक ने भाजपा का दामन थाम लिया तथा इनकों युवा मोर्चा का जिला उपाध्यक्ष बना दिया गया। नगरपालिका में पार्षद प्रतिनिधि के तौर पर बैठकों में सक्रिय भागीदारी के साथ विभिन्न निर्माण कार्यो के ठेके लेने वाले ठेकेदारों की तिकड़ी में इनका नाम सामने आता रहा है। नपा टाउन हॉल परिसर में दुकान कब्जाने, शक्ति भंडार के सामने प्याऊ के नाम पर नपा की सुलभ कांप्लेक्स निधि से अवैध दुकान निर्माण, उमा मिस्त्री तलैया पानी टँकी के चारो तरफ अवैध निर्माण कराने जैसे मामलों में भी इन पर उंगलिया उठाई जाती रही है। स्वच्छता अभियान तहत शहर में बनाए गए हजारों शौचालय के घटिया निर्माण सहित नपा के अन्य कार्यों में इनके द्वारा जबरजस्त कमाई करने जैसे आरोप भी लगातार लगते रहे हैं।
पूर्व में नगर पालिका के यही अधिकारी कर्मचारी इनके खिलाफ होने वाली शिकायतों को ठंडे बस्ते में दबाते रहे हैं। इतने पावर फुल पार्षद प्रतिनिधि रहे विवेक के सामने आखिर क्या हालात बने जो उनको बल्ला उठाना पड़ा तथा रिपोर्ट होने पर जेल जाना पड़ा। इसे समझने के लिए लोकसभा चुनाव के बाद बदली बदली सी नजर आ रही पालिका अध्यक्ष और उनकी टीम के रवैया को भी जानकार जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
मप्र में सत्ता परिवर्तन के बाद नपा में बदले हालात-
प्रदेश में विधानसभा चुनाव नतीजों में मंत्री जयंत मलैया की हार के साथ प्रदेश में हुए सत्ता परिवर्तन का असर दमोह नगर पालिका में भी देखने को मिला है। श्री मलैया के हमेशा नजदीक नजर आने वाली नगर पालिका अध्यक्ष मालती असाटी, उपाध्यक्ष नरेंद्र चंदेल सहित अधिकांश सभापति अब आजादी के साथ मनमाने निर्णय लेकर मलैया और उनके समर्थकों से कन्नी काटते नजर आने लगे हैं। पालिका प्रतिनिधियों द्वारा पीआईसी की बैठको में रखे जाने वाले अधिकांश प्रस्ताव जनहित के बजाय स्वयंहित या धनहित के होने जाने जैसे हालात के बीच कुछ कांग्रेस नेताओं और पार्षदों का भी ध्यान रखे जाने के हालात किसी से छिपे नहीं है।
उपरोक्त हालात में पिछले चार साल से जमकर कमाई करने वाले भाजपा पार्षदों तथा प्रतिनिधियों की दाल भी अब नगर पालिका में नहीं गल पा रही है। वहीं इस साल के अंत में नगरपालिका के चुनाव की संभावना के चलते अब पार्षदों को जनता के प्रति अपने उत्तर दायित्व की याद भी सताने लगी है। शायह यही वजह है कि पालिका में मनमाने ढंग से काम होने जैसे आरोप लगाने वह नेता भी सामने आने लगे हैं जो कल तक नगर पालिका से माल कमाने वालो में सबसे आगे थे।
शहर में जगह जगह अवैध निर्माण के अराजक हालात-
प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद दमोह नगर में जिस तरह से जगह-जगह अवैध कब्जा निर्माण, आधी अधूरी परमिशन के नाम पर ऊपरी चढ़ोत्तरी लेकर दुकानों के ऊपर दुकानों का निर्माण, दुकानों के आसपास खाली पड़ी जगह पर लेनदेन करके दी जाने वाली निर्माण की छूट, नगरपालिका का विभिन्न में मार्केट में सीढ़ियों की जगह को दुकानों में तब्दील करके चहेतों तो देने का प्रस्ताव, खाली पड़ी दुकानों का कथित पार्षद प्रतिनिधियों के बीच बंदरबांट, नाला नालियों के निर्माण, नेहरू पार्क के समीप सौंदर्य करण सहित अन्य पेंडिंग पड़े कार्यों का गुणवत्ताहीन निर्माण, नई पाइप लाइन बिछाने और खोदी गई सड़क मरम्मत आदि को लेकर अराजक हालात किसी से छिपे नही है। यदि पालिका के चर्चित प्रतिनिधियों, अधिकारियों तथा राजस्व विभाग के कुछ कर्मचारियों की संपत्ति की जांच ईओडब्लू से कराई जाए तो चौकाने वाले खुलासे होते देर नहीं लगेगी।
इन सब अराजक हालातों की शिकायत पूर्व मंत्री जयंत मलैया तक पहुंचने के बाद पालिका के पालनहार अब श्री मलैया से भी कन्नी काटते नजर आए है। ऐसे में अपनी ही पार्टी द्वारा शासित नगर पालिका में अधिकारी कर्मचारियों को बल्ले के जोर से चमकाने के नजारे यदि सामने आते हैं और 2 दिन बाद वही अधिकारी कर्मचारी रिपोर्ट दर्ज कराते हैं तो इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है। हालात “हाथी के दांत खाने के और दिखाने के ओर“ जैसे बने हुए हैं। नगर पालिका के किन प्रस्ताव, कार्यों और भुगतान को लेकर यह नेता और नपा के अधिकारी-कर्मचारी आमने सामने आए इसकी अंदरूनी जानकारी के अपडेट के साथ जल्द मिलते हैं। अटलराजेंद्र जैन की रिपोर्ट
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