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पानी की तलाश में खदान के पास पहुंचे हिरण को कुत्तों के झुंड ने मौत की नींद सुलाया.. बुंदेलखंड पैकेज के स्टॉप डेम और तालाबों में पानी नहीं रुकने से प्यासे मर रहे है वन्य जीव..

 सतपारा माइंस के पास निर्जीव हालत में मिला हिरण-
दमोह। तेज धूप और भीषण गर्मी में पानी की तलाश करते हुए आबादी क्षेत्र में पहुंचने वाले हिरण, चीतल चिंकारा जैसे वन्य जीवों को कुत्तों के हमले का शिकार होना पड़ रहा है। ऐसे ही कुछ हालात में पानी की तलाश करते हुए सतपारा खदान क्षेत्र में पहुंचे हिरण को मौत की नींद सुला दिए जाने का दुखद घटना क्रम सामने आया है।
 सतपारा माइंस के समीप निर्जीव हालत में हिरण के पड़े होने की सूचना मिलने गुरुवार सुबह हंड्रेड डायल को दी गई थी। इस पर हड्रेड स्टाफ आरक्षक नीलेश साहू, पायलट कोमल अहिरवार ने गौरैया घर सतपारा खदान के पास पहुंचे। जहाँ मृृत अवस्था में पड़े हिरण के शरीर पर जानवरों के पंजों के  जख्म के निशान साफ नजर आ रहे थे। मामले की सूचना पर वन विभाग के डिप्टी रेंजर देवेंद्र शुक्ला की टीम मौके पर पहुंची। पंचनामा कार्रवाई करके हिरन के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।
स्थानीय लोगों का कहना है पानी की तलाश में रात के समय अक्सर जंगली जानवर सतपारा खदान क्षेत्र में आते रहते हैं इस दौरान उन पर कुत्तों के झुंड घेराबंदी करके हमला कर देते हैं। अनेक बार ग्रामीण जन कुत्तों के चुंगल से जंगली जीवो को बचा भी चुके हैं। आपको बता दें पिछले दिनों की असलाना स्टेशन के समीप पानी की तलाश में आए एक काले हिरण के पीछे कुत्ते लग गए थे सूखे तालाब में गिर गए काले हिरण को इसी 100 डायल टीम ने ग्रामीणों की मदद से तालाब के बाहर निकाल कर और पानी पिलाकर नया जीवनदान दिया था।
उल्लेखनीय है कि जंगली इलाकों में जानवरों के पानी के इंतजाम के लिए बुंदेलखंड पैकेज के तहत करोड़ों रुपए की राशि पूर्व के वर्षों में कागजो में खर्च की गई थी। जिससे जंगली तालाब और स्टॉप डेमो में पानी नही रुकने से गर्मी शुरू होते ही जंगली जानवरों को पानी की तलाश में आबादी क्षेत्र में आकर मौत की नींद सोना पड़ रहा है। जिसका पाप उन्हीं भ्रष्ट अधिकारियों, नेता, ठेकेदारों को लगना तय है जिन्होंने बुंदेलखंड पैकेज की राशि में भ्रष्टाचार किया है। प्रवल सोनी की रिपोर्ट

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