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आरपीएफ का सहायक उपनिरीक्षक 10 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया.. स्टेशन के बाहर बस खड़े करने के एवज बस ऑनर से ली थी रिश्वत.. रिश्वत के रंग से रंगी वर्दी भी जप्त..

आरपीएफ का ASI रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार-
दमोह। रेलवे स्टेशन के बाहर खड़ी होने वाली यात्री बसों से रेलवे पुलिस की अवैध वसूली से परेशान एक बस ओनर की शिकायत पर सागर लोकायुक्त ने आरपीएफ के सहायक सब इंस्पेक्टर को 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा है। आरोपी को गिरफ्तार कर दमोह कोतवाली में कार्यवाही करते हुए रिश्वत के रंग से रंगी वर्दी को भी जप्त कर लिया गया है।
सागर से दमोह पहुंची  लोकायुक्त की टीम ने DSP राजेश खेड़े के नेतृत्व में  कार्रवाई करते हुए शनिवार रात  आरपीएफ के सहायक उपनिरीक्षक अवधेश कुमार मिश्रा को 10000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा है। रिश्वत की रकम नूरी नगर निवासी बस संचालक अकबर पठान से ली जा रही थी। लोकायुक्त को देख रिश्वतखोर ए एसआई ने पथरिया फाटक की तरफ भागने की कोशिश की। तथा पीछे दौड़ रहे लोकायुक्त के सिपाहियों को देख कर चोर चोर की आवाज लगा कर राहगीरों को गुमराह करने की कोशिश की। बाद में बमुश्किल आरोपी लोकायुक्त के हत्थे चढ़ा। दरअसल अकबर पठान की बस सुबह के समय ट्रेन से उतरने वाली सवारियों को लेने के लिए रेलवे स्टेशन परिसर में आती रहती थी। जिनसे आरपीएफ द्वारा लंबे समय से अवैध वसूली की जा रही थी। वहीं अवैध वसूली की रकम 10 हजार रुपए तक पहुंच जाने पर पीड़ित बस संचालक ने इसकी शिकायत लोकायुक्त को कर दी थी। 

जिसके बाद सागर लोकायुक्त की टीम ने अपना जाल बिछाते हुए शनिवार रात आरपीएफ के सहायक उप निरीक्षक अवधेश कुमार को स्टेशन सुलभ कांप्लेक्स के पास रिश्वत की रकम लेते हुए रंगे हाथों पकड़ने के लिए जमकर मशक्कत की। आरोपी एएसआई के एक नजदीकी रिश्तेदार दमोह एसपी ऑफिस में पदस्थ होने की वजह से पुलिस विभाग के कुछ लोग भी उसे बचाने की कोशिश में सक्रिय होते नजर आए। वहीं कुछ दलाल खबरची भी कोतवाली से अस्पताल तक ऐसे सक्रियता दर्ज कराते देखें जैसे सारी कार्यवाही का वह लाइव प्रसारण करने वाले हो। आधी रात को आरोपी एएसआई को जिला अस्पताल से मुलाहजे के बाद मुचलके पर छोड़ दिए जाने की जानकारी सामने आई है।

 कुल मिलाकर लोकायुक्त के शिकंजे में इस बार रेलवे पुलिस के सहायक थानेदार के आने तथा इनके रिश्तेदार एसपी ऑफिस में पदस्थ होने के बाद सबसे अधिक हड़कंप के हालात पुलिस के कतिपय दलालों के बीच मे नजर आये। इस घटनाक्रम के बाद उम्मीद की जा रही है कि रेलवे कैंपस में सुरक्षा के नाम पर भ्रष्टाचारी अवैध वसूली करने वाले लोग सबक लेंगे।

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