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अंबानी मालामाल और बीएसएनएल कंगाल.. केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ बीएसएनएल कर्मचारियों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी.

 बीएसएनएल कर्मचारियों की हड़ताल दूसरे दिन जारी
दमोह। ऑल यूनियन्स अॅड असोसिएशन ऑफ बीएसएनएल दमोह परिमंडल ने केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ बीएसएनएल कर्मचारी दूसरे दिन भी कार्यालय के बाहर मांगों को लेकर हड़ताल पर बैठे रहें। 
कर्मचारियों ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए नारे लगाए  मोदी जी आपका खेल...!! अंबानी का बोलबाला और बीएसएनल फेल...!! बीएसएनल करे पुकार ठप्प हुवा है कारोबार, कौन है इसका जिम्मेदार, ये सरकार, वो सरकार, नरेंद्र मोदी की सरकार। मोदी सरकार जवाब दो...! आगे कर्मचारियों ने मागों को रखते हुए बताया कि डीओटी ने अब कहां 0 प्रतिशत फिटमेंट के साथ ही 3तक रिवीजन संभव नहीं? टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट कहती है सरकार बीएसएनल को बंद करना चाहती है/रणनीति साझीदार को बेचना चाहती है। सरकार बीएसएनएल के बड़ी संख्या में शेयर बेचकर स्ट्रेटेजिक पार्टनर की खोज में है। 
सीएमडी फरवरी 2019 की सैलरी कुछ समय तक रोकने का अनुरोध कर रहे हैं, बीएसएनएल को बैंकों से लोन लेने की अनुमति नहीं दी जा रही है। रिटायरमेंट की उम्र सीमा 60 से 58 करने की सुगाबुगाहट भी होती रही है। जोपीएफ, बैंक, सिक्योरिटी, एलआईसी, की किश्तें वेतन से कटौत्रा करने के बावजूद संबंधित संस्थाओं को प्रेरित नहीं की जा रही है। रिलायंस जिओ को सरकार का महत्वपूर्ण संरक्षण प्राप्त है, भारतीय रेल ने बीएसएनएल की रिलायंस जिओ के कनेक्शन के लिए है। बीएसएनएल को अपनी जमीन व भवन का व्यवसायिक उपयोग करने में बाधाएं निर्मित की जा रही है जबकि इससे बीएसएनल को करोड़ों का राजस्व प्राप्त हो सकता है। बीएसएनएल की संपत्ति बीएसएनल को स्थानांतरित नहीं की जा रही है। बीएसएनएल की क्षति वित्तीय स्थिति के बावजूद अनावश्यक रूप से टॉवर्स के मेंटेनेंस का कार्य अनाप शनाप दर्रो पर आउटसोर्स पर करोडों रूपय बर्बाद किए जा रहे है। 



बीएसएनएल को 4जी स्पेक्ट्रम के आवंटन में बाधाएं निर्मित की जा रही है। पेंशन कॉन्ट्रीब्यूशन के भुगतान में सरकार के नियमों का लाभ बीएसएनएल को नहीं मिल रहा है ऐसे में हमारे संघर्ष के बूते ही हम बीएसएनएल की जीवंतता सुनिश्चित कर सकते है। कर्मचारियों ने बताया कि अब हमारे सामने एक ही रास्ता है हड़ताल और सिर्फ हड़ताल, पिछली बार हड़ताल क्यों नहीं हुई भूल जाइए.. अब बहुत विकट विकराल और भयावह स्थिति निर्मित हुई है हमने बीएसएनएल को सरकारी हमलों से 01.10.2000 से अब तक सुरक्षित रखा है। हम आज भी बीएसएनएल को ध्वस्त और धराशायी करने के लिए सरकार के इरादों को परास्त करने मं सक्षम है। लड़ाई अस्तित्व की है... अबकी बार, आर या पार.... संघर्ष करेंगे जोरदार एवं 3 दिवसीय ऐतिहासिक हड़ताल कर हम हमारे अधिकार को प्राप्त करेंगे।

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