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मुख्यमंत्री फसल ऋण माफी योजना में पूर्व कृषि मंत्री का भी नाम.. SBI की कर्जमाफी सूची में बुंदेलखंड विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष रहे कुसमरिया भी शामिल..

कर्ज माफी सूची में दिग्गज नेता कुसमरिया का भी नाम-
मप्र में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार द्वारा शुरु की गई  मुख्यमंत्री ऋण फसल माफी योजना के तहत बैंकों द्वारा चस्पा की जा रही माफी लायक ऋण वाले किसानों सूची में बड़े दिग्गज नेताओंं के नाम भी सामने आने लगे है।
मप्र सरकार की यह योजना बड़े किसान नेताओ के लिये भी वरदान साबित हो सकती है। हालांकि बड़े नेता इस का लाभ लेते हैं या नही स्थिति अभी साफ नही है। ऐसा ही एक रोचक मामला हटा की सकोर ग्राम पंचायत में सामने आया है। जहां स्टेट बैंक की हिनौता कला ब्रांच द्वारा जारी की गई ऋण माफी योजना तहत चयनित किसानों की सूची में अनेक बड़े किसानों के नाम  भी दृष्टिगोचर हो रहे हैं।

अनेक बार सांसद और विधायक और बुंदेलखंड विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष रहे पूर्व कृषि मंत्री डॉ रामकृष्ण कुसमरिया के ग्रह ग्राम सकोर के पँचायत भवन में चस्पा कर्ज माफी सूचियों में डॉ कुसमरिया का भी नाम दर्ज है। कुसमरिया के नाम से स्टेट बैंक की हिनोता शाखा में करीब 1 लाख 61 हजार 667 रुपये 24 पैसे का कर्ज होना बताया गया है। 
 हालांकि सकोर ग्राम पंचायत में कर्जमाफी योजना के लिये चिन्हित नोडल अधिकारी की माने तो  कुसमरिया द्वारा यहा अभी किसी प्रकार के घोषणापत्र या कर्जमाफी के लिये कागजी कार्यवाही नही की गई है। वही बैंक प्रबंधन के अनुसार कुसमरिया बड़े किसान है और उनका यह कर्ज रूटीन है। कर्जमाफी के सबन्ध में कुसमरिया की ओर से भी कोई बयान सामने नही आया है।

लेकिन दमोह और खजुराहो जैसी लोकसभा सीटों से पांच बार के सांसद, शिवराज सरकार में कृषि मंत्री और बीडीए अध्यक्ष रहे इस कद्दावर नेता और बड़े नाम का आम किसानों की कर्जमाफी सूची में नाम होना अपने आप मे आश्चर्यजनक है। क्योंकि कुसमरिया विधायक और सांसद के अलावा मीसाबंदी पेंशनर भी हैं। और हाल ही में दमोह और पथरिया विधानसभा सीटों से bjp से बगावत कर निर्दलीय चुनाब लड़ चुके है। पिछले दिनों मुख्य मंत्री कमलनाथ से मुलाकात के बाद इनका नाम आगामी लोकसभा चुनाव में दमोह तथा खजुराहो संसदीय क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर भी लिया जाने लगा है।
ऐसे में देखना होगा कि कभी भाजपा सरकार में कृषि मंत्री रहकर कांग्रेस पर निशाना साधने वाले बाबा कुसमरिया आम किसानों की तरह कर्जमाफी योजना का हिस्सा बनते हैं या फिर अपने हिस्से का कर्ज बैंक में जमा कर सरकार की मदद करते है। अटल राजेंद्र जैन की रिपोर्ट

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