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मप्र पुलिस में अब राजनीतिक फैसले नहीं.. पुलिस मॉर्डन और छवि प्रेरक बनेगी, अंगद गिरी होगी खत्म, सीएम कमलनाथ की पुलिस के उच्च अधिकारियों से दो टूक..

एक जगह जमे अफसरों की प्रथा समाप्त होगी-
भोपाल। मप्र में पुलिस की छवि को अब प्रेरक की तरह बनाने प्रयास किए जाएंगे। पुलिस को मॉडर्न बनाने के साथ पुलिस अफसरों को उनकी क्षमता के अनुरूप जिम्मेदारी सौंपी जाएगी एक ही जगह पर वर्षों से जमे अधिकारियों की अंगद गिरी को समाप्त किया जाएगा।
 पुलिस विभाग के हित में लिए जाने पर वाले फैसलों को राजनीतिक नजरिए से नहीं देखा जाएगा।
 यह बात प्रदेश के नए मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ ने पुलिस उच्चाधिकारियों के साथ अपनी पहली महत्वपूर्ण बैठक के बाद बुधवार शाम पुलिस मुख्यालय के बाहर मीडिया से चर्चा के दौरान व्यक्त किए। मुख्यमंत्री ने कहा कि लंबे समय से विभाग में टिके अफसरोंं की प्रथा खत्म की जाएगी। में चाहता हूं कि अफसरों को उनकी क्षमता के आधार पर ही पोस्टिंग मिले। किसी की पंसद से पोस्टिंग अब नहीं दी जाएगी। बैठक में मैंने अधिकारियों से प्रजेंटेशन लिया है। अपने प्रदेश की छवि सबसे पहले पुलिस विभाग से बनती है। यही पुलिस अधिकारियों से मैंने चर्चा की है की अच्छी छवि कैसे बने।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर विभाग की मैंने जानकारी ली है और मैंने कहा है कि सबसे बड़ी चीज है कि प्रेणित पोस्ट होनी चाहिए। ऊपर से लेकर नीचे तक। यही हमारी प्रथामिकता है। कुछ पुलिस ऑफिसर्स 7 साल या 5 साल से एक ही जगह टिके हुए हैं। ये प्रथा ख़त्म करना चाहता हूँ। क्षमता के आधार पर उनको पोस्ट मिले ये नहीं की ये मेरी पसंद का है वो मेरी पसंद का है। 
राजनीतिक नहीं होगा पुलिस विभाग ही लेगा निर्णय-

  सीएम से पूछा गया कि क्या 21 हजार पुलिस रिजर्व बल को रेगुलर पुलिस फोर्स में उसको मर्ज करने का फैसला है। उन्होंने इसके जवाब में कहा कि यह फैसला पुलिस विभाग करेगा। इस तरह के फैसले राजनीतिक नहीं होना चाहिए मैं इसका विरोध करता हूं। यह फैसला स्वयं पुलिस विभाग करेगा। वीकली आफ के लिए व्यवस्था- मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं वीकली ऑफ के पक्ष में हूँ। इस बारे में मेरी चर्चा डीजीपी साहब से हुई है। वह व्यवस्था बना रहे हैं। किस तरह से हम पुलिसकर्मियों को एक दिन का आवकाश दे सकेंगे इसके लिए काम होगा।

कांग्रेस के वचन पत्र में पुलिस से किए थे यह वायदे-
कांग्रेस के वचन पत्र में पुलिस कर्मचारियों को सप्ताह में एक दिन का अवकाश देने,पुलिसबल की कमी को दूर करने के लिए 50,000 पुलिसकíमयों की भर्ती करने,
पुलिस जवानों को मिलने वाला आवास भत्ता बढ़ाकर 5,000 रुपये प्रतिमाह करने प्रतिदिन के ड्यूटी समय को कम करने, पुलिस को काम करने के लिए तनावमुक्त वातावरण देने जैसे वायदे किए गए थे। मंत्री कमलनाथ की उच्च अधिकारियों के साथ पहली बैठक के बाद लगता है कि कांग्रेश अपने वचन पत्र के मुताबिक पुलिस के मामले में भी गंभीरता दिखा रही है। अटल राजेन्द्र जैन की रिपोर्ट

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