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दमोह नगर में आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महा मुनिराज संघ की ऐतिहासिक भव्य मंगल भगवानी.. सिंघई मंदिर में शनिवार सुबह प्रवचन धर्म सभा का आयोजन..

आचार्यश्री विशुद्ध सागर जी संघ की भव्य भगवानी

दमोह। विरागोदय पथरिया में मंगल वर्षा योग चातुर्मास संपन्न होने के बाद आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महामुनि राज का संघ सहित दमोह नगर में भव्य मंगल प्रवेश हुआ इस अवसर पर जगह-जगह अचार्य संघ की भव्य मंगल आगवानी की गई। आचार्य संघ का रात्रि विश्राम सिंघई मंदिर धर्मशाला में हो रहा है। सुबह यहां पर प्रवचन धर्म सभा का आयोजन है। इसके बाद आहारचर्या के लिए यहीं से सभी मुनि राज निकलेंगे।
शुक्रवार दोपहर बाद पट्टाचार्य मुनि श्री विशुद्ध सागर जी महाराज के संघ सहित दमोह नगर आगमन पर समाज के द्वारा भव्य अगवानी की गई ख्वाजा खेड़ी ग्राम में आहार  के पश्चात मुनि संघ पद बिहार करते हुए साहू टिगडा मलिया मिल पहुंचा जहां पर दमोह के विधायक जयंत मलैया ने सपरिवार मंगल अगवानी की। उसके पश्चात तीन गुल्ली स्टेशन चौराहा राय चौराहा घंटाघर से ध्गत चौराहा होते हुए नन्हे मंदिर के बाद सिंघई धर्मशाला पहुंचे जहां पर मुनि श्री के मंगल प्रवचन हुए..
इसके पूर्व पद बिहार के पूरे मार्ग को तोरण द्वारों बैनर से सजाया गया जगह-जगह पर रंगोली सजाई गई, आचार्य महाराज का पद प्रक्षालन किया गया आचार्य महाराज ने अपने मंगल प्रवचनों में कहा कि आज धर्म का रथ युवा खींच रहे हैं इतिहास में भी इसके प्रमाण मिलते हैं युवाओं के माध्यम से ही धर्म की प्रभावना हो सकती है आज इतनी कम उम्र के युवा संत देखने को मिल रहे हैं युवा पानी की धार की तरह होते हैं जिसे जहां मोड़ दिया जाता है वह मुड़ जाता है..
दमोह वह भाग्यशाली नगर है जहां बड़े बाबा एवं छोटे बाबा आचार्य श्री का सदैव आशीर्वाद प्राप्त होता रहा है यह भूमि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज की साधना स्थली रही है और गुरु महाराज आचार्य विराग सागर महाराज जी की जन्म स्थली रही है दमोह के लोग बहुत दमदार हैं जो मोह  का दमन कर दमदार बन जाते हैं जिस तरह कश्मीर में केसर होता है इस तरह मध्य प्रदेश में धर्मात्मा उत्पन्न होते हैं पंचम काल के अंतिम समय तक धर्म की ध्वजा फहराती रहेगी।

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