डिजिटल अरेस्ट और 45 लाख की धोखाधड़ी..
जबलपुर। डिजिटल अरेस्ट के जरिए फ्रॉड किए जाने के देशव्यापी मामले सामने आने के साथ इनको लेकर सतर्क रहने की देशव्यापी अपील के साथ सोशल मीडिया पर डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लगातार जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है इसके बावजूद लोग डिजिटल अरेस्ट करने वालों के जाल में फंसकर लाखों रुपए गंवा देते है। ऐसा ही एक मामला जबलपुर से सामने आया है जहां एक बुजुर्ग फ्राड करने वालो का शिकार बन गया..
जबलपुर के रहने वाली एक बुजुर्ग से 45 लाख की धोखाधड़ी का मामला डिजिटल अरेस्ट के माध्यम से सामने आया है मामला साइबर क्राइम का है जहां जबलपुर के रहने वाली एक बुजुर्ग से मुंबई सीबीआई अधिकारी बनकर हेलो में सीबीआई से बोल रहा हूं के शब्दों में छूट आरोप में फंसे और अरेस्ट वारंट बोलकर बचने के लिए अपने अकाउंट में 45 लख रुपए आरटीजीएस के माध्यम से ट्रांसफर करवाए गए..
जिसकी
शिकायत बुजुर्ग द्वारा साइबर क्राइम जबलपुर में किए जाने के बाद साइबर सेेेल ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुर कर दी है। साइबर सेल प्रभारी इंस्पेक्टर सविता ठाकुर ने बताया कि प्रथम दृश्यट्या यह बात स्पष्ट हुई है कि बुजुर्ग द्वारा 45 लख रुपए
आरटीजीएस यश बैंक के अकाउंट में ट्रांसफर किए गए। कॉल डिटेल कोलकाता की
बताई जा रही है। आगे की भी जांच पड़ताल साइबर क्राइम जबलपुर द्वारा की जा
रही है..
सुबह से घर में घुसे अजगर के बच्चे ने फैलाई दहशत.. जबलपुर। गढ़ा थानांतर्गत पिसनहारी मढिया क्षेत्र निवासी
रामेश्वर सिंह के घर में सुबह साढ़े सात बजे अचानक एक अजगर का ढाई फीट लंबा
बच्चा धीरे धीरे रेंगते हुए घर के बैठक कक्ष में प्रवेश कर गया। जिससे वहां अफरातफरी मच गई। रामेश्वर सिंह ने गढ़ा थाने में सूचना दी थाने से
सर्प विशेषज्ञ गजेन्द्र दुबे को सूचित किया गया जिन्होंने मौके पर पहुंचकर
रैस्क्यू करते हुए सांप को पकड़कर जंगल में छोड़ दिया।
दुबे के अनुसार
पकड़ा गया सर्प इंडियन राक पायथन प्रजाति का सांप है।जो कि मुरम युक्त जमीन
और चट्टानों की सतह पर पाया जाता है। इसकी वास्तविक लंबाई दस फीट तक रहती
है, ये जहरीला नहीं होता लेकिन अगर अपने शिकार को जकड़ ले तो जब तक शिकार
का दम ना घुट जाए तब तक ये उसे छोड़ता नहीं है। अचानक बारिश रुक जाने से
उमस बढ़ गई जिससे राहत पाने के लिए सरीसृप लोगों के घरों में प्रवेश कर रहे
हैं। जबलपुर से वाजिद खान की रिपोर्ट
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