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उपभोक्ता फोरम ने रेल्वे विभाग को सेवा में कभी का दोषी ठहराया.. परिवादी को क्षतिपूर्ति एवं किराया वापिस दिलाये जाने का आदेश पारित किया..

रेल्वे विभाग को सेवा में कभी का दोषी ठहराया
दमोह।
परिवादी पी.आर. पटेल एडवोकेट ने एक परिवाद इस आशय का प्रस्तुत किया था कि वह माह दिसम्बर 2024 में ब्रहमकुमारी विश्वविधालय शिविर में माउंटआबू सोमनाथ जबलपुर ट्रेन से गये हुये थे और दिनांक 02/12/2024 को सोमनाथ जबलपुर ट्रेन कमांक 11465 से उनका रिजर्वेशन अहमदाबाद स्टेशन से दमोह स्टेशन तक का था। परिवादी दिनांक 02/12/2024 को अहमदाबाद से सोमनाथ ट्रेन से दमोह आ रहे थे जैसे ही ट्रेन मोपाल स्टेशन पहुंची तभी अचानक रेल्वे विभाग द्वारा ट्रेन का रूट परिवर्तित करके भोपाल वाया इटारसी कर दिया गया और परिवादी को दमोह स्टेशन न छोडकर जबलपुर स्टेशन पर छोड दिया गया जबकि परिवादी को दमोह स्टेशन पर उतरना था तब परिवादी ने रेल्वे विभाग को एक नोटिस प्रेषित किया कि उनसे अहमदाबाद से दमोह तक का किराया लिया गया लेकिन उन्हें जबलपुर स्टेशन छोड दिया गया रेल्वे विभाग का उपरोक्त कृत्य सेवा में कमी का स्पष्ट प्रतीक था।

रेल्वे विभाग ने परिवादी का नोटिस प्राप्ति के बाबजूद भी न तो किराया वापिस किया और न ही कोई क्षतिपूर्ति राशि प्रदान की तब परिवादी ने माननीय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग दमोह के समक्ष इस आशय का परिवाद पत्र प्रस्तुत किया जिसका परिवाद पत्र कमांक 28/2025 था। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग के अध्यक्ष श्री आरके सिघई एवं सदस्य राजेश कुमार ताम्रकार ने परिवादी के अधिवक्ता पीआर पटैल, मयंक पटैल, अनूप कुमार, अलका कोष्टी, शुभम आनंद एवं हरिदास अहिरवाल के तर्को से सहमत होकर परिवादी का परिवाद पत्र स्वीकार कर रेल्वे विभाग को सेवा में कमी का दोषी पाते हुए कहा कि रेल्वे विभाग को परिवादी द्वारा लिये गये किराये को वापिस करना था या अन्य ट्रेन की व्यवस्था कर परिवादी को गंतव्य स्थान पर पहुंचाने की व्यवस्था करना थी ऐसा न कर रेल्वे विभाग को परिवादी के प्रति सेवा में कमी का दोषी पाया पारित किया। और परिवादी को क्षतिपूर्ति एवं किराया वापिस दिलाये जाने का आदेश पारित किया।

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