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दमोह में पर्यूषण पर्व के समापन पर मुनि संघ के मंगल सानिध्य में निकली श्रीजी की भव्य शोभा यात्रा.. तेंदूखेड़ा एवं तारादेही में अर्यिका संघ के सानिध्य में श्रीजी की भव्य शोभायात्रा निकाली गई

पर्यूषण पर्व समापन पर निकली भव्य शोभायात्रा

दमोह। जैन धर्म के सबसे बड़े पर्व पर्यूषण पर्व पर श्री जी की भव्य शोभायात्रा मुनि श्री प्रयोग सागर जी महाराज एवं मुनि श्री सुब्रत सागर जी महाराज के मंगल सानिध्य में  सिटी नल से प्रारंभ हुई जिसमें बड़ी संख्या में जैन समाज के पुरुष महिलाएं एवं बच्चे हाथों में धर्म ध्वजा लिए धर्म प्रभावना करते हुए मंगल गीत गाते हुए शोभा यात्रा में सम्मिलित हुए।
 श्री दिगंबर जैन विमान कमेटी के नवनिर्वाचित अध्यक्ष महेश दिगंबर एवं उद्घोषक सुनील वेजीटेरियन ने बताया कि चांदी के चमचमाते रथ पर श्री जी को विराजमान कर श्रावकगन अपने हाथों से रथ  को खींचते हुए ले जा रहे थे अनेक स्थानों पर शोभायात्रा का स्वागत किया गया श्रावक गणों ने श्री जी की आरती उतारी एवं श्रीफल अर्पित कर मुनि संघ का आशीर्वाद ग्रहण किया

शोभायात्रा पुराना थाना बकोली चौराहा घंटाघर राय चौराहा होती हुई नसिया मंदिर प्रांगण जैन स्कूल पहुंची। इसके पूर्व बकौली चौराहा पर कांग्रेस पार्टी के पूर्व विधायक अजय टंडन रत्नचंद घाट पिपरिया एवं मनु मिश्रा आदि ने मंगल अगवानी की एवं स्वागत किया।
 इसके पश्चात घंटा घर पर पूर्व वित् मंत्री एवं दमोह के वर्तमान विधायक जयंत मलैया के साथ सांसद राहुल सिंह ने श्री जी की मंगल अगवानी की एवं समाज के लोगों का स्वागत कियाजगह-जगह पर तोरण द्वार लगाए गए रंगोली से पूरे मार्ग को सजाया गया एवं श्रावक गनों के द्वारा श्रीजी की मंगल अगवानी की गई।

 बैंड बड़ों के साथ मंगल गान करते हुए रथ को  हाथ से खींच कर नसिया मंदिर प्रांगण ले जाया गया जहां पर श्रीजी का अभिषेक शांति धारा आरती के पश्चात मुनि श्री के मंगल प्रवचन संपन्न हुए पालकी जी में विराजमान शास्त्र जी की मंगल आरती की गई इस मौके पर समिति के द्वारा पर्यूषण पर्व में 10 निर्जल उपवास करने वाले तपस्वियों विद्वानों एवं पाठशाला में साल भर शिक्षण कार्य करने वाले शिक्षक शिक्षिकाओं को सम्मानित किया गया
कमेटी के द्वारा समाज के प्रतिभावान छात्र-छात्राओं का भी सम्मान किया गया
दिगंबर जैन पंचायत के अध्यक्ष सुधीर सिंघई एवं विमान कमेटी के अध्यक्ष महेश दिगंबर कुंडलपुर कमेटी के अध्यक्ष चंद्र कुमार सराफ पूर्व अध्यक्ष संतोष सिंघई देवेंद्र सेठ नसिया मंदिर के महामंत्री अभय बनगांव आदि ने मुनि श्री को श्रीफल अर्पित किए।  मुनि श्री के पद प्रक्षालन का का सौभाग्य चंद्र कुमार सराफ परिवार को प्राप्त हुआ अनेक लोगों के द्वारा मुनि श्री को शास्त्र भेंट किए गए कार्यक्रम का सफल संचालन सुनील वेजीटेरियन एवं नवीन निराला ने किया
मुनि श्री प्रयोग सागर जी महाराज ने अपने मंगल प्रवचन में कहा कि जैन धर्म में पर्यूषण पर्व के समापन पर श्रीजी की शोभायात्रा निकालने की पुरानी परंपरा है जिन शासन के निमित्त से धर्म प्रभावना का यह कार्य बहुत ही हर्ष उल्लास के साथ संपन्न होता है सकल जैन समाज संगठित होकर धर्म प्रभावना के लिए अभूतपूर्व सहयोग करती है आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज दमोह को कुंडलपुर का प्रवेश द्वार कहते थे और उनकी कृपा से हम सभी को इतनी ऊर्जा एवं शक्ति प्राप्त होती है कि हम धार्मिक अनुष्ठानों को सफलतापूर्वक कर पाते हैं
गुरुदेव की प्रेरणा से कुंडलपुर में भव्य ऐतिहासिक मंदिर निर्मित हो चुका है जो की आने वाली सदियों तक धर्म प्रभावना के केंद्र के रूप में कार्य करता रहेगा धर्म क्षेत्र और साधुओं की सेवा करने के लिए पुण्य की आवश्यकता होती है साधु सेवा में स्वार्थ नहीं होता निस्वार्थ सेवा का सम्मान होना चाहिए पर्यूषण पर्व का समापन क्षमावाणी से होता है क्षमा हम उन्हीं से मांगते हैं जो हमारे बहुत करीब होते हैं दिल से दिल  मिले या ना मिले किंतु हाथ मिलाना नहीं छोड़ना चाहिए पर्यूषण आत्म शुद्धि का पर्व है आत्मा के प्रदूषण को मिटाने से ही सुख शांति संभव है और आत्मा का कल्याण हो सकता है..
तेंदूखेड़ा में श्रीजी की भव्य शोभायात्रा निकाली गई 
दमोह। पर्यूषण पर्व के समापन पर बुधवार को तेंदूखेड़ा नगर की सकल जैन समाज ने सुबह से भगवान श्रीजी का पूजन अभिषेक व शांतिधारा की गई। इसके बाद दोपहर डेढ बजे से अर्यिका रत्न अनुपममति माता जी, अनुभव मति माता जी एवं ध्रवमति माता जी के ससंघ सानिध्य में भगवान श्रीजी का विमान सजाकर नगर में भव्य शोभा यात्रा निकाली गई। 
शोभा यात्रा भगवान पाषनाथ दिगम्बर जैन मंदिर से प्रारंभ हुई। शोभा यात्रा में बैंड गाजे बाजे डीजे के साथ युवा, बर्जुग एवं महिलाए भगवान के जयकारे लगाकर चल रहे थे। जगह जगह प्रत्येक जैन समाज के घरो के सामने भगवान श्रीजी का विमान रोकर आरती उतारी गई एवं श्रीफल भेंट किए गए।
शोभा यात्रा मुख्य मार्ग से होकर भगवान शांतिनाथ जी के मंदिर पहुंची जहां पर विधिविधान से पूजन के बाद नगर के मुख्य मार्गो से होकर शोभा यात्रा पुनः भगवान  पारसनाथ जी के मंदिर पहुंची जहां भगवान का अभिषेक पूजन के उपरान्त शोभा यात्रा का समापन हुआ। इसके अलावा संध्याकाल में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमो का आयोजन किया गया।
तारादेही में श्री जी की भव्य शोभायात्रा निकाली गई 
दमोह।दसलक्षण पर्व सानन्द संपन्न होने पर तारादेही दिगंबर जैन समाज द्वारा ग्राम में भव्य श्री जी की भव्य शोभायात्रा  यात्रा आर्यिका विमल मति माता जी के सानिध्य में  निकाली गई। शोभायात्रा श्री शांतिनाथ जिनालय शांतिधाम से शुरू हुई जो ग्राम के मुख्य मार्गो से होते हुए निकाली गई ,

जियो और जीने दो” के संदेश का हुआ जयघोष, सत्य, अहिंसा, मैत्री और शांति का संदेश शोभायात्रा के आगे-आगे जैन पंचरंगा ध्वज, झंडा-पताका लिए श्रद्धालु जैन संदेश देते चल रहे थे। गाजे-बाजे, घंटी के मधुर धुन पर श्रद्धालु नृत्य करते रथयात्रा की शोभा बढ़ा रहे थे। इस महोत्सव को लेकर जैन समाज के बीच खासा उत्साह था। शोभायात्रा में सभी लोगो ने  अपने घर से श्री जी की आरती की तत्पश्चात, शांतिधाम परिसर पहुंची, मंदिर जी पहुंचकर श्रीजी का सहस्त्र कलशों से अभिषेक किया गया।
तत्पश्चात आर्यिका माता जी ने प्रवचन में बताया कि पयुर्षण महापर्व यानी दशलक्षण पर्व का जैन धर्म में बहुत महत्व का माना गया है। जैन धर्म में पर्युषण पर्व को आत्म जागृति तथा आत्म शुद्धि का पर्व कहा गया है तथा यह सभी पर्वों का 'राजा' माना गया है। इस पर्व की विशेष महत्ता के कारण ही इस पर्व को 'राजा' कहा जाता है। इस महापर्व के समापन पर क्षमावाणी का पावन पर्व मनाया जाता है, जो मन को शुद्ध कर देता है। यह पर्व अहंकार, कषाय, अभिमान को दूर करके जीवन में मधुरता घोल देता है। यह हमें अपने अहम् को दूर रखकर धर्म के मार्ग पर चलते हुए सभी को क्षमा करने और सभी से माफी मांगने की सीख देता है। बुधवार को जैन समाज द्वारा  क्षमावाणी पर्व भी धूमधाम से मनाया गया। जिसमे साल भर जाने अनजाने में हुई गलतियों के लिए एक दूसरे से क्षमा याचना की गई..

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