तेंदूखेड़ा के जंगल में जुआ फड़ पर पुलिस की रेड
दमोह।
तेंदूखेड़ा ब्लॉक में चारों ओर घना और हरा-भरा जंगल है जो अब जुआरियों का
अड्डा बन चुके हैं जंगल जैसे सुदूर क्षेत्रों में जुआ खेलना अब एक बढ़ती
हुई समस्या बनती जा रही है अपराधी पुलिस की नजरों से बचने के लिए ऐसे
स्थानों का चयन कर रहे हैं जहां उन्हें लगा कि वे पकड़े नहीं जाएंगे लेकिन
पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने दिखा दिया कि कानून की नजर से बचना इतना आसान
नहीं है..
तेन्दूखेड़ा थाना प्रभारी ने जंगल में चल रहे जुआ फड़ पर
कार्रवाई करते हुए हजारों रुपए की जब्ती और दो कारों सहित मोबाइल फोन जब्त
किए हैं और जुआ एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है दमोह पुलिस अधीक्षक
श्रुतकीर्ति सोमवंशी के निर्देश एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संदीप
मिश्रा,तथा एसडीओपी तेन्दूखेड़ा डीएस ठाकुर के मार्गदर्शन में अवैध जुआ के
विरूध्द प्रभावी कार्यवाही की गई है.. वहीं
जंगल में जुआ खेलना इस बात का संकेत है कि अपराधी अब भीड़भाड़ वाले शहरी
क्षेत्रों से दूर जाकर अपने काम को अंजाम दे रहे हैं ऐसे क्षेत्रों में
पुलिस की पहुंच और निगरानी अपेक्षाकृत कम होती है जिसका फायदा उठाकर ये लोग
गौर कानूनी कामों को अंज़ाम देने की कोशिश करते हैं
शनिवार
को मुखबिर की सूचना पर पुलिस अधीक्षक दमोह की विशेष टीम एवं थाना
तेंदूखेडा की टीम द्वारा तेन्दूखेड़ा के जंगल अजीतपुर खमरिया एवं ग्राम
पाँजी के जंगल में चल रहे जुआ फड़ पर कार्यवाही की गई। जिसमें आठ आरोपियों
के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध कर मौके से आरोपियों के पास एवं फड़ से कुल
40,200/-रुपये नगद एवं 08 मोबाईल कीमती 40,000/- रुपये एवं दो अल्टो कार
कीमती 2,50,000/- रुपये की कुल जप्ती 3,30,200/-की गई। अवनेश
यादव, उमेश यादव, कपिल यादव. वीरेन्द्र गौड़, निखिल तिवारी, अमर सिंह
शाक्य, मयंक लोधी, दीपक ठाकुर सभी निवासी पाटन जिला जबलपुर, फरार आरोपी
राहुल यादव, पवन यादव, बंटू यादव, बब्लू यादव शामिल हैं जिनके खिलाफ जुआ
एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है..
वहीं
पहले भी तेन्दूखेड़ा पुलिस द्वारा जंगलों में जुआ फंडों पर बड़ी बड़ी
कार्रवाई कर चुकी है लेकिन जुआरी अपनी हरकतों से बाज नहीं आते हैं और फिर
से जंगलों में अपना अड्डा बना जुआ खेलना और खुलना शुरू कर देते हैं सूत्रों
द्वारा खबर है कि तेन्दूखेड़ा वन परिक्षेत्र के जंगलों में अभी भी क ई
स्थानों पर जुआ फड़ संचालित हो रहे हैं लेकिन पुलिस इन तक नहीं पहुंच पा
रही है वहीं नगर के कुछ लोगों का आरोप है कि जंगलों में जुआ फड़ पुलिस
विभाग के ही कुछ अधिकारी और कर्मचारियों की मिलीभगत और संरक्षण में होता है
जहां पुलिस की टीम के पहुंचने से पहले ही इन जुआरियों को भनक लग जाती है
और वह अड्डा बदल लेते हैं.. विशाल रजक की रिपोर्ट
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