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अक्षय तृतीया पर निर्यापक मुनिश्री सुधा सागर जी के सानिध्य में विविध आयोजन.. जैन मिलन ने किया इक्षू रस वितरण.. कुंडलपुर से मुनि श्री प्रसाद सागर जी ससंघ का विहार, मुनि श्री चंद्रप्रभसागर जी के प्रवचन..

आहार दान देने के लिए सौधर्म इंद्र भी तरसता है- मुनि श्री सुधा सागर जी

दमोह। श्री पारसनाथ दिगंबर जैन नन्हे मंदिर धर्मशाला में युग श्रेष्ठ आचार्य भगवान श्री विद्यासागर जी महाराज एवं आचार्य श्री समय सागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य निर्यापक मुनि श्री सुधा सागर जी महाराज संघ सहित विराजमान है मुनि श्री के सानिध्य में प्रतिदिन पूजन भक्ति के साथ प्रवचन का लाभ भक्तगण उठा रहे हैं। मुनि श्री के प्रवचन प्रातः ठीक 8:00 बजे प्रारंभ हो जाते हैं वहीं जिज्ञासा समाधान कार्यक्रम शाम को ठीक 6:00 बजे प्रारंभ होता है। जिसमें भी प्रतिदिन बड़ी संख्या में भक्त जनों की भीड़ उमड़ रही है।
अक्षय तृतीया के अवसर पर निर्यापक मुनि श्री सुधा सागर जी महाराज ने अपने मंगल प्रवचनों में भरत बाहुबली के समय इनके बीच हुए धर्म युद्ध का उल्लेख किया। मुनि श्री ने कहा कि दिगंबर मुनिराज को आहार दान देने के लिए स्वर्ग का राजा सोधर्म इंद्र भी तरसता है मुनिराज के हाथ में एक ग्रास देने के लिए वह अपने स्वर्ग का पूरा राज भी छोड़ने को तैयार रहता है किंतु उसे यह सौभाग्य प्राप्त नहीं हो पाता। 

आहार दान देने वाले मनुष्य को सम्यक दृष्टि देवता सो सो बार नमस्कार करते हैं। ऐसी मूल्यवान क्रिया से मनुष्य अपने आप को वंचित कर लेता है यह उसका दुर्भाग्य ही कहा जाएगा। मुनि श्री ने कहा की आज भगवान ऋषभदेव को 7 महीने 8 दिन के पश्चात आहार  लाभ हुआ था श्रावक को आज आहार दान देने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था  आज लाभ दिवस है कि दान दिवस यदि लाभ दिवस मनाते हैं तो अधर्म होता है और दान दिवस मनाने पर महा धर्म होता है दान का उत्सव मनाया जाता है श्रावक दान देकर अपने पुण्य की सराहना करता अपने जीवन को धन्य मानता है जबकि मुनि आहार ग्रहण करते हुए अपने कर्मों को कोसते हैं वे आहार लेकर के दुखी होते हैं क्योंकि उनको आहार लेना पड़ता है अक्षय तृतीया लाभ से नहीं दान दिवस से प्रसिद्ध है यह त्याग का दिवस है ग्रहण करने का दिवस नहीं। 
मुनि श्री के दर्शनों के लिए प्रतिदिन जिले की सकल जैन समाज के साथ सैकड़ो की संख्या में विभिन्न क्षेत्रों से भक्तगण नई जैन मंदिर पधार रहे हैं। वही व्यापक व्यवस्थाओं में नन्हे मंदिर कमेटी के अध्यक्ष नवीन निराला महामंत्री राजकुमार रानू पारस सहित सभी पदाधिकारी एवं सदस्य तथा स्वयं सेवक समिति से राम जैन एवं अमरदीप लालू सहित पूरी टीम लगातार सेवाएं देकर धर्म लाभ अर्जित कर रहे हैं। णमोकार महिला मंडल एवं बालिका मंडल भी लगातार जिम्मेदारी का निर्वहन कर रही है। 
सराफ परिवार को मिला आहार दान का सौभाग्य
अक्षय तृतीया के अवसर पर श्री पारसनाथ दिगंबर जैन नन्हे मंदिर जैन धर्मशाला से मुनि श्री सुधा सागर जी महाराज का पड़गाहन करके आहार दान हेतु अपने में चौके में ले जाने का सौभाग्य कुंडलपुर क्षेत्र कमेटी के अध्यक्ष चंद्र कुमार सराफ परिवार को प्राप्त हुआ। जबकि छुललक श्री गंभीर सागर जी महाराज को आहार दान का सौभाग्य रितेश मोनू गांगरा परिवार को प्राप्त हुआ।
जैन मिलन नगर प्रमुख शाखा ने किया इक्षू रस वितरण
दमोह। अक्षय तृतीया पर्व के पावन अवसर पर जैन मिलन नगर प्रमुख शाखा दमोह द्वारा परम् पूज्य निर्यापक श्रवण मुनिपुंगव सुधा सागर जी महाराज सासंघ के मंगल आशीर्वाद से भगवान आदिनाथ स्वामी को प्रथम आहार प्राप्त होने की खुशी में ईक्षूरस का वितरण कर समस्त मुनि भक्तों की पाड़ना कराने का सौभाग्य प्राप्त किया गया है।
 शाखा के अध्यक्ष अरुण जैन के निर्देशन में क्षेत्रीय मंत्री कविता ऋषभ जैन एवं राष्ट्रीय संयोजक वंदना सराफ के आतिथ्य में जैन मिलन नगर प्रमुख शाखा दमोह द्वारा यह आयोजन किया गया। 
जिसमे राष्ट्रीय संयोजक राकेश जैन हरदुआ, आनंद जैन, क्षेत्रीय उपाध्यक्ष दिलेश चौधरी, क्षेत्रीय मुख्य संयोजक सुधीर जैन डब्लू, क्षेत्रीय संयोजक संजय सराफ, सबन सिल्वर, राजेश ओशो, कोषाध्यक्ष सचेंद्र जैन मंत्री मुकेश मम्मा संजीव शाकाहारी, सुभाष बमोरया, प्रमोद बड़कुल, केपी जैन, विकल्प जैन, जिनेन्द्र जैन मंडला, विकास जैन रेलवे, संदीप जैन, सुबोध बजाज, महेंद्र जैन करुणा, संतोष अविनाशी, शैलेन्द्र मयूर, राजेश हिनौती, आलोक पालंदी,विनय जैन सुनील वेजिटेरियन, सहित सभी मिलन पदाधिकारियों एवं समाज के बंधुओं की उपस्थिति रही।
जैन महिला मंडल झलौन ने गन्ने का रस पिलाकर मनाया अक्षय तृतीया पर्व.. दमोह। अखिल भारत वर्षीय दिगंबर जैन महिला मंडल श्री चंदा प्रभु शाखा चेलना संभाग झलौन के द्वारा अक्षय तृतीया पर्व पर सैकड़ो महिलाओं पुरुष एवं बच्चों को गन्ने का रस एवं जूस पिलाकर अक्षय तृतीया पर्व को मनाया आज अक्षय तृतीया के दिन भगवान आदिनाथ को 6 माह बाद गन्ने के रस से राजा श्रेयांश ने आहार दिए थे इसलिए आज के दिन अक्षय तृतीया के रूप में मनाते हैं..
इस अवसर पर पूर्व विधायक प्रताप सिंह लोधी जनपद अध्यक्ष तुलाराम यादव एवं ग्राम की वरिष्ठ नागरिक एवं युवा घनश्याम सिंह मोती जैनबृतेश जैन अशोक जैन डॉक्टर पवन जैन मुकेश जैन समय जैन महिला मंडल में अध्यक्ष श्रीमती सरिता जैन सचिव श्रीमती राखी जैन श्रीमती विनीता जैन श्रीमती मिनी जैन श्रीमती नेहा जैन श्रीमती सविता जी एवं समस्त महिला मंडल के सदस्यों ने आज अतिथियों को गाने का रस एवं जूस पिलाकर अक्षय तृतीया फार्म मनाया और अतिथियों का श्रीफल देकर एवं माला पहनकर स्वागत  कराया
कुंडलपुर से मुनि श्री प्रसाद सागर जी ससंघ का विहार. दमोह ।सुप्रसिद्ध सिद्ध क्षेत्र ,जैन तीर्थ कुंडलपुर की पावन धरा से युग श्रेष्ठ संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य  पूज्य आचार्य श्री समय सागर जी महाराज के मंगल आशीर्वाद से निर्यापक श्रमण मुनि श्री प्रसाद सागर जी महाराज, मुनि श्री पदम सागर जी महाराज ,मुनि श्री शीतल सागर जी महाराज नए उप संघ का मंगल विहार कुंडलपुर से हुआ। संभावित विहार दिशा तेंदूखेड़ा पाटन।
उंकार शब्द के माध्यम से मोक्ष की प्राप्ति होती..मुनि श्री चंद्रप्रभसागर जी.. दमोह। सुप्रसिद्ध सिद्ध क्षेत्र कुंडलपुर में संत शिरोमणि आचार्य गुरुवर विद्यासागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य पूज्य आचार्य श्री समय सागर जी महाराज के चतुर्विध संघ के सानिध्य में अक्षय तृतीया पर्व धूमधाम से मनाया गया ।इस अवसर पर प्रातः  भक्तांमर महामंडल विधान, पूज्य बड़े बाबा का अभिषेक, शांति धारा ,पूजन, विधान हुआ। ज्ञान साधना केंद्र परिसर के सामने पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज एवं आचार्य श्री समय सागर जी महाराज की पूजन हुई। मुनि संघ एवं आर्यिका संघ की आहार चर्या संपन्न हुई ।मुनिश्री चंद्रप्रभसागर जी महाराज ने मंगल प्रवचन देते हुए कहा हमारा देश धर्म प्रधान देश है । इसमें अनेक प्रकार के संप्रदाय ,मजहब हैं, पंथ हैं, संस्कृति है ।
सभी परंपरा में चार पुरुषार्थ बताए गए हैं धर्म अर्थ काम मोक्ष। जैसे दिशाएं चार हैं गति चार हैं उसी प्रकार यह पुरुषार्थ भी चार हैं। चारों पुरुषार्थों में धर्म पुरुषार्थ को प्रधानता दी गई है ।मंगलाचरण में आप बोलते उंकार आचार्य श्री को जो बहुत प्रिय था वह मंगलाचरण बार-बार बोलते थे ।ओंकार बिंदु संयुक्तम आचार्य महाराज बार-बार बोलते थे बड़े-बड़े योगी भी ओंकार का ध्यान करते हैं ।अंत समय उंकार निकले वह काम में आता है। आचार्य श्री उंकारा नमो नमः बोलते थे वह हमेशा बोलते थे। ओम शब्द के माध्यम से मोक्ष की प्राप्ति होती ।उसके माध्यम से अंतरंग भाव प्रकट होता। आचार्य श्री बोलते एक अक्षर बोलो सब कार्य हो जाएगा ओम अक्षर। धर्म से लेकर मोक्ष तक चार पुरुषार्थ है। दो पुरुषार्थ अर्थ और काम संसार में भटका देते ।जैसे-जैसे मन में विचार है वैसा-वैसा आचार होता चला जाता ।अंतरंग में शुभ परिणाम रखो  हमेशा अच्छा सोचो ,सोच अच्छी रखो विचार के माध्यम से प्रचार प्रसार होता रहता है । जैसे विचार मन में रहते वैसा कार्य होता। मुनि श्री ने एक लकड़हारा का प्रसंग सुनाते हुए अपने प्रवचन को पूर्ण किया। मुनि श्री निराकुल सागर जी महाराज ने रामचरितमानस के प्रसंग को सुनाते हुए प्रवचन दिया।
 

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