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ऊंची दुकान का फीका पकवान साबित हो रही.. पेट्रोल डीजल के दामों में दो रुपये की मामूली कटौती.. मोदी सरकार को चुनाव के पहले दाम और कम करने विचार करना चाहिए..

 पेट्रोल डीजल के दामों में दो लीटर की मामूली कमी

नई दिल्ली। भारत सरकार के पेट्रोलियम मंत्रालय द्वारा लोकसभा चुनाव के ठीक पहले पेट्रोल तथा डीजल के दामों में ₹2 प्रति लीटर की कटौती की खबर सामने आ रही है। जिसको सोशल मीडिया और न्यूज़ चैनल पर लोकसभा चुनाव के पहले जनता को बड़ी राहत का नाम देकर जमकर महिमा मंडी किया जा रहा है । जबकि पेट्रोल डीजल के दामों में की जा रही यह मामूली कटौती ऊंची दुकान का फीका पकवान जैसा साबित होती नजर आ रही है। क्योंकि पिछले 2 साल मैं कच्चे तेल की कीमतों में लगातार गिरावट के बाद भी पेट्रोल डीजल के दाम कम नही किये गए हैं..

उल्लेखनीय की लोकसभा चुनाव के मद्देनजर मार्च माह की शुरुआत में रसोई गैस की कीमतों में ₹100 प्रति सिलेंडर की दर से कमी का ऐलान किया गया था जिससे लोग राहत महसूस कर रहे थे वही उम्मीद के साथ अटकलें लगाई जा रही थी कि जल्द ही पेट्रोल डीजल के दामों में भी कम से कम ₹10 लीटर के हिसाब से कमी अर्थात कटौती करके जनता को राहत देने की कोशिश की जाएगी। मोदी सरकार से आम नागरिकों की यह अपेक्षा अपेक्षा ही रहती नजर आई है।
क्योंकि पेट्रोल डीजल के दामों में कटौती के मामले में भारी कंजूसी दिखाई गई है। 15 मार्च सुबह 6:00 से 2 रुपए प्रति लीटर की दर से यह कटौती किए जाने की जानकारी सामने आई है और इसको लेकर केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री ने बाकायदा ट्वीट करते हुए बड़ी राहत बताते हुए दूसरे देशों की तुलना में भारत में पेट्रोल डीजल के दाम काफी कम होने का उल्लेख किया है।
 यहां उल्लेखनीय है कि कच्चे तेल के दामों में लगातार गिरावट के बीच लंबे समय से पेट्रोल डीजल के दामों में देश में कमी की उम्मीद के बावजूद कोई राहत नहीं दी गई वहीं चुनाव के पहले राहत की जो उम्मीद की जा रही थी वह मोदी सरकार के व्यक्तित्व के मुकाबले नाकाफी साबित हो रही है। जिसको लेकर फिर से कहा जा सकता है कि ₹2 की कटौती ऊंची दुकान का फीका पकवान ही साबित हो रहा है। कच्चे तेल के दामों को ध्यान में रखकर केंद्र सरकार को चुनाव के पहले एक बार फिर पेट्रोल डीजल के दामों में कमी करके आम नागरिकों की उम्मीदों को पूरा करना चाहिए।

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