अधिकारी की वेतन निकालने लेखपाल ने मांगी रिश्वत
इंदौर। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के मतदान होने के बाद कार्यालय शुरू होते ही रिश्वतखोरी के खेल ने जोर पकड़ लिया है। कल ग्वालियर लोकायुक्त ने पीडब्ल्यूडी के 25 पर्सेंट कमीशन खोर कार्यपालन यंत्री को अपने ही विभाग के ठेकेदार से रिश्वत लेते रहेंगे हाथों पकड़ा था वही आज इंदौर लोकायुक्त ने खरगोन जिले में स्वास्थ्य विभाग के 33 पर्सेंट कमीशन खोर लेखापाल को अपने ही अधिकारी से 45000 रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ने के बाद में कार्यवाही की है।
इंदौर लोकायुक्त टीम ने बुधवार को खरगोन जिले के झिरनिया स्थित
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के लेखापाल आनंद कनेल को 45 हजार रुपए की
रिश्वत लेते रंगे हाथो गिरफ्तार किया गया है। आरोपी लेखापाल आनंद कनेल
द्वारा झिरनिया तहसील के उप स्वास्थ्य केंद्र बड़ी में पदस्थ सामुदायिक
स्वास्थ्य अधिकारी निकेश कनाडे से रुके हुए एक लाख 33 हजार रुपए के लंबित
पड़े वेतन और अन्य भुगतान को लेकर कुल 56 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की
गई थी। जिसके बाद फरियादी सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी निकेश कनाडे द्वारा
इसकी शिकायत इंदौर में लोकायुक्त एसपी से की गई थी।
जिसके बाद डीएसपी प्रवीण सिंह बघेल के नेतृत्व में पहुंची लोकायुक्त इंदौर की टीम ने आरोपी लेखापाल को 45 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथो गिरफ्तार कर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत कारवाई की है। रिश्वत की यह रकम आरोपी द्वारा अपने सहयोगी पान दुकान वाले के यहां रखवाई गई थी उसे भी मामले में सह आरोपी बनाया गया है। लंबित वेतन भुगतान के बदले में ली गई रिश्वत की रकम 33 परसेंट के करीब होती है जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्वास्थ्य विभाग में यहां पर 33 पर्सेंट कमीशन रूपी रिश्वत का खेल चल रहा था।
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