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हटा थाने में पदस्थ रहे आरक्षक राममिलन शर्मा को गमगीन माहौल में अंतिम विदाई.. एसडीओपी की विदाई पार्टी के बाद हृदयघात से हुआ निधन.. छतरपुर जिले के ग्राम रसूईया में शव वाहन को मुश्किल मिला रास्ता..

हटा में पदस्थ आरक्षक राममिलन की हृदयाघात से मौत

दमोह। जिले के हटा थाने में पदस्थ रहे छतरपुर जिले के निवासी युवा आरक्षक राममिलन शर्मा का हृदय घात से दुखद निधन हो जाने का घटनाक्रम सामने आया है। बताया जा रहा है कि बीती रात एसडीओपी वीरेंद्र बहादुर सिंह की विदाई पार्टी में वह शामिल हुए थे। उसके बाद अचानक सीने में दर्द उठने पर उन्हें अस्पताल लाया गया जहां बाद में उनको मृत घोषित कर दिया गया।

हटा पुलिस थाना में गुरुवार सुबह पूरे पुलिस सम्मान के साथ आरक्षक स्व राममिलन शर्मा की पार्थिव देह को पुष्प चक्र अर्पित करके श्रद्धांजलि पुष्पांजलि अर्पित की गई। इस दौरान एसडीओपी वीरेंद्र बहादुर सिंह थाना प्रभारी मनीष मिश्रा सहित पुलिस प्रशासन के अधिकारी कर्मचारी पत्रकारों गणमान्य नागरिकों सहित बड़ी संख्या में हटा वासियों की मौजूदगी रही। यहां से पार्थिव देह को उनके गृह ग्राम छतरपुर जिले के मातगुवां थानाक्षेत्र के ग्राम रसूईया रवाना किया गया। 
रास्ते में दमोह जिले की सीमा पर अंतिम थाना रजपुरा में भी स्व. राम मिलन शर्मा की पार्थिव देह को थाना प्रभारी राजीव पुरोहित एवं पुलिस स्टाफ ने पुष्पांजलि अर्पित करके विदाई दी।
छतरपुर के ग्राम रसूईया में रास्ते को लेकर रुका शव वाहन
गुरुवार दोपहर स्वर्गीय राम मिलन शर्मा का शव उनके गृह जिले छतरपुर के मातगुवां थाना के ग्राम रसूईया पहुचा। जहा शव यात्रा निकालने देने के लिए रास्ता नहीं मिलने पर कुछ देर तक विवाद के हालात बने रहे। दरअसल इस गांव में लंबे समय से आवागमन की सुविधा का अभाव ग्रामीण जन झेलते आ रहे हैं। 

पूर्व में जिस रास्ते का उपयोग ग्रामीण जन करते थे वह निजी भूमि में होने की वजह से भूमि मालिक द्वारा बंद कर दिया गया था। जिससे ग्रामीणों का आवागमन की परेशानी हो रही थी। जिसको लेकर 2 दिन पूर्व इसी रास्ते के विवाद को लेकर छात्र छात्राओं ने जनसुनवाई में जाकर हंगामा किया था वही आज पुलिसकर्मी के शव के पहुंचने के बाद रास्ता नहीं मिलने पर ग्रामीणों के विरोध के बाद राजस्व विभाग के आर आई एवं पटवारी ने पहुंचकर निजी भूमि का रास्ता खुलवाकर शव वाहन को निकलवाने की व्यवस्था बनाई। विनम्र श्रद्धांजलि

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