पांचवे दिन भी भरी रही पंडाल, बाहर भी अपार भीड़..
दमोह।
शहर के होमगार्ड मैदान पर 24 दिसंबर से 9 दिवसीय श्रीराम कथा का आयोजन
किया जा रहा है। इसी क्रम में पांचवें दिन बुधवार को बागेश्वर धाम
पीठाधीश्वर परम पूज्य गुरुवर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी महाराज ने
भगवान के गुरुकुल जाने की कथा सुनाई उन्होंने बताया कि किस तरह से मर्यादा
पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के दर्शन करने शिवजी और कागभुशुण्ड जी पहुंचते
हैं और किस तरह से वह ज्योतिष बनकर अयोध्या में जाकर भगवान श्री राम के
दर्शन करते हैं। इसके बाद उन्होंने गुरुकुल की कथा भक्तों को श्रवण कराई।
नर्मदा पुरम से पैदल चलकर आई पांच महिलाएं
श्री वाघेश्वर धाम पीठाधीश्वर पंडित श्री धीरज कृष्ण शास्त्री जी के दर्शन करने के लिए नर्मदा पुरम से 5 महिलाएं पैदल चलकर गुरुजी के दर्शनों के लिए दमोह पहुंची उन्होंने सैकड़ों किलोमीटर की पैदल यात्रा करने के बाद दमोह पहुंचकर कृष्णा हाइट में गुरु जी के दर्शन किए। जहां पर गुरु जी ने स्वयं अपने हाथों से उन्हें प्रसाद खिलाया और आशीर्वाद दिया।
जिला नर्मदा पुरम होशंगाबाद ग्राम विजयवाड़ा तहसील पिपरिया निवासी विनीता कहार, पिया गुर्जर, मुन्नीबाई, देवकी व तिलक सिंह ने बताया कि सैकड़ो किलोमीटर की पैदल यात्रा करते हुए दमोह पहुंची। जहां पर कृष्णा हाइट में गुरु जी से मुलाकात की गुरु जी ने उन्हें आशीर्वाद दिया और अपने हाथों से प्रसाद खिलाया। गुरु जी ने अपने हाथों से प्रसाद खिलाते हुए उन्हें भरपूर आशीर्वाद दिया। रात में रुकने के बाद दूसरे दिन सभी महिलाएं श्रीबागेश्वर धाम के लिए पैदल रवाना हो हुईं।
घरों में काम करने नहीं जा रहे मजदूर.. 24 दिसंबर से 1
जनवरी तक चलने वाली श्री राम कथा के आयोजन को देखते हुए कई घरों में काम
करने वाले लोग घरों में काम करने नहीं जा रहे हैं। बल्कि व कथा पंडाल स्थल
पर पहुंचकर श्री राम कथा में कथा श्रवण कर पुण्य अर्जित कर रहे हैं। घरों
में बर्तन धोने, कपड़े धोने व अन्य कार्यों के लिए जाने वाले कई मजदूर श्री
राम कथा पंडाल में कथा प्रारंभ होने के 2 घंटे पहले ही पहुंच जाते हैं
जिससे उन्हें बेहतर स्थान बैठने के लिए मिल सके और वह शाम तक चलने वाली
श्री राम कथा के बाद ही वापस घर लौटते हैं।
लिया संकल्प छोड़ी लहसुन प्याज..नौ
दिवसीय श्रीराम कथा के दौरान बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पंडित श्री धीरज
कृष्ण शास्त्री जी महाराज ने बताया कि किसी भी शिष्य को लहसुन प्याज का
सेवन नहीं करना चाहिए सुनने के बाद न केवल शिष्य, बल्कि श्री राम कथा सुनने
पहुंचने वाले हजारों लाखों लोगों ने संकल्प लिया कि वह जीवन में कभी भी
लहसुन प्याज का सेवन नहीं करेंगे। लक्ष्मीकांत तिवारी एवं प्रफुल्ल श्रीवास्तव
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