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श्री मुनिसुव्रत तीर्थ बांसा में भव्य ऐलक एवं क्षुल्लिका दीक्षा संपन्न.. चौपरा में ध्वजारोहण से पंच कल्याणक का शुभारंभ..लखरोनी पंच कल्याणक में ज्ञान कल्याणक मनाया.

श्री मुनिसुव्रत तीर्थ बांसा में भव्य ऐलक एवं क्षुल्लिका दीक्षा

 दमोह। आचार्य श्री 108 शांति सागर जी महाराज की परंपरा के षष्ठम पट्टाचार्य आचार्य श्री अभिनंदन सागर जी महाराज के प्रियाग्र शिष्य आचार्य श्री 108 उदार सागर जी महाराज द्वारा भव्य ऐलक एवं क्षुल्लिका दीक्षा प्रदान की गयी। मुनिसुव्रत युवा संघ के मीडिया प्रभारी गौरव सिंघई एवं आयुष जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रातः नित्य अभिषेक पूजन, विधान के पश्चात वेदी शिलान्यास एवं भव्य ऐलक और क्षुल्लिका संपन्न हुई। इस पावन सुअवसर पर सकल दि. जैन समाज बांसा एवं बाहर से पधारे गुरु भक्तों ने पुण्य का संचय किया।


आचार्य गुरुदेव ने अपने प्रवचन के माध्यम से बताया कि संयम कितना जरूरी है संयम के बिना आपको वैराग्य नही हो सकता। आचार्य गुरुदेव ने एक दृष्टान्थ बताया कि जब उनकी क्षुल्लक दीक्षा हो रही थी 1987 मे तब दीक्षा प्रदाता गुरु आचार्य श्री विद्या सागर जी महाराज ने एक बात कही कि अगर कभी भी तुम्हारा मन विचलित होने लगे तो अपनी क्षुल्लक दीक्षा के क्षण को स्मृति मे लाना और चिंतन करना कि उस समय कितना उत्साह था दीक्षा लेने का। ऐसा सोचने से आपका संयम और भी द्रण होता जायेगा।

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प्रवचन के उपरांत आचार्य श्री उदार सागर जी महाराज ने दोनो दीक्षार्थी के ऊपर दीक्षा के संस्कार किये एवं उन्हे दीक्षा विधि अनुसार व्रत दिये। क्षुल्लक बाहुबली सागर जी महाराज एवं ब्र. कुसुम दीदी जी के गृहस्थ जीवन के परिजन यहाँ उपस्थित रहे। क्षुल्लक बाहुबली सागर जी महाराज को आचार्य श्री उदार सागर जी महाराज के कर कमलों से ऐलक दीक्षा प्राप्त और नामकरण हुआ ऐलक श्री 105 उत्साह सागर जी महाराज और साथ मे ही ब्र. कुसुम दीदी जी को आचार्य श्री उदार सागर जी महाराज के कर कमलों से ऐलक दीक्षा प्राप्त हुई और नामकरण हुआ। क्षुल्लिका श्री 105 उदित मति माता जी दोनो दीक्षार्थी ने दीक्षा पाकर प्रसन्न मन से गुरु चरणों मे नमोऽस्तु निवेदित किया और मोक्ष मार्ग को प्रशस्त कर आगे बढ़ चले।

ध्वजारोहण से पंच कल्याणक महोत्सव का शुभारंभ.. 

दमोह। जबेरा जनपद क्षेत्र की धर्म नगरी चंडी चोपरा चौबीसा मैं 21 अप्रैल से 26 अप्रैल तक पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव परम पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के आशीर्वाद एवं परम पूज्य मुनि श्री प्रबुद् सागर जी महाराज के सानिध्य एवं प्रतिष्ठा आचार्य सुमित भैया भोपाल विनय भैया डॉ अभिषेक जैन सागर के निर्देशन में संपन्न होने जा रहा है। जिसके प्रथम चरण में आज घट यात्रा संपन्न हुई जो शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर से प्रारंभ होकर सू पारसनाथ मंदिर पारसनाथ मंदिर जानकी रमण मंदिर भवानी माता मंदिर होते हुए ग्राम के पुराने कुआं पर पहुंची गांव के मुख्य मार्गो से होते हुए कार्यक्रम स्थल पहुंची।
ध्वजारोहण करने का सौभाग्य श्रीमती ममता / जिनेश मोदी  प्राप्त हुआ कार्यक्रम स्थल का प्रवेश फीता काटकर पूर्व विधायक प्रताप सिंह लोधी एवं पंच कल्याणक समिति द्वारा किया गया निस्वार्थ सामाजिक संगठन प्रमुख सचिन मोदी ने बताया कि प्रतिदिन सुबह से पूजन प्रवचन एवं रात्रि कालीन में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे कार्यक्रम में उपस्थित रहे पूर्व विधायक प्रताप सिंह राजेश जैन जबेरा प्रदीप श्रीपाल जैन परस्वाहा दीवान नरेंद्र सिंह संतोष सिंघई बनवार बिंदे सेठ सगरा पप्पू सिंघई डूमर एवं चौबीसा क्षेत्र की सकल जैन समाज रही।
मोहरूपी अज्ञान तम का नाशक ज्ञानकल्याणक-मुनिश्री अजितसागर
 दमोह। लखरोनी पथरिया  में चल रहे पंच कल्याणक महोत्सव के पांचवे दिन ज्ञान कल्याणक के दिन भगवान को केवल्य ज्ञान की प्राप्ति हुई।  इस अवसर पर धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनिश्री ने कहा की ज्ञानवान वही है जो आचरण वान हो क्योंकि जहां पर आचरण है वहां पर ज्ञान नियम से सम्यग्ज्ञान का रूप लेता है व्यक्ति के जीवन में दो शक्तियां होती हैं

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शारीरिक एवं आत्मिक जिसमें शारीरिक शक्ति उम्र के अनुसार बढ़ती है तो वृद्धावस्था में घट जाती है पर आत्मिक शक्ति उम्र के साथ बढ़ती जाती है वेदांत दर्शन के अनुसार आत्मा ज्ञान स्वरूपी है आत्मा को ज्ञान स्वरूपी सभी दर्शनों में माना है जैन दर्शन में कहा गया है कि जो एक को जानता है वो सबको जानता यानी कि आत्मा को जानने वाला सबको जनता है। प्रचार मंत्री कवीश सिंघई ने बताया कि मोक्ष के पूर्व की अंतिम क्रिया ज्ञान होती है इसलिए ये कल्याणक मनाया जाता है। सायंकालीन आरती विद्यासागर पाठशाला गढ़ाकोटा के बच्चों द्वारा गुरुगाथा नाटिका की सुंदर प्रस्तुति दी गई।

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