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हटा उपजेल में सुविधा शुल्क नहीं देने पर बंदियों से मारपीट.. बंदियों के इस्तगाशा पर कोर्ट ने वकीलों के सामने करवाया मुलाहिजा..जेलर व पंचायत अध्यक्ष के बंदी पुत्र पर वसूली आरोप

 दमोह। जिले का हटा उपजेल बंदियों से वसूली और मारपीट किये जाने को लेकर सुर्खियों में है। यहा हत्या के मामले में जमुनिया निवासी बंदियों ने हटा न्यायालय में इस्तगाशा पेश करके हटा जेलर मयंक यादव, जिला पंचायत अध्यक्ष पुत्र बन्दी इंद्रपाल पटेल, ब्रजेश लोधी व अन्य जेल प्रहरियों के माध्यम से जेलर के लिए बंदियों द्वारा अवैध वसूली व मारपीट की शिकायत न्यायालय में दर्ज कराई है।


  बन्दी मधु रामनारायण शर्मा, व अन्य 08 का कहना है के 18 मार्च 2022 को जेलर मयंक यादव, इंद्रपाल,पटेल व अन्य बंदियों ने एक लाख रु की मांग को लेकर उनके साथ गंभीर मारपीट की। उनके खून लगे कपड़े साक्ष्य मिटाने के उद्देश्य से जेलर ने जला दिए। मारपीट के दौरान जेल प्रहरी राठौर को जेलर का डंडा लगा तो घटना छिपाने उल्टे बंदियों पर मामला बनवा दिया गया। पूरी मारपीट जेल कैमरे के ब्लैक पॉइंट पर की गई जिससे घटना रिकॉर्ड न हो सके।
न्यायालय आदेश से हुई कार्यवाही.. हटा अपर सत्र न्यायाधीश के के मिश्रा के न्यायालय में उपरोक्त बंदियों का मामला विचाराधीन है। घटना की शिकायत उनके सामने आने पर तत्काल न्यायालय ने अपने अधीनस्थ न्यायालय श्री शरद लटोरिया के माध्यम से औचक जेल दौरा करवाया व बंदियों से पूंछताछ करवाई। न्यायालय ने आज इस्तगशा मिलने पर तत्काल बंदियों के मुलाहिजा उनके अधिवक्ताओं की उपस्थिति में करने के आदेश दिए व प्रकरण के शिकायतकर्ता शुभम शर्मा के बयान दर्ज कर 28 मार्च को बंदियों की साक्ष्य कराने जेलर को आदेश जारी किया है।

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जेल अच्छे से काटने सुविधा शुल्क बसूली..मामले में पैरविकर्ता अधिवक्ता मनीष नगाइच व अनिल मिश्रा ने बताया के  मधु शर्मा, राजेन्द्र शर्मा, हरिनारायण शर्मा, जयनारायण शर्मा, दयाराम शर्मा, विजय शर्मा, रोहित शर्मा, राहुल शर्मा व धर्मेंद्र शर्मा 302 के मामले में हटा उपजेल में बन्दी है। इनसे जेल अच्छे से काटने सुविधा शुल्क के नाम पर पिछले साल जुलाई में 80000 रु उनके भतीजे शुभम से जेलर मयंक यादव ने लिये थे। अब फिर से 100000 रु की मांग की जा रही थी जिसे पूरा न करने पर बंदियों के साथ मारपीट की गई है ।इस मामले की जानकारी मिलने पर केंद्रीय जेल सागर के राकेश बांगरे बंदियों की फुटेज व कथन ले चुके विभागीय जांच चल रही है अब आपराधिक मुकदमा पंजीबद्ध कराने न्यायालय में इस्तगशा लगाया गया है।

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