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कुंडलपुर महामहोत्सव के दूसरे दिन माता मरूदेवी की गोद भराई.. वीर प्रभु के चरणों में स्थान मिलना सबसे महत्वपूर्ण- आचार्य श्री .. दोपहर में बड़े बाबा मंदिर में पूजन विधान का सौभाग्य..

 विश्व प्रसिद्ध जैन तीर्थ स्थल कुंडलपुर में बड़े बाबा मंदिर निर्माण अवसर पर छोटे बाबा के विशाल समवसरण के सानिध्य में पाषण से प्रतिमा बनाने के पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के दूसरे दिन गर्भ कल्याणक उत्तर की क्रियाएं संपन्न हुई।  अयोध्या नगरी के रूप में विकसित कार्यक्रम स्थल विशाल पांडाल में प्रातः श्री जी के अभिषेक शांतिधारा पूजन उपरांत पूजन विधान प्रारंभ हुआ। इस दौरान माता मरु देवी के गर्भ में तीर्थंकर बालक के आने की खुशियां झूमते नाचते हुए राजा नाभि राय के दरबार में मनाई गई। वही विधान के महा पात्रों के साथ श्रावक जनों ने 24 तीर्थंकर भगवान के गर्भ कल्याणक के अर्घ्य समर्पित करके अपना जीवन धन्य किया।  दोपहर बाद आचार्य भगवन विद्यासागर जी महाराज के ससंघ सानिध्य में दिव्य देशना का लाभ सभी को प्राप्त हुआ..

वीर प्रभु के चरणों में स्थान मिलना सबसे महत्वपूर्ण- आचार्य श्री 

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गर्भ कल्याणक उत्तर के शुभ दिन दोपहर के प्रवचनों मैं आचार्यश्री विद्या सागर जी महाराज ने दिव्य देशना प्रदान करते हुए कहा कि आज गर्भ कल्याणक का अंतिम दिन है हम वीर प्रभु से प्रार्थना करते हैं कि जैसा मुक्ति मार्ग मुझे  गुरु ने प्रशस्त किया सबके लिए वैसा ही मार्ग प्रशस्त हो। जीवन में जो भी हासिल हुआ वह सब नश्वर है वीर प्रभु के चरणों में स्थान मिलना सबसे महत्वपूर्ण है।

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महामहोत्सव में आहार चर्या स्वयंसेवक समिति कुंडलपुर में विराजित समस्त मुनि संघ, आर्यिका माताजी की सेवा में निरंतर लगी हुई है। स्वयंसेवक समिति के प्रभारी सिद्धार्थ गांगरा ने बताया कि समिति के करीब 60 सदस्य प्रत्येक साधु के साथ अलग-अलग आहार चर्या कराने जाते हैं, उन्हें आहार चर्या के साथ औषधी सेवन कराते हैं। समिति के सदस्य करीब एक माह से इसी काम में लगे हुए हैं समिति में प्रमुख केसर चंद जैन, सचिन जैन, पीयूष जैन, अनुराग जैन, राहुल सिंघई, प्रियल जैन सहित करीब 60 लोग अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
गुरु आशीष के बिना ज्ञान दुर्लभ है् मुनि श्री प्रणम्य सागर
गर्भ कल्याणक उत्तर के शुभ अवसर पर सुबह पात्र शुद्धि,अभिषेक, शान्तिधारा के शुभ दिन मुनि श्री प्रणम्य सागर जी महाराज के मगंल प्रवचन हुऐ। आचार्य संघ की आहार चर्या उपरांत मण्डप में सादो का एवं गोद भराई का कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह पंचकल्याणक अद्भुत है क्योंकि यह  पंचकल्याणक 11 दिन का है, यह दुर्लभ है दुर्लभ गुरु मुख से बचन, दुर्लभ गुरु मुस्कान होती है, बोधी भावना हमें धर्म की दुर्लभता को सिखाती है।

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 पंचकल्याणक में हिस्सा लेने वाले सभी ने पात्रता प्राप्त कर ली है पात्रता बहुत बड़ा इंश्योरेंस है, गुरु चरण में रहने से हमारा और आप लोगों का नंबर आएगा। मोक्ष के लिए दुर्लभ गुरु आशीष है, दुर्लभ है गुरु ज्ञान। कुंडलपुर महोत्सव में प्रातः कालीन आपने मंगल प्रवचनओं मुनि श्री प्रणम्य सागर जी महाराज ने कहा कि मैं दुनिया भर में घूम कर आ गया जो आनंद गुरु चरणों में है वह और कहीं नहीं, यह पंचकल्याण दुनिया में धर्म की महिमा अपरम्पार है,इसमें देवता भी आयेगे,दुनिया में इतना बड़ा महोत्सव मैं पहली बार देख रहा हूं और आप लोग भी, उन्होंने आगे कहा कि जिसका मन राग से हटकर धर्म ज्ञान की ओर जाए वे सम्यक दृष्टि हैं, इसके पूर्व प्रातः काल प्रतिष्ठाचार्य ब्रा विनय भैया के निर्देशन में भगवान की नित्यमय पूजन की गई, दोपहर में माता की गोदभराई का कार्यक्रम किया गया, माता के सोलह सपने का चित्रण किया गया, तीर्थंकर बालक के जन्म का दरबार लगाया गया एवं माता के सपनों का कथन के फल को बताया गया।

दोपहर में बड़े बाबा मंदिर में पूजन विधान का सौभाग्य


विश्व प्रसिद्ध जैन क्षेत्र कुंडलपुर जी में पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव अवसर पर सोधर्मेंद्र द्वारा निर्मित की गई अयोध्या नगरी में जहां सुबह से श्रीजी के नित्य पूजन अभिषेक विधान की क्रिया प्रारंभ हो जाती है वही दोपहर में बड़े बाबा मंदिर परिसर में पूजन विधान करने का सौभाग्य भी प्रमुख पत्रों को प्राप्त हो रहा है। इधर देश-विदेश से आने वाले श्रावक जन क्षेत्र कमेटी द्वारा उपलब्ध कराई गई बसों के जरिए पहाड़ी पर बड़े बाबा मंदिर के दर्शन करने पहुंच रहे हैं। इस दौरान बड़े बाबा मंदिर में की गई नक्काशी कला को देखकर आश्चर्यचकित होते भक्तजन चारों तरफ की परिक्रमा करके मंदिर निर्माण कार्य एवं कला की प्रशंसा करने से थकते हुए नजर नहीं आते।
बाजार में झूला आकर्षण का केन्द्र
महामहोत्सव में बाजार व्यवस्था हेतु करीब ढाई सौ दुकानें बनाई गई है इनमें से करीब 200 दुकान है विधिवत प्रारंभ हो चुकी है। बाजार व्यवस्था में कई प्रकार के झूले लोगों के मनोरंजन हेतु लगाया जाए बाजार में मध्य प्रदेश के अलावा राजस्थान गुजरात एवं कई प्रदेश के लोगों ने अपनी दुकानें लगाई हुई है, खादी वस्त्र भंडार एवं हथकरघा वस्त्र भंडार यहां की प्रमुख दुकानें हैं जो आचार्य श्री की प्रेरणा से निरंतर चल रही हैं समिति के प्रभारी प्रभात सेठ ने बताया कि हमने यह दुकान है नो प्रॉफिट नो लॉस के आधार पर लोगों को आवंटित की हैं, बाजार में समस्त प्रकार की सुविधाएं लोगों को दी जा रही हैं।

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