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जिला अधिवक्ता संघ के चुनाव में वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेश मेहता अध्यक्ष, मुकेश पांडे उपाध्यक्ष, रमेश श्रीवास्तव सचिव, दिलीप ठाकुर सह सचिव निर्वाचित.. इधर 11 सितंबर को आयोजित लोक अदालत में बिजली अनियमितता वाले प्रकरण में भी समझौता का मौका..

 जिला अधिवक्ता संघ के चुनाव परिणाम घोषित

दमोह। जिला अधिवक्ता संघ के चुनाव परिणामों की घोषणा आज मतगणना के बाद की गई। परिणाम घोषणा के साथ विजयी पदाधिकारियों को फूल माला पहनाकर स्वागत के साथ शाम तक बधाइयां का दौर चलता रहा।


जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष पद के प्रतिष्ठा पूर्ण मुकाबले में पर वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेश मेहता ने 162 वोटों से शानदार जीत दर्ज की है। उन्होंने युवा अधिवक्ता रवि कांत ठाकुर को पराजित किया है। उपाध्यक्ष पद के चुनाव में मुकेश पांडे ने लगातार दूसरी बार बाजी जीती है उन्होंने अधिवक्ता बेलू खरे को कांटे के मुकाबले में 21 मतों के मामूली अंतर से पराजित किया।

 इधर सचिव पद के चुनावों में रमेश श्रीवास्तव ने कौशलेंद्र पांडे को 52 वोटों से मात दी है। जबकि सह सचिव पद के चुनाव में युवा अधिवक्ता दिलीप सिंह ठाकुर ने एकतरफा मुकाबले में हेमंत पाठक 143 वोट से हराया है। कोषाध्यक्ष पद पर कपिल हजारी तथा पुस्तकालय प्रभारी पद पर श्याम बिहारी खरे निर्वाचित घोषित किए गए हैं। सहायक निर्वाचन अधिकारी मनीष नगाइच ने बताया कि निर्वाचन प्रक्रिया संपन्न कराने में निर्वाचन अधिकारी मुरारी खरे एवं पर्यवेक्षक पवन पाठक का विशेष योगदान रहा।

लोक अदालत में बिजली उपभोक्ताओं कोभी मौका
दमोह। म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रांतर्गत 11 सितंबर को नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें बिजली अनियमितताओं के प्रकरणों में उपभोक्ताओं को समझौता करने का अवसर प्रदान किया जायेगा। लोक अदालत में विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135 के तहत विशेष न्यायालयों में दर्ज प्रकरणों में लिटिगेशन प्रक्रिया के माध्यम से तथा कार्यालयों में लंबित प्रकरणों में प्रीलिटिगेशन प्रक्रिया के तहत समझौता किया जायेगा। धारा 126 के तहत दर्ज प्रकरणों में भी प्रीलिटिगेशन प्रक्रिया के तहत लोक अदालत में समझौता किया जायेगा।

      मुख्य महाप्रबंधक (प्रवर्तन) अरविंद चौबे ने बताया कि लोक अदालत में निम्नदाब श्रेणी के समस्त घरेलू उपभोक्ता, समस्त कृषि उपभोक्ता, 5 किलोवाट तक के गैर घरेलू उपभोक्ता तथा 10 एचपी भार तक के औद्योगिक उपभोक्ताओं को छूट की पात्रता होगी। न्यायालयों में दर्ज प्रकरणों में समझौता करने पर सिविल दायित्व की राशि में 20 प्रतिशत एवं ब्याज राशि में 100 प्रतिशत छूट प्रदान की जाएगी। ऐसे प्रकरण जो न्यायालयों में दर्ज नही हो सके हैं तथा वर्तमान में कार्यालयों में लंबित हैं, में भी लोक अदालत में समझौता करने पर सिविल दायित्व राशि में 30 प्रतिशत एवं ब्याज राशि में 100 प्रतिशत छूट प्रदान की जाएगी। 


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