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पति पत्नी और वो के चक्कर में उलझी.. डॉ शैलेंद्र निखार मेमोरियल हॉस्पिटल में ड्राइवर के शव मिलने की मिस्ट्री.. विरोधाभासी बयानों के चक्कर में पांच दिन की पुलिस जांच के बाद भी नहीं सुलझी.. जबकि पीड़ित परिजन कर रहे है मौत के कारणों के खुलासे का इंतजार..

5 दिन की जांच के बाद भी सच्चाई सामने नहीं आई

दमोह। गार्डलाइन क्षेत्र में संचालित डॉ शैलेंद्र निखार मेमोरियल हॉस्पिटल ऊपरी मंजिल पर करीब 3 माह पुराना सड़ा गला कंकाल नुमा शव फांसी के फंदे पर लटकते हुए मिलने से 31 अगस्त को सनसनी के हालात बनते देर नहीं लगी थी। वही इस मामले में लगातार सामने आती रहे विरोधाभासी बयानों के बाद अब पुलिस के लिए मामले की गुत्थी सुलझाना टेढ़ी खीर बनता जा रहा है।
आपको बता दें कि डॉ  निखार हॉस्पिटल की ऊपरी मंजिल पर मिले शव की पहचान राजेश अठ्या के तौर पर की गई थी। जो मैडम की कार की ड्राइवरी करता था वही 13 मई से लापता था जिसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट एक महीने बाद कोतवाली में दर्ज कराई गई थी। तीन माह पुराना शव मिलने के बाद सबसे पहला सवाल यही उठा था कि आखिर अस्पताल प्रबंधन को उसके बारे में जानकारी क्यों नहीं लगी। जिसको लेकर अस्पताल प्रबंधन का कार्य अनेक वर्षों से देख रहे कर्मचारी अखिलेश अहिरवार ने कमरे से बदबू नहीं आने तथा कमरे को सागर से आई एक सिस्टर के रोकने के लिए खोले जाने की बात कही थी। 



 इधर हॉस्पिटल संचालिका डॉ अलका निखार का कहना था की उक्त कमरे में कबाड़ जैसी सामग्री रखी रहती थी तथा राजेश और उसकी पत्नी के बीच में विवाद चलता रहता था। जबकि राजेश की पत्नी आरती ने उसके संबंध अस्पताल की एक सिस्टर के साथ होने तथा उसी के साथ राजेश के रहने जैसे चौकाने वाले बयान देकर इस मामले को प्रेम त्रिकोण का रूप दे दिया था। जबकि उसके बाद सामने आई वंदना नाम की नर्स ने आरती पर गंभीर आरोप लगा कर यह कहने की कोशिश की थी कि पति पत्नी के बीच में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा था। मामले में
सीएसपी अभिषेक तिवारी ने पोस्ट मार्टम रिपोर्ट के बाद मामले में स्थिति स्पष्ट होने की उम्मीद जताई थी।

इस पूरे मामले को लेकर 5 दिन का समय बीत चुका है लेकिन पुलिस फिलहाल किसी खास निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकी है। शव के 3 माह से अधिक पुराने होने की वजह से जहां बिसरा  रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है वही राजेश के हॉस्पिटल में पहुंचने के सीसीटीवी फुटेज भी उपलब्ध नहीं हो पाने की बात कही जा रही है। ऐसे में राजेश, आरती, वंदना आदि के मोबाइल की कॉल डिटेल की जांच महत्वपूर्ण हो सकती है लेकिन इसको लेकर फिलहाल कोई चर्चा करने तैयार नहीं है।
 सीएसपी अभिषेक तिवारी का कहना है अनेक लोगों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं वही जांच जारी है।

 जबकि सूत्रों का कहना है कुछ प्रभाव शाली लोग इस मामले को अस्पताल की प्रतिष्ठा से जोड़कर देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों तक अपनी पहुंच का उपयोग कर जांच को प्रभावित कर ठंडे बस्ते में पहुंचाने की कोशिश भी पर्दे के पीछे से करने में जुटे हुए हैं। ऐसे में पुलिस के सामने पति पत्नी और वो के बीच उलझती नजर आ रही इस मिस्ट्री का दूध का दूध और पानी का पानी करके पूरे मामले की सच्चाई लाना भी चुनौती बना हुआ है। वहीं शहर का हर आम नागरिक इस मामले में पुलिस बड़े खुलासे की उम्मीद करता नजर आ रहा है। क्योंकि लोगों को अब लगने लगा है यह मामला एक बड़ी अस्पताल से जुड़ा हुआ है ऐसे में पुलिस मर्ग कार्रवाई करके मामले को ठंडे बस्ते में डालने की ओर अग्रसर है। पिक्चर अभी बाकी है

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