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दमोह कटनी बाईपास पर दमयंती पुरम के नवनिर्मित आवास में.. बाथरूम के अंदर कई दिन पुराना अज्ञात शव मिलने से सनसनी.. इधर निखार अस्पताल के ऊपर फांसी पर लटके मिले ड्राइवर की मौत की गुत्थी.. दस दिन बाद भी नही सुलझ पाना चर्चा का विषय बना..

दमयंती पुरम के एक आवास में सड़ा गला शव मिला

दमोह। कई दिन पुराने शव मिलने का सिलसिला जारी है दस दिन पूर्व शहर के गार्ड लाइन इलाके में डॉ शैलेंद्र निखार मेमोरियल हॉस्पिटल की ऊपरी मंजिल पर ड्राइवर के फांसी पर लटके मिले सड़े गले शव की गुत्थी कोतवाली पुलिस अभी सुलझा भी नहीं पाई थी कि दमयंती पुरम कॉलोनी के नवनिर्मित आवास के बाथरूम में अज्ञात व्यक्ति का सड़ा गला शव मिलने से सनसनी के हालात बने हुए हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार देहात थाना जबलपुर नाका चौकी अंतर्गत दमोह कटनी बाईपास पर हाउसिंग बोर्ड द्वारा तैयार कराए गए दमयंती पुरम के एक आवास से बदबू आने की सूचना पुलिस को मिली थी जिसके बाद देहात थाना पुलिस मौके पर पहुंची और जांच के दौरान इस आवास के बाथरूम में कई दिनों पुराना शव पाया गया। बाद में सीएसपी अभिषेक तिवारी के साथ एफएसएल टीम मौके पर पहुंची और पंचनामा कार्रवाई करते हुए शव को पोस्टमार्टम के लिए रवाना किया गया।

कीड़े पड़ जाने की वजह से बदबू मार रही कई दिन पुरानी डेड बॉडी के कपड़ों की तलाशी लेने पर शिनाख्त के हिसाब से जहां कोई सामग्री नहीं मिली है वही शराब के खाली क्वार्टर मिलने की जानकारी सामने आई है। सीएसपी अभिषेक तिवारी का कहना है कि पोस्टमार्टम मौत के कारणों का पता लगने की उम्मीद की जा सकती है वहीं मृतक की पतासाजी के प्रयास किए जा रहे हैं।
 निखार हास्पिटल मामले में अब तक खुलासा नहीं..
दमोह के गार्डलाइन क्षेत्र में संचालित डॉक्टर शैलेंद्र निखार मेमोरियल हॉस्पिटल के ऊपरी तल पर डॉक्टर के ड्राइवर राजेश अठ्या का सड़ा गला कंकाल नुमा शव 31 अगस्त को बरामद किया गया था। फांसी के फंदे पर लटके होने के बावजूद शव के पैर जमीन से सटे होने जैसे संदिग्ध हालात सामने आए थे वही मौके पर पहुंची एफएसएल टीम के साथ कोतवाली पुलिस और सीपीएसी अभिषेक तिवारी ने मृतक के यहां पहुंचने और मौत के कारणों के जल्द खुलासे की उम्मीद की थी।

लेकिन 10 दिन बीत जाने के बाद भी सीएसपी सहित पुलिस के अधिकारी यह बताने को तैयार नहीं है कि मृतक अस्पताल में कब और कैसे पहुंचा तथा किन हालातों में उसने फांसी लगाई या फिर वह किसी हादसे या साजिश का शिकार हुआ। जबकि राजेश का शव मिलने के बाद अस्पताल प्रबंधक और संचालिका के विरोधाभासी बयान सामने आने के साथ मृतक की पत्नी और एक अन्य महिला के बयानों के आधार पर मामले में प्रेम त्रिकोण की एंट्री भी नजर आई थी। 

इसी के साथ मामले को ठंडे बस्ते में पहुंचाने के लिए भी हाई लेवल पर प्रयास शुरू हो जाने खबरें भी सामने आती रही थी ऐसे में अभी तक इस मामले को लेकर पुलिस द्वारा किसी प्रकार का खुलासा नहीं किया जाना कहीं ना कहीं अस्पताल प्रबंधन के लिए राहत बड़ी बात बना हुआ है। वहीं मृतक की पत्नी और परिवार जनों के लिए यह आज भी आहत भरी बात है कि राजेश की मौत के कारणों का खुलासा अब तक नहीं हो सका है। वह इस पूरे मामले को लेकर पुलिस का नरम रवैया भी चर्चा का विषय बना हुआ है।

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