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कोरोना कर्फ्यू में आर्थिक तंगी से परेशान.. युवा आटो चालक ने फांसी लगाकर जीवन लीला समाप्त की.. कंपनी से कर्ज लेकर लिया था आटो लेकिन क़िस्त चुकाने का भी नही हो पा रहा था इंतजाम.. स्कूली बच्चो को ले जाता था लेकिन लगातार स्कूल बन्द रहने से खड़ा रहता था आटो..

  ऑटो चालक ने फांसी लगाकर जीवन लीला समाप्त की..

दमोह। कोरोना संक्रमण काल में रोज कमाने और व खाने वाले गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले वर्ग के लिए सरकार ने भले ही राशन का इंतजाम कर दिया हो लेकिन किराना आदि अन्य जरूरत की सामग्री और कर्ज की किश्त आदि की चिंता इस वर्ग के लोगों की नींद हराम किए हुए हैं। ऐसे ही कुछ मानसिक तनाव भरे हालात के चलते एक युवा ऑटो चालक द्वारा फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर लेने का दुखद घटनाक्रम सामने आया है।


प्राप्त जानकारी के अनुसार नगर के असाटी वार्ड 2 में रहने वाले युवा आटो चालक सौरभ चौरसिया 26 वर्ष ने अपने घर में फांसी के फंदे पर झूल कर जीवन लीला समाप्त कर ली। बाद में उस को लेकर परिजन जिला अस्पताल पहुंचे। जहां सौरभ को मृत घोषित कर दिया गया। जिससे परिजनों का रो रो कर बुरा हाल बना रहा। मृतक के बड़े भाई शरद चौरसिया ने बताया कि ऑटो से स्कूली बच्चों को ढोने वाले सौरभ ने कुछ माह पहले ही ऑटो फाइनेंस कराया था। लेकिन तभी से लगातार स्कूल बंद चल रहे थे ।वही ऑटो की किश्त चुकाने में उसे हर महीने परेशानी आ रही थी। फिर भी जैसे तैसे करके वह अपना काम चला रहा था। लेकिन कोरोना संक्रमण काल के पिछले सवा महीने में आर्थिक रूप से पूरी तरह से टूट जाने की वजह से वह बेहद मानसिक तनाव में रहने लगा था। 


इसी आर्थिक परेशानी और मानसिक तनाव के चलते उसके द्वारा फांसी लगाकर खुदकुशी कर लेने की जानकारी सामने आई है। बताया जा रहा है कि ऑटो के कर्ज की किश्त चुकाने के लिए फायनेंस कंपनी वालों के मैसेज उसके पास पहुंच रहे थे जिसके बाद वह कोरोना कर्फ्यू में अस्पताल आने जाने वाले मरीजों को भी ऑटो से लाने ले जाने का काम करने लगा था। इसके बावजूद विकट आर्थिक संकट के चलते उसके द्वारा यह आत्मघाती कदम उठाए जाने की बात माँ भाई एवं परिवार जनों द्वारा कही जा रही है।

फिलहाल अस्पताल चौकी पुलिस ने मर्ग कायमी करते हुए पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौप दिया गया है। कोरोना संक्रमण काल के विकट हालात और कोरोना कर्फ्यू के दौरान आर्थिक संकट से जूझ रहे गरीब मध्यम वर्ग की आर्थिक मदद हेतु सरकार को जल्द ध्यान देना चाहिए ताकि आर्थिक अभाव में किसी और घर का चिराग नहीं बुझ सके।वही आर्थिक रूप से संपन्न लोगों को भी अपने मोहल्ला पड़ोस में रहने वाले निर्धन गरीब वर्ग की स्थिति को ध्यान में रखकर उनकी जरूरतों को पूरा करने ऐसे संकट के समय में जरूर मदद करने आगे आना चाहिए।

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