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हवा से पानी बनाने की मशीन को ठीक करवाने.. पीएचई के अधिकारी क्यो कर रहे हैं हवा हवाई बातें..? सांसद प्रहलाद पटेल की पहल पर सवा दो साल पहले की गई थी स्थापित.. उस समय लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री थे जालम सिंह पटेल..

 हवा से पानी बनाने की मशीन डेढ़ साल से पड़ी है बन्द..

दमोह। जिले के जबेरा क्षेत्र में हरदुआ मानगढ़ में सवा दो साल पहले तत्कालीन सांसद प्रहलाद पटेल की पहल पर हवा से पानी बनाने की अत्याधुनिक मशीन स्थापित कराए जाने के साथ लंबे चौड़ेे दावे किए गए थे। लेकिन 6 महीनेे में मशीन के फिल्टर खराब हो जाने के बाद अब पीएचई के अधिकारी इसका सुधार संभव नहीं हो पाने तथा इसकी वजह बतानेे के बजाय  हवा हवाई बातें कर रहे हैं। वही केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल भी अब इस मशीन के सुधार कार्य मामले में कुछ भी कहने से बच रहे हैं।
जबेरा जनपद के हरदुआ मानगढ़ गांव में वर्ष भर पेयजल की विकट समस्या बनी रहती है वही पहाड़ी एरिया होने की वजह से यहां हमेशा बहने वाली शीतल हवा का उपयोग करने के लिए हवा से पानी बनाने की मशीन लगाने का प्रयोग सांसद प्रहलाद पटेल की पहल पर किया गया था। इसके लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा 15 लाख 40 हजार की राशि खर्च करके पेयजल एकत्रीकरण प्लांट की स्थापना की गई थी। जिसे नर्मदा नीर जलवायु प्लांट नाम दिया गया था। 13 सितंबर 2018 को सांसद प्रहलाद पटेल के मुख्य आतिथ्य में इस का लोकार्पण किया गया था। वही तत्कालीन लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी राज्य मंत्री जालम सिंह ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की थी विशेष अतिथि जबेरा की तत्कालीन विधायक प्रताप सिंह और जिला पंचायत के अध्यक्ष शिवचरण पटेल रहे थे।
 
इन सभी नामों का शिलालेख यहां आज भी मौजूद है लेकिन उस समय शुरू हुई हवा से पानी बनाने की मशीन 6 माह में ही जवाब दे गई। चूंकि वह समय 2019 के लोकसभा चुनाव की पूर्व बेला थी अतः कलेक्टर की पहल पर मशीन का सुधार कार्य आनन-फानन में करा दिया गया। लेकिन चुनाव के बाद फिर से बिगड़ी मशीन को दुरस्त कराने के लिए अब कोई ध्यान नहीं दे रहा है। यहा तक कि जिम्मेदार अधिकारी भी अब नई कहानी कहते हवा हवाई बातें करते नजर आ रहे हैं। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के प्रभारी कार्यपालन यंत्री एच एल अहिरवार यह तो स्वीकार कर रहे हैं कि सांसद प्रहलाद पटेल की पहल पर यह मशीनें स्थापित की गई थी। तथा एक बार उसका सुधार कार्य भी कलेक्टर द्वारा कराया गया था लेकिन अब उसका सुधार नहीं हो पाने की वजह वह इस मशीन को प्रयोग के तौर पर कंपनी द्वारा प्राप्त होने और अब कंपनी द्वारा इसके मेंटेनेंस इंकार कर देना बता रहे हैं। 

जबकि गांव के सरपंच दुर्ग सिंह का कहना है कि मशीन के फिल्टर खराब हो जाने के बाद एक बार तो बदल दिए गए लेकिन दोबारा नहीं बदले जाने से यह हालात बने हैं। उक्त मशीन के 5 साल की गारंटी पीरियड में होने के बाद भी अधिकारियों की रूचि नहीं लेने से सुधार नहीं होने की बात भी ग्रामीण कर रहे हैं।
डेल्टा प्योर वाटर इंडिया लि. देहली ने की प्लांट स्थापना.. 

दरअसल यहां पर वाटर प्लांट की स्थापना डेल्टा प्योर वाटर इंडिया लिमिटेड नई दिल्ली के द्वारा करीब ढाई साल पहले की गई थी। उस समय सभी को यह बताया गया था कि यहा स्थापित किए गए नर्मदा नीर जलवायु पेयजल प्लांट जिसमें हवा से पानी बनाने की मशीन भी शामिल है पर टोटल खर्च 15 लाख 40 हजार रुपये हुआ है। वही यहां पर इस प्रयोग के सफल होने पर अन्य ग्राम पंचायतों में भी इसी तरह की मशीन स्थापना और प्लांट निर्माण की प्लानिंग थी।  इस तरह के प्रयोग को अन्य ग्राम पंचायतों में किया जाता उसके पूर्व ही विधानसभा चुनाव के बाद शिवराज सरकार की विदाई और कमलनाथ सरकार ताजपोशी हो गई। सूत्रों का कहना है कि जालम सिंह की जगह कांग्रेस सरकार में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री बनाए गए मंत्री के साथ डेल्टा प्योर वाटर इंडिया लिमिटेड लिमिटेड के अधिकारियों की ट्यूनिंग नहीं जम पाई। जिससे कमलनाथ सरकार में हवा से पानी बनाने की मशीनों के अन्य ग्राम पंचायतों में स्थापित होने का प्लान परवान नहीं चढ़ सका। जिससे कंपनी के इंजीनियर ने दमोह आकर भी हरदुआ मानगढ़ की बिगड़ी मशीन को ठीक करने ध्यान नहीं दिया। और अब हालात सबके सामने है।
हालांकि पीएचई विभाग के अधिकारी इस मशीन को प्रयोग के तौर पर प्राप्त होना बता रहे हैं तो फिर यह सवाल उठता है कि आखिर हरदुआ मानगढ़ में निर्मित फिल्टर प्लांट में ऐसा क्या लगा था जो 15 लाख 40 हजार का भुगतान उनके विभाग द्वारा किया गया। इस पूरे मामले की बारीकी से पड़ताल में हमारी टीम जुटी हुई है और जल्द ही "दूध का दूध और पानी का पानी" होने की उम्मीद है लेकिन फिर भी सवाल यह उठ रहा है कि सतधरु जैसी बड़ी जल परियोजना में रुचि लेने वाले सांसद तथा केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल का ध्यान उनके इस ड्रीम प्रोजेक्ट "हवा से पानी" बनाने की मशीन के डेढ़ साल से बंद पड़े होने की तरफ क्यों नहीं दिलाया गया। वह अभी तक क्यों अनभिज्ञ बने हुए हैं यह आश्चर्य के साथ चर्चा का विषय है। क्योंकि उनकी पहल पर ही सवा 2 साल पहले या मशीन स्थापित कराई गई थी।
 भाजपा कि देश प्रदेश में सरकार होने के बावजूद क्या डेल्टा प्योर वाटर इंडिया लिमिटेड की इतनी हिम्मत हो सकती है की वह केंद्रीय मंत्री पहलाद पटेल के क्षेत्र में बिगड़ी पड़ी हवा से पानी बनाने की मशीन को ठीक कराने से इंकार कर सके। यह कंपनी किसकी है तथा दमोह जिले में लंबे समय से PHE में क्या गुल खिलाए जा रहे हैं, सवाल और भी हैं ? जल्द एक और अपडेट के साथ मिलते हैं.. अटल राजेन्द्र जैन

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