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पति के साथ नहीं रहने वाली पत्नी ने.. पति के दूसरे विवाह की खबर लगते ही पति पर हक जताया.. दूसरी पत्नी के गले से मंगलसूत्र भी छुड़ाया.. नरसिंहगढ़ चौकी पुलिस ने कोर्ट का हवाला देकर कार्रवाई के बजाय मामला सुलटॉया..

पति की दूसरी शादी की खबर लगते ही पहली का हंगामा
दमोह। बुंदेलखंड में एक कहावत प्रचलित है "आधी छोड़ पूरी को जावे आधी मिल है मैं पूरी पाबे" यह कहावत आज ही में विभिन्न अवसरों पर चरितार्थ होती सबक सिखाती नजर आती है। ऐसा ही एक मामला किशनगंज के पास बल खंडन माता मंदिर परिसर में आयोजित एक विवाह समारोह के दौरान देखने को मिला जब एक महिला दूसरी महिला के गले से मंगलसूत्र छीन कर उसके पति पर अपना हक जताती नजर आई। बाद में मामला नरसिंहगढ़ पुलिस चौकी पहुंचा और पुलिस ने सब कुछ जानने के बाद कोई कार्यवाही इसलिए नहीं की क्योंकि मामला पहले से कोर्ट में चल रहा है।
किशनगंज के समीप  बल खंडन माता मंदिर परिसर में 30 जून मंगलवार को दमोह निवासी राजा उर्फ राजेंद्र लोधी का विवाह किशनगंज निवासी एक महिला के साथ संपन्न हो रहा था राजा जब पत्नी शांति के गले में मंगलसूत्र पहना रहा था। अचानक वहां दो गाड़ियों में पहुंचे लोगों की भीड़ की वजह से अशांति का माहौल निर्मित हो गया। इन लोगों ने पहली पत्नी के रहते दूसरा विवाह करने के आरोप लगाते हुए नव दंपति को बंधक बनाने का प्रयास किया तथा साथ में आई महिला ने नवविवाहिता को अपना सौतन बताते हुए उसके गले से मंगलसूत्र छीन लिया। इस दौरान दूल्हे राजा ने जब मोबाइल निकाल कर पुलिस को कॉल करना चाहा तो उनका मोबाइल भी छीन लिया गया।
बाद में वाद विवाद की जानकारी पुलिस को लगने पर  वह  नव दंपत्ति को पकड़कर पुलिस चौकी नरसिंहगढ़ ले आई। जहा युवक की पहली पत्नी गोमतीबाई लोधी निवासी अमखेरा थाना नोहटा का कहना था कि उस का विवाह करीब 14 वर्ष पहले सुभाष कॉलोनी दमोह निवासी राजेंद्र  उर्फ राजा लोधी के साथ हुआ था। परंतु विवाह के बाद से  पति-पत्नी के बीच मनमुटाव के चलते ससुराल एवं मायके  पक्ष वालों के बीच तकरार की स्थिति बनी रही और गोमती बाई अपने मायके में ही रहती थी। गोमती का कहना था कि उसके रहे थे राजा शांति से ब्याह कर चुका है अतः उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करके कार्यवाही की जाए।
लेकिन इस मामले में  पुलिस ने जब दूल्हे राजा से पूछ ताछ की तो पूरी बाजी पलट ती नजर आई । दूल्हे का कहना था 14 साल पहले उसका विवाह गोमती से जरूर हुआ था। उससे उसके दो बच्चे भी हैं जिनमें से एक उसके पास तथा एक मेरे पास रहता है। लेकिन गोमती मेरे साथ नहीं रहती थी जिस वजह से कुटुंब न्यायालय में प्रकरण चल रहा है। कोर्ट के आदेश से राजा द्वारा धारा 125 के तहत ₹3000 भरण पोषण भत्ता भी गोमती बाई को प्रदान किया जा रहा है। गोमती द्वारा उसे छोड़ दिए जाने की वजह से ही वह शांति बाई के साथ किया है। की जानकारी उसने स्वयं पहली पत्नी गोमती को दी थी तथा वह दो लाख रुपए भी पूर्व में पहली पत्नी को दे चुका है।
 इसके बाद पुलिस चौकी प्रभारी भूमिका विश्वकर्मा के द्वारा मामला न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण दोनों पक्षों को समझाइस दी तथा पीड़ित के मोबाइल व मंगल सूत्र छीनने वालों से मोबाइल वापस दिलवाते हुए प्रकरण को कोर्ट में ही सुलझाने का मशवरा देते हुए मामले में हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया। शकीर मोहम्मद की रिपोर्ट

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