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समर्थन मूल्य पर उर्पाजन के पहले.. अनाज माफिया किसानों से कम दाम में खरीदी में जुटा.. हटा मंडी के फर्जी दस्तावेजों से हैदरावाद जा रहे.. गेहू से भरे ट्रक को नोहटा पुलिस ने पकड़कर मामला दर्ज किया.. पुलिस कार्रवाई से कपिल मलैया गैंग में हड़कंप..

 फर्जी दस्तावेजों के गेहू ट्रक को नोहटा पुलिस ने पकड़ा 
दमोह। जिले में 78 उपार्जन केंद्रों पर किसानों से गेंहू खरीदी 15 अप्रैल से शुरू होने वाली है जिसको लेकर कलेक्टर तरूण राठी संबंधित अधिकारियों की बैठक लेकर स्वयं व्यवस्था की मानीटरिंग कर रहे है। इधर वर्षो से पीडीएस के अनाज तथा किसानों की मजबूरी का फायदा उठाकर कम दाम में खरीदी करके मंडी टेक्स की चोरी करके शासन को चूना लगाने वाला अनाज माफिया करीब पंद्रह दिन पहले से सक्रियता दर्ज करा रहा है। दमोह के कपिल मलैया तथा मनोज टेªडर्स के गेंहू के बोरो से लदे 6 ट्रक पकड़े जाने के बाद भी इनके द्वारा प्रतिदिन दर्जन भर से अधिक गेंहू से लोड ट्रक आधी रात को हैदरावाद रवाना किए जा रहे है। फर्जी दस्तावेजों के जरिए जारी गेहू की तस्करी की पुष्टि सागर नाका तथा जबलुपर नाका पर संचालित धर्मकांटो के पिछले एक सप्ता के तौल रिकार्ड को जब्त करके भी लगाया जा सकता है। लेकिन राजनीतिक प्रेशर तथा मिलीभगत के चलते संबंधित अधिकारी इसकी अनदेखी करते आ रहे है।
 वर्षो से अनाज तस्करी के जरिए बारे न्यारे करने वाले कपिल मलैया तथा मनोज जैन के एजेंट गांव गांव में कम दामों पर किसानों तथा पीडीएस के गेहू की खरीदी करके समर्थन मूल्य पर होने वाली खरीदी के पहले से ही धज्जियों उड़ाने में जुटे हुए है। इसी अनाज माफिया गिरोह के एक सदस्य अभाना के मनीष जैन का हैदरावाद जा रहा 510 बोरी गेंहू नोहटा थाना पुलिस की सजगता से पकड़े जाने के बाद अब इसे छुड़ाने की फिराक में नियम की आड़ में कतिपय अधिकारी जुट गए है। जबकि अभाना पेट्रोल पंप से पकड़े गए इस ट्रक में भरे अनाज के दस्तावेज पूरी तरह से फर्जी पाए गए है। हटा मंडी के नाम से जारी यह कागजात भी कूट रचित तरीके से कपिल मलैया व मनोज जैन द्वारा ही तैयार किए जाने की जानकारी सामने आ रही है।
इस पूरे मामले में नोहटा थाना प्रभारी सुधीर बैगी ओर उनकी टीम की जितनी भी प्रशंसा की जाए वह कम है। इनके द्वारा बिना किसी लालच व दबाव में आकर आधी रात को दमोह मंडी से निरीक्षक को बुलाकर दस्तावेजों की जांच के दौरान इनके फर्जी होने की पुष्टि के बाद ही विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज करके अनाज माफिया का एक विकेट गिराने में अहम भूमिका निभाई है। इधर फर्जी कागजातों की दम पर वाहनों को बाहर भेजने के पास बनाने वाले दमोह मंडी के चर्चित कर्मचारी प्रदीप पांडे के भी रात में अभाना पहुच जाने लेकिन नोहटा पुलिस की सख्ती के आगे उसकी भी एक नहीं चल सकी। 
गौरतलब है कि पिछले दिनों कपिल मनोज के गेंहू से भरे 6 ट्रको को रायपुर हैदरावाद जाने के पहले पकड़ा गया था। जिसका मामला दमोह कोर्ट में लंबित है। सूत्रों का कहना है कि यदि इन 6 ट्रकों के साथ लगाए गए अनाज के दस्तावेजों तथा मंडी से अनुमति अनुज्ञा आदि की सूक्ष्मता से जांच कराई जाए तो यह कागजात भी फर्जी निकलेंगे। यहां पर खास बात यह है कि इन 6 ट्रकों पकड़े जाने के बाद भी कपिल के काले कारोवार पर कोई फर्क नहीं पड़ा है। गांव गांव में फैले एजेंट कई ट्रक गेंहू एकत्रित करके रात के अंधेरे में दमोह भेज रहे है। वहीं दमोह के हिरदेपुर स्थित गोदाम में दिन दहाड़े लाक डाउन के बीच ट्रकों में गेंहू की आवक का दौर जारी है।
 रविवार दोपहर ऐसे ही एक ट्रक MP 15 HA 5090 पर बोरे चढ़ाने की खबर पर दो पत्रकार हिरदेपुर पहुचे थे। जहां उन्होंने गेंहू भेजने के बारे में पूछा तो कपिल मलैया ने उपहास भरे लहजे में उल्टरा सवाल किया कि बताओ कहा भिजवा दे। उसके द्वारा एसडीएम की परमीशन से दिन दहाड़े गेहू की लार्द किए जाने की बात पर जब एक पत्रकार ने एसडीएम रवींद्र चैकसे से मोबाइल पर जानकारी चाही तो उन्होंने देखकर बताने को कहां। इसके बाद इनका भी कोई जबाव सामने नहीं आया। उपरोक्त हालात से साफ होता है कि प्रशासन के बड़े अधिकारियों से लेकर मंडी, नान, नागरिक आपूर्ति निगम, फुड विभाग आदि के कतिपय अधिकारियों की जानकारी में कपिल का यह काला कारोवार वर्षो से धड़ल्ले से संचालित हो रहा है। तथा उसे कुछ बड़े नेताओं के अलावा कुछ खबरचियों का भी सरंक्षण प्राप्त है। जिससे अनेक बार चाह कर भी प्रशासन कठोर कार्रवाई नहीं कर पाता।
उपरोक्त हालात में सवाल यहीं उठता है कि जब मप्र में 15 अपै्रल से गेंहू खरीदी के आदेश है तथा कलेक्टर तरूण राठी लगातार बैठक कर संबंधित विभागीय अधिकारियों को दिशा निर्देश दे रहा है तो फिर अनाज माफिया किन के संरक्षण में नियम कायदों की धज्जीया उड़ाने में जुटा हुआ है। वहीं लाक डाउन के दौरान भी यूपी सहित जिले के बाहर के खाली ट्रकों का इंतजाम अनाज माफिया कैसे कर पा रहा है तथा लाक डाउन में काम करने के लिए यह कहां से मजदूर जुटा रहा है। यह सब ऐसे विचारणीय प्रश्न है जिनको जबाव सभी चाहते है लेकिन कोई भी अधिकारी इनकी पड़ताल कराने की चर्चा करने को भी तैयार नहीं है।
 पिक्चर अभी वाकी है.. अनाज माफिया की जिले के अन्य क्षेत्रों में जारी खरीदी तथा संबंधितों की मिलीभगत से चल रहे इस काले कारोवार की नई अपडेट के साथ जल्द मिलते है। अटल राजेंद्र जैन

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