जबेरा वासियो ने जाने पिता-पुत्र की मैराथन पर विचार-
प्रदुषण ब प्लास्टिक मुक्त भारत एब जल संरक्षण अभियान के उद्देश्य को लेकर पिता और पुत्र युगल मैराथन दौड़ कर देश की राजधानी दिल्ली के इंडिया गेट पर पहुच कर लोगो मे जागरुकता का संदेश देंगे। सोमबार को दमोह जिले के जबेरा पहुचे पिता पुत्र के विचारों को लोगों ने सुना उनके इस साहसिक कदम की प्रशंसा कर स्वागत किया। इनकी यह मैराथन यात्रा दमोह
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style="color: red;">, तालबेहट झांसी, ग्वालियर,बृन्दावन बलवगठ होते हुए करीब 900 किमी तय करके दिल्ली के इंडिया गेट पहुचकर संपन्न होगी।
देश मे पहली बार पिता पुत्र युगल की यह मैराथन गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ब इंडियन बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी दर्ज होने की संभावना जताई जा रही है। इस संबंध में पिता हिमांशु ने बताया कि बह लोगो को इस मैराथन दौड़ के माध्यम से स्वच्छ एब सुंदर भारत का संदेश देते हुये भी चल रहे है। जिससे हमारा यह अभियान हमारी आने बाली पीढ़ियों को प्रेरणा स्रोत भी बनेगा। जबेरा नगर के युवाओ ने पिता पुत्र का स्वागत कर उन्हें अपने उद्देश्य पूर्ति यात्रा की शुभकामनाये देखकर आगे रवाना किया। मंगलवार या बुधवार को पिता पुत्र की मैराथन में युगल यात्रा दमोह पहुंचने की संभावना बनी हुई है। जबेरा से मयंक जैन की रिपोर्ट
जबलपुर से दिल्ली की मैराथन यात्रा पर निकले पिता-पुत्र लोगों को जल संरक्षण से लेकर प्लास्टिक प्रदूषण मुक्त भारत बनाने का संदेश देने की मुहिम में जुटे हुए है। पिता पुत्र की यह अनूठी मैराथन यात्रा कंप्लीट होने के बाद संपन्न होने के बाद ग्रीनिज बुक ऑफ बर्ड में भी रिकॉर्ड के तौर पर होने की संभावना जताई जा रही है सकती है।गणतंत्र दिवस पर जबलपुर से प्रारंभ हुई पिता पुत्र की मैराथन यात्रा सोमवार को दमोह जिले के जबेरा पहुंची। इस दौरान जबेरा वासियों ने उत्सुकता के साथ इनसे चर्चा की और मैराथन यात्रा के उद्देश्य से लेकर इनके विचार भी जाने। जीसीएफ कंपनी जबलपुर में कार्यरत हिमांशु पंडित ने बताया कि वह अपने पुत्र हर्ष पंडित के साथ जबलपुर के रविशंकर स्टेडियम से गणतंत्र दिवस पर मैराथन यात्रा पर निकले हैं हर्ष सेंट्रल स्कूल में कक्षा सातवीं का छात्र है।
प्रदुषण ब प्लास्टिक मुक्त भारत एब जल संरक्षण अभियान के उद्देश्य को लेकर पिता और पुत्र युगल मैराथन दौड़ कर देश की राजधानी दिल्ली के इंडिया गेट पर पहुच कर लोगो मे जागरुकता का संदेश देंगे। सोमबार को दमोह जिले के जबेरा पहुचे पिता पुत्र के विचारों को लोगों ने सुना उनके इस साहसिक कदम की प्रशंसा कर स्वागत किया। इनकी यह मैराथन यात्रा दमोह
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देश मे पहली बार पिता पुत्र युगल की यह मैराथन गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ब इंडियन बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी दर्ज होने की संभावना जताई जा रही है। इस संबंध में पिता हिमांशु ने बताया कि बह लोगो को इस मैराथन दौड़ के माध्यम से स्वच्छ एब सुंदर भारत का संदेश देते हुये भी चल रहे है। जिससे हमारा यह अभियान हमारी आने बाली पीढ़ियों को प्रेरणा स्रोत भी बनेगा। जबेरा नगर के युवाओ ने पिता पुत्र का स्वागत कर उन्हें अपने उद्देश्य पूर्ति यात्रा की शुभकामनाये देखकर आगे रवाना किया। मंगलवार या बुधवार को पिता पुत्र की मैराथन में युगल यात्रा दमोह पहुंचने की संभावना बनी हुई है। जबेरा से मयंक जैन की रिपोर्ट
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