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छतरपुर में मुख्यमंत्री के आगमन के पूर्व.. कांग्रेस की दलित महिला जिला पंचायत अध्यक्ष के अपमान मामले ने पकड़ा तूल.. जिला पंचायत कार्यालय के बाहर सीईओ के खिलाफ धरना प्रदर्शन के साथ पुतला दहन..

 दलित महिला जिला पंचायत अध्यक्ष की अपमान मामले ने पकड़ा तूल..
छतरपुर। जिले में मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ के आगमन के पूर्व कांग्रेस समर्थित जिला पंचायत की दलित महिला अध्यक्ष के अपमान के मामले ने एक बार फिर तूल पकड़ लिया है। जिला पंचायत के निर्वाचित प्रतिनिधियों का आक्रोश जिले के अधिकारियों के खिलाफ खुलकर सामने आने से मध्यप्रदेश स्थापना दिवस के दिन जिला पंचायत कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन के साथ जिला पंचायत सीईओ के पुतला दहन ने उनके खिलाफ बढ़ते आक्रोश को उजागर करके रख दिया है।
जिला पंचायत के सदस्यों पदाधिकारियों का मुख्य कार्य पालन अधिकारी के खिलाफ भड़का यह आक्रोश  उनके मनमाने रवैया की वजह बन कर उभरा है। बताया जा रहा है कि जिला पंचायत की दलित महिला अध्यक्ष कलावती अनुरागी के द्वारा पिछले दिनों विभिन्न निर्माण कार्यों का जायजा लेने भ्रमण करने और उसके बाद घटिया निर्माण कार्यों को लेकर आपत्ति जताते हुए इसकी शिकायत की गई थी। जिस पर जिला पंचायत के सीईओ हिमांशु चंद्र ने उन्हें फटकार लगाते हुए कह दिया था उनको इस तरह के भ्रमण निरीक्षण का कोई अधिकार नहीं है। वही इस मामले की शिकायतें 24 अक्टूबर को कलेक्टर से करने पर  जिला पंचायत अध्यक्ष को कलेक्टर चेंबर में पुनः झिड़कने अपमानित करने से जिला सीईओ हिंमांशु चंद्र नही चूके। 
इसकी जानकारी जिला पंचायत उपाध्यक्ष अमित पटेरिया  सहित जिला सदस्यों को लगने पर उनका आक्रोश मुख्य कार्यपालन अधिकारी के रवैया के खिलाफ भड़क उठा।मध्यप्रदेश स्थापना दिवस के मौके पर कलेक्ट्रेट कार्यालय में जहा अधिकारी स्थापना दिवस समारोह मैं व्यस्त थे ।वही जिला पंचायत कार्यालय के बाहर जिला पंचायत अध्यक्ष के नेतृत्व में सदस्यों ने धरना देकर नारेबाजी कर सीईओ के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। और उन्हें जिले से हटाए जाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन देने की बात कही।
कांग्रेस समर्थित जिला पंचायत की दलित महिला अध्यक्ष के इस तरह से अपमान के मामले में सीईओ के पुतले को जूतों की माला से सुशोभित करने के बाद महिला अध्यक्ष ने आग लगाकर अपने आक्रोश का प्रदर्शन किया । इस मौके पर अध्यक्ष कलावती अनुरागी ने अपने साथ हुए अपमान की जानकारी भी मीडिया को दी। 
वही जिला पंचायत उपाध्यक्ष अमित पटेरिया ने स्पष्ट किया कि किस तरह से अधिकारी जिले में चारागाह जैसे हालात बना कर रखे हुए हैं तथा जनप्रतिनिधियों की सुनने को तैयार ही नहीं होते। जिला पंचायत सदस्य गोविंद सिंह का कहना था कि जब दलित महिला अध्यक्ष तक को अधिकारी कुछ नहीं समझते तो अन्य सदस्यों की तो सुनने का सवाल ही नहीं उठता।
कुल मिलाकर मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ के छतरपुर जिले में दौरा कार्यक्रम के पूर्व जिस तरह से जिला पंचायत सीईओ की कार्यप्रणाली को लेकर अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं सदस्यों में नाराजगी भरा आक्रोश भड़का है। उसे देख कर अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिला अधिकारी पंचायत के प्रतिनिधियों को कुछ नहीं समझते। वह छतरपुर जिले को चारागाह की तरह इस्तेमाल करके अपने अपनों का भला करने में जुटे हुए हैं। जिसका खामियाजा आने वाले समय में कांग्रेस को भी उसी तरह से भुगतना पड़ सकता है जैसा कि पूर्व में भाजपा को विधानसभा चुनाव के दौरान भुगतना पड़ा था।  छतरपुर से मनोज सोनी की रिपोर्ट

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