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सड़क क्रास करते तेंदुए की तस्वीर सीसीटीवी में कैद.. बाराद्वारी के बाद कंकाली माता क्षेत्र में मिले तेंदुए के चिन्ह.. पन्ना टाइगर रिजर्व और मुकुंदपुर व्हाइट सफारी की टीम ने राज नगर क्षेत्र में कैंपिंग की..

 बाघ के चक्कर में बाराद्वारी क्षेत्र में 12 घन्टे तक बेचैनी- 
दमोह। नगर के बाराद्वारी क्षेत्र में देर रात किसी जंगली जानवर की मौजूदगी की खबर से हड़कंप भरे हालात बनते देर नहीं लगी। पंजे के निशान के आधार पर बाघ या तेंदुआ जैसा हिंसक जंगली जानवर होने की आशंका के चलते पुलिस अधिकारियों की टीम सुरक्षा इंतजामों के साथ मौके पर पहुंचकर अलर्ट हो गई। वहीं दोपहर बाद जब पन्ना टाइगर रिजर्व की टीम यहां पहुंची तो उन्हें यह घोषित करने में समय नहीं लगा कि जंगली जानवर तो यहां से कई घंटों पहले जा चुका है। इधर सीसीटीवी फुटेज में सड़क क्रास करके भागते हुए तेंदुए की तस्वीर से यह स्पष्ट हो गया की जंगली जानवर तेंदुआ ही था।
यह कोई फिल्मी स्टोरी नहीं बल्कि वाराद्वारी क्षेत्र में 12 घंटे तक तेंदुए की घेराबंदी के बेचैनी भरे हालात की वह रिपोर्ट है जिसमें गणेशोत्सव व मोहर्रम पर्व के रात्रि प्रोग्राम की सुरक्षा व्यवस्था में एलर्ट दमोह पुलिस के अधिकारियों की मुस्तैदी भी सामने आई है। देर रात एक हंड्रेड डायल सिपाही आकाश पाठक ने एमएलबी स्कूल के गेट को फांदकर सड़क को क्रास करते बाघ जैसे जानवर को बाराद्वारी कुए की तरफ जाकर छिपते देखा था। जिसके बाद कुछ ही देर में पुलिस ने बारहद्वारी क्षेत्र की घेराबंदी करते हुए यह चिन्हित कर लिया कि जानवर एक रुई मशीन वाले के कच्चे कमरे में छुपा हुआ है। 

इसकी पुष्टि के लिए जानवर की लटकती हुई पूछ का एक वीडियो भी वायरल हो गया। वही दिन का उजाला होते होते तेंदुए या बाघ जैसे भारी पंजे के निशान भी सामने आ गए। इस वन्य प्राणी को पकड़ने के लिए वन विभाग के अमले को सूचना दी गई वही भौर होने के पहले सुबह 4 बजे एडिशनल एसपी विवेक लाल और सीएसपी मुकेश अविद्रा भी पुलिस टीम के साथ नगर पालिका टाउन हॉल कैंपस से बाराद्वारी पहुंच गए। सुरक्षा के लिहाज से बैरिकेट्स लगवाकर जंगली जानवर की तलाश शुरू की गई वन विभाग के अमले को भी सूचना दी गई। 
लेकिन वन विभाग का अमला यहां पर मेहमानों की तरह आया और तफरी करके चलता बना। लेकिन आबादी क्षेत्र होने की वजह से पुलिस अधिकारियों को आम नागरिकों की सुरक्षा के लिहाज से यह एरिया छोड़ना कठिन लगा। यही वजह रही कि पुलिस ने आसपास छतो पर कैंपिंग करने के साथ फायर बिग्रेड को भी बुला लिया वही लोग नजदीक नहीं पहुंचे इसके लिए सड़क पर बैरिकेट्स लगवा दिए। जंगल में आग की तरह सोशल मीडिया पर यह खबर वायरल होते ही सुबह से घंटाघर से बारहद्वारी और टाउन हाल जाने वाले क्षेत्र में सैकड़ों की संख्या में तमाशाईयों की भीड़ लग गई। जिससे पुलिस को सुरक्षा इंतजामों को बनाए रखने जमकर मशक्कत करना पड़ी। 
बाद में मामले की जानकारी पन्ना टाइगर रिजर्व की टीम को दी गई। दोपहर 12 बजे के बाद पिंजड़ा वाहन के साथ दमोह पहुंची पन्ना टाइगर रिजर्व की टीम ने जब बारहद्वारी क्षेत्र में पड़ताल की तो पता लगा कि जंगली जानवर तो यहां से कई घंटों पहले भाग चुका है। बाद में कंकाली माता मंदिर क्षेत्र में पद चिन्ह मिलने की जानकारी लगने पर पन्ना टाइगर रिजर्व की टीम वहां भी पहुंची। जहा इस बात की पुष्टि हो गई जो पद चिन्ह बाराद्वारी क्षेत्र में मिले थे वही चिन्ह कंकाली माता क्षेत्र में भी पाए गए।
पूरे घटनाक्रम को लेकर सोमवार शाम दमोह के वन मंडल अधिकारी विपिन पटेल द्वारा जारी किए गए प्रेस नोट में दोनों जगह मिले पद चिन्ह एक ही तेंदुए के होने की यहां पुष्टि की गई वही बताया गया कि तेंदुए को पकड़ने के लिए पन्ना टाइगर रिजर्व और मुकुंदपुर वाइट सफारी की टीम फिलहाल दमोह में रुकी हुई है। उन्होंने संभावना जताई कि फिलहाल तेंदुआ राज नगर के जंगल में चला गया है। ऐसे में रात के समय यह के लोग आवश्यक सतर्कता बरतें। वहीं शहर के लोगों को चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है।

कुल मिलाकर बाराद्वारी क्षेत्र में 12 घंटे तक तेंदुआ की मौजूदगी को लेकर बनी रही बेचैनी को खत्म होने में 12 मिनट का भी समय नहीं लगा। वही लोग उपरोक्त हालात को देखकर "खोदा पहाड़ और निकला चूहा" की कहावत को याद करने से भी लोग नही चुके। लेकिन यहां पर शेर तो दूर  चूहा तक नहीं मिलने के मामले में भी लोग यह तर्क देने से नहीं चूके कि इन दिनों गणेश उत्सव का पर्व चल रहा है। इसलिए चूहो का मिलना भी मुशिकल है। अटल राजेंद्र जैन की रिपोर्ट

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