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माईसेम सीमेंट में भाड़ा बढ़ाने की मांग को लेकर ट्रक हड़ताल से हड़कंप.. रेट ओपन नही होने, डेलिकेटड गाड़ियों को अधिक भाड़ा दिए जाने से नाराज.. ट्रक ओनर ने फैक्टरी गेट पर तालाबंदी जैसे हालात निर्मित किए..

मायसेम में भाड़ा बढ़ाने की मांग को लेकर ट्रक हड़ताल- 
दमोह। मायसेम सीमेंट फैक्ट्री प्रबंधन की मनमानी कार्यप्रणाली के चलते अब ट्रक मालिकों का गुस्सा खुलकर सामने आने लगा है। गुरुवार को इमलाई फैक्ट्री के बाहर तथा भीतर ट्रक मालिकों ने हड़ताल कर दी। जिससे दिन भर अफरातफरी के हालात के बीच ट्रकों के पहिए थमे रहे। तथा परिवहन कार्य ठप रहा। शाम को फैक्ट्री के सीनियर जनरल मैनेजर निर्दोष कौशिक ने तीन-चार दिन में समस्या के समाधान का आश्वासन देकर ट्रक हड़ताल को समाप्त कराया। इस दौरान स्थिति पर नजर रखने देहात थाना पुलिस को भी दिनभर मशक्कत करना पड़ी।
मायसेम सीमेंट फैक्ट्री इमलाई संयत्र के गेट पर गुरुवार को स्थानीय ट्रक आनर ने हड़ताल शुरू करते हुए बाहर से आने वाले दूसरे ट्रकों को भी अंदर जाने से रोक दिया। जिससे ट्रकों की आवाजाही थम जाने से फैक्टरी में परिवहन कार्य ठप हो गया। नारेवाजी के साथ फैक्ट्री प्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले ट्रक ओनर भाड़ा रेट बढ़ाने की मांग कर रहे थे। इनका कहना था कि डीजल के लगातार बढ़ते दामों के बीच बाहरी ट्रकों को ज्यादा रेट देकर स्थानीय ओनर का लगातार शोषण किया जा रहा है। भाड़ा रेट ओपन किए जाने की मांग करते हुए बताया गया कि ट्रांसपोटर अपने हिसाब से ट्रक वालों को भुगतान करते है। जबकि अन्य फैक्टरीयों में यहां से अधिक भाड़ा दिया जा रहा है। मायसेम प्रबंधन के द्वारा भी डेलीकेटेड गाड़ियों को अधिक भाड़ा दिया जाता है।  वहीं नेताओं की सिफारिस पर लगी बड़ी कंपनियों को भी अधिक भाड़ा दिया जा रहा है। 

अचानक हुई ट्रक हड़ताल से फैक्ट्री में सीमेंट का परिवहन दिन भर बंद रहने के साथ देहात थाना पुलिस को भी हालात पर काबू पाने जमकर प्रयास करना पड़े। वहीं शाम को सीनियर जरनल मैनेजर ने फैक्टरी प्रबंधन के समक्ष ट्रक वालों की मांग रखने तथा िइन पर विचार और निर्णय के लिए तीन-चार दिन का समय मांगा गया। इसके बाद ही ट्रक हड़ताल को स्थगित किया गया। और’ अंदर के ट्रकों का बाहर आना और बाहर के ट्रकों का अंदर जाना फिर शुरू हो पाया। अचानक हुई ट्रक हड़ताल की एक बजह माईसेम सीमेंट फैक्ट्री नरसिंहगढ़ और इमलाई के द्वारा 6 जुलाई को उच्च स्तरीय निर्देश तथा आपत्ति के चलते सभी आवक और जावक वस्तुओं को अंडर लोड कर देना भी माना जा रहा हैं। जिससे भाड़ा और अन्य विषयों पर स्थिति साफ नही होने से ट्रक मालिकों विशेषकर दस और वारह चक्का ट्रक मालिकों द्वारा अपने-अपने ट्रक रोक दिए थ। 
ट्रक मालिकों के द्वारा फैक्ट्री के रेट संबंधी निर्णय की प्रतीक्षा की जा रही थी। लेकिन फैक्टरी प्रबंधन द्वारा स्थति साफ नहीं किए जाने से ट्रक मालिको को परिवहन रोकने के लिए हड़ताल जैसे कदम उठाने पड़े। सीनियर मैनेजर के आश्वासन के बाद शाम को ट्रक हड़ताल खत्म कर दी गई है। लेकिन तीन चार दिन में ठोस कदम नहीं उठाने पर ट्रक मालिक फिर से परिवहन रोक सकते है। अटल राजेंद्र जैन की रिपोर्ट

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