जिला पंचायत सीईओ की जांच में हुआ खुलासा-
इसी तरह जनपद पंचायत हटा की 25 ग्राम पंचायतो में कुल 1 करोड़15 लाख 97 हजार 589 रूपये का निर्माण कार्य अधूरा या नही पाया गया। जिसमें मुख्य रूप से ग्राम पंचायत खमरगौरा में 05 कार्य, ग्राम पंचायत देवरीफतेहपुर में 06 कार्य, ग्राम पंचायत शिवपुर में 05 कार्य, ग्राम पंचायत बछामा में 02 कार्य शामिल है।जनपद पंचायत तेन्दूखेडा की 14 ग्राम पंचायतों में कुल 71 लाख 36 हजार 895 रूपये का निर्माण कार्य अधूरा या नहीं पाया गया। जिसमें मुख्य रूप से ग्राम पंचायत कोटखेडा में 05 कार्य, ग्राम पंचायत चंदना में 06 कार्य, ग्राम पंचायत बेलढाना में 03 कार्य शामिल है। जनपद पंचायत बटियागढ में 11 ग्राम पंचायतों मे कुल 43 लाख 59 हजार 956 रूपये का निर्माण कार्य अधूरा या नहीं पाया गया। जिसमें मुख्य रूप से ग्राम पंचायत बेलखेडी में कुल 03 कार्य, ग्राम पंचायत पाडाझिर में 03 कार्य, एव ग्राम पंचायत सादपुर 02 कार्य शामिल है।
जनपद पंचायत पटेरा में 18 ग्राम पंचायतों में कुल 95 लाख 79 हजार 077 रूपये का निर्माण कार्य अधूरा या नही पाया गया। जिसमें मुख्य रूप से ग्राम पचांयत गाता में 21 कार्य, ग्राम पंचायत बमनी में 11 कार्य, ग्राम पंचायत महूना मे 06 कार्य, ग्राम पंचायत बनगांव में 06 कार्य, ग्राम पंचायत बिलगुवां मे 10 कार्य शामिल है। जनपद पंचायत जबेरा में 38 ग्राम पंचायतों मे कुल 1 करोड़ 25 लाख 02 हजार 592 रूपये का निर्माण कार्य अधूरा या नही पाया गया। जिसमें मुख्य रूप से ग्राम पंचायत नोहटा में 08 कार्य, ग्राम पंचायत पटीमहराजसिंह में 06 कार्य, ग्राम पंचायत सगौडीखुर्द में 11 कार्य, ग्राम पंचायत डूमर में 03 कार्य शामिल है। जनपद पंचायत पथरिया में 29 ग्राम पंचायतो मे कुल 1 करोड़ 12 लाख 57 हजार 400 रूपये का निर्माण कार्य अधूरा या नही पाया गया। जिसमें मुख्य रूप से ग्राम पंचायत सेमरालोधी में 05 कार्य, ग्राम पचायत मेहलवारा मे 08 कार्य, ग्राम पंचायत सरखडी मे 08 कार्य, ग्राम पंचायत बडगांव में 05 कार्य शामिल है।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत डॉ गिरीश कुमार मिश्रा ने जानकारी देते हुये बताया कि पच-परमेश्वर योजना (महात्मा गांधी ग्राम स्वराज एवं विकास योजना) अंतर्गत स्वीकृत ऐसे निर्माण कार्य जिनमें राशि का आहरण किया गया है किन्तु कार्य अपूर्ण/अप्रारंभ है, को 01 माह मे ग्राम पंचायतो द्वारा कार्य पूर्ण न करने की स्थिति में सबंधित ग्राम पंचायतो के सरपंच/सचिव के विरूद्ध मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 92 के अंतर्गत जेल भेजने की कार्यवाही की जायेगी। ऐसे सचिव जिनके द्वारा उक्त अनिमियतता की जा रही है उनकी विभागीय जांच कर सेवा समाप्ति की जायेगी अगर तय् समय-सीमा में सुधार कार्य नही कराया जाता है।
दमोह। पंचायती राज में राशि आहरण करके कार्य नहीं कराने वाले भ्रष्ट जनप्रतिनिधियों सचिवों आदि के लिए यह बुरी खबर है। जिले में पंच परमेश्वर योजना तहत ग्राम पंचायतों में सीसी रोड निर्माण कराए बिना 9 करोड़ से अधिक की राशि खर्च कर दी गई। जिला पंचायत के मुख्य कार्य पालन अधिकारी द्वारा की गई जांच में यह हालात उजागर हुए है। जिसके बाद ऐसे भ्रष्ट जनप्रतिनिधियों को एक माह के समय के साथ एक मौका और दिया गया है। यदि एक माह में इनके द्वारा सीसी रोड निर्माण कार्य कंपलीट नहीं कराया गया तो इनके खिलाफ अमानत में खयानत की रिपोर्ट दर्ज कराए जाने के साथ जेल भेजने की तैयारियां प्रशासन ने कर ली है।मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत डॉ गिरीश कुमार मिश्रा ने जानकारी देते हुये बताया कि पंच-परमेश्वर योजना अंतर्गत जिले की ग्राम पंचायतों में स्वीकृत सीमेन्ट कांक्रीट रोडो की उनके सहायक यंत्री व उपयंत्रीयो द्वारा समय-समय जांच कराई गई थी। जांच में जनपद पंचायत दमोह की 46 ग्राम पंचायतों में कुल 3 करोड़ 33 लाख 66 हजार 859 रूपये का निर्माण कार्य अधूरा या नही होना पाया गया। जिसमें मुख्य रूप से ग्राम पंचायत बरवांसा मे कुल 12 कार्य, ग्राम पंचायत हिरदेपुर मे 15 कार्य, ग्राम पंचायत लुहर्रा में 03 कार्य, ग्राम पंचायत खडेरा में 02 कार्य, मुडारी मे 04 कार्य जमुनिया हजारी में 02 कार्य पिपरिया टिकरी मे 05 कार्य, ग्राम पंचायत दतला में 08 कार्य शामिल है।
इसी तरह जनपद पंचायत हटा की 25 ग्राम पंचायतो में कुल 1 करोड़15 लाख 97 हजार 589 रूपये का निर्माण कार्य अधूरा या नही पाया गया। जिसमें मुख्य रूप से ग्राम पंचायत खमरगौरा में 05 कार्य, ग्राम पंचायत देवरीफतेहपुर में 06 कार्य, ग्राम पंचायत शिवपुर में 05 कार्य, ग्राम पंचायत बछामा में 02 कार्य शामिल है।जनपद पंचायत तेन्दूखेडा की 14 ग्राम पंचायतों में कुल 71 लाख 36 हजार 895 रूपये का निर्माण कार्य अधूरा या नहीं पाया गया। जिसमें मुख्य रूप से ग्राम पंचायत कोटखेडा में 05 कार्य, ग्राम पंचायत चंदना में 06 कार्य, ग्राम पंचायत बेलढाना में 03 कार्य शामिल है। जनपद पंचायत बटियागढ में 11 ग्राम पंचायतों मे कुल 43 लाख 59 हजार 956 रूपये का निर्माण कार्य अधूरा या नहीं पाया गया। जिसमें मुख्य रूप से ग्राम पंचायत बेलखेडी में कुल 03 कार्य, ग्राम पंचायत पाडाझिर में 03 कार्य, एव ग्राम पंचायत सादपुर 02 कार्य शामिल है।
जनपद पंचायत पटेरा में 18 ग्राम पंचायतों में कुल 95 लाख 79 हजार 077 रूपये का निर्माण कार्य अधूरा या नही पाया गया। जिसमें मुख्य रूप से ग्राम पचांयत गाता में 21 कार्य, ग्राम पंचायत बमनी में 11 कार्य, ग्राम पंचायत महूना मे 06 कार्य, ग्राम पंचायत बनगांव में 06 कार्य, ग्राम पंचायत बिलगुवां मे 10 कार्य शामिल है। जनपद पंचायत जबेरा में 38 ग्राम पंचायतों मे कुल 1 करोड़ 25 लाख 02 हजार 592 रूपये का निर्माण कार्य अधूरा या नही पाया गया। जिसमें मुख्य रूप से ग्राम पंचायत नोहटा में 08 कार्य, ग्राम पंचायत पटीमहराजसिंह में 06 कार्य, ग्राम पंचायत सगौडीखुर्द में 11 कार्य, ग्राम पंचायत डूमर में 03 कार्य शामिल है। जनपद पंचायत पथरिया में 29 ग्राम पंचायतो मे कुल 1 करोड़ 12 लाख 57 हजार 400 रूपये का निर्माण कार्य अधूरा या नही पाया गया। जिसमें मुख्य रूप से ग्राम पंचायत सेमरालोधी में 05 कार्य, ग्राम पचायत मेहलवारा मे 08 कार्य, ग्राम पंचायत सरखडी मे 08 कार्य, ग्राम पंचायत बडगांव में 05 कार्य शामिल है।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत डॉ गिरीश कुमार मिश्रा ने जानकारी देते हुये बताया कि पच-परमेश्वर योजना (महात्मा गांधी ग्राम स्वराज एवं विकास योजना) अंतर्गत स्वीकृत ऐसे निर्माण कार्य जिनमें राशि का आहरण किया गया है किन्तु कार्य अपूर्ण/अप्रारंभ है, को 01 माह मे ग्राम पंचायतो द्वारा कार्य पूर्ण न करने की स्थिति में सबंधित ग्राम पंचायतो के सरपंच/सचिव के विरूद्ध मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 92 के अंतर्गत जेल भेजने की कार्यवाही की जायेगी। ऐसे सचिव जिनके द्वारा उक्त अनिमियतता की जा रही है उनकी विभागीय जांच कर सेवा समाप्ति की जायेगी अगर तय् समय-सीमा में सुधार कार्य नही कराया जाता है।
जिला पंचायत के सीईओ की उपरोक्त जांच रिपोर्ट तथा र्कारवाई आदेश मीडिया के जरिए सामने आने और सार्वजनिक होने के बाद कागजी कार्यो में माहिर सरपंच सचिवों में हड़कंप के हालात बने हुए है। कुछ लोग तो नाममात्र की सीमेंट और घटिया रेत से सीसी निर्माण कराकर जेल जाने से बचने की मंशा जाहिर करते हुए भी नजर आने लगे है। पंचायती राज तहत कराए गए अन्य निर्माण कार्यो की जांच कारवाई के मामले में प्रशासन यदि ऐसी ही सजगता सख्ती दिखाए तो ग्रामीणजनों को शासन द्वारा दी जाने वाली सुविधाओ का लाभ मिलने लगेगा। अन्यथा कागजों में होने वाले निर्माण कार्य घोटाले में सूचना के अधिकार की आड़ में हिस्साबांट करने वालों की बसूली आगे भी ऐसे ही चलती रहेगी।
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