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प्रभु यीशु के यरूशलेम प्रवेश के पर्व "पाम सन्डे" पर दिखा उत्साह उमंग का माहौल.. खजूर की डालिया लेकर निकले मसीही समाज के बच्चे, बुजुर्गों के साथ सभी लोग..

 पाम सन्डे पर खजूर की डालिया लेकर जुलूस निकाला-
 दमोह। देश दुनिया के साथ दमोह मैं भी प्रभु यीशु के यरूशलम में प्रवेश का पर्व "पाम संडे" बड़े ही धूमधाम और उत्साह उमंग के साथ मनाया गया। इस मौके पर हाथों में खजूर की डालियां लेकर "प्रभु संदेश" का प्रचार करते हुए बड़ी संख्या में मसीही समाज के लोगों ने नगर भ्रमण करके सभी को खजूर इतवार की बधाइयां दी।
 नगर की मसीही समाज द्वारा किल्लाई नाका समाज गृह से रविवार सुबह विशाल जुलूस निकाला गया। जिसमें हाथों में खजूर की डालियाँ लेकर मसीही समाज की युवतियां, बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं, पुरुष आदि सभी चल रहे थे। वरिष्ठ समाजसेवी राजकमल डेविड लाल द्वारा सभी को प्रभु यीशु के संदेश वचनों के साथ पाम संडे की बधाइयां दी जा रही थी।
 पाम संडे पर्व का यह जुलूस समाज गृह से SBI चौराहा, बस स्टैंड, एवरेस्ट लाज, घंटाघर से होते हुए चर्च भवन पहुचकर संपन्न हुआ। जहाँ पर विशेष आराधना सभा के साथ सभी को प्रभु ईसा मसीह जी का संदेश सुनाते हुए उनसे जुड़े संस्मरण को याद किया गया।  
इस मौके पर बड़ी संख्या में मसीही समाज के लोगों के अलावा बाहर से आए अतिथियों तथा आमंत्रित जनों की भी मौजूदगी रही। मसीही समाज की वरिष्ठ नेत्री डॉ शीला लाल ने पाम संडे पर्व का महत्व बताते हुए कहा कि आज का यह दिन मसीही समाज के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है।

डॉ लाल ने बताया कि आज ही के दिन करीब 2000 वर्ष पूर्व प्रभु यीशु यरूशलेम पहुंचे थे। जहां लोगों ने हाथों में खजूर की डालियां लेकर उनकी अगवानी की थी। लोगों को भरोसा था की यीशु राजा बनकर उन्हें अन्याय और अत्याचार से मुक्ति दिलाएंगे। उन्हें क्या पता था कि प्रभु यीशु तो बलिदान देने के लिए स्वर्ग का राज्य कर दुनिया में आए हैं। अभिजीत जैन की रिपोर्ट

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