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पांच साल का प्रतिवेदन पेश करने में फिस्सडी रहे सांसद प्रहलाद पटेल.. चुनाव आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज होते ही पत्रकार वार्ता बुलाकर.. पत्रिका की खबर को बताया झूठा..

निर्वाचन अधिकारी को पत्र देकर कार्रवाई की मांग-
दमोह। सांसद निधि की राशि खर्च करने के मामले में अब्बल रहे दमोह सांसद प्रहलाद पटेल अपनी 5 साल की उपलब्धियों का प्रतिवेदन प्रधानमंत्री कार्यालय तक भेजने के मामले में सबसे पीछे रहे हैं। यह बात हम नहीं कह रहे बल्कि स्वयं सांसद पटेल ने यह खुलासा किया है। 
दरअसल दमोह सांसद और भाजपा प्रत्याशी प्रहलाद पटेल के खिलाफ चुनाव आचार संहिता का एक मामला दर्ज किया गया है। जिसकी बजह पत्रिका सागर में छपी वह खबर बताई जा रही है जिसे सांसद पटेल झूठा बता रहे हैं। पत्रिका में छपी इस खबर में उल्लेख किया गया था कि "सांसद के प्रतिवेदन से मुद्रक का नाम व पता गायव बढ़ सकती है मुश्किल"।
पत्रिका की उपरोक्त खबर बाद में पत्रिका टीवी की भी सुर्खियां बनी तथा कुछ न्यूज़ पोर्टल तथा अन्य अखबारों ने भी इसे फॉलो किया। बाद में मामला जिला निर्वाचन अधिकारी और दमोह कलेक्टर नीरज कुमार सिंह के संज्ञान में आने पर उन्होंने इस पर कार्यवाही के निर्देश देने में देरी नही की।
एसडीएम के प्रतिवेदन पर दमोह कोतवाली में सांसद प्रहलाद पटेल के खिलाफ चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया। इसको लेकर एडिशनल एसपी विवेक लाल भी मीडिया से रूबरू हुए। 
इधर सांसद के खिलाफ मामला दर्ज हो जाने के बाद पत्रिका ने फिर खबर का असर दिखा कर वाहवाही लूटने की कोशिश की तथा अखबार के साथ पत्रिका टीवी में भी खबर के असर की ब्रेकिंग चलती रही।
इतना सब कुछ हो जाने के बाद सांसद श्री पटेल को जब मामले की गंभीरता का एहसास हुआ तो उन्होंने 29 मार्च को ही जिला निर्वाचन अधिकारी के नाम से निर्वाचन कार्यालय एक पत्र भेजने में देर नही की। इस पत्र में पत्रिका के सागर संस्करण के दमोह पृष्ठ में झूठी खबर छापने हवाला देते हुए इसे छापने वाले व्यक्ति पर आपराधिक तथा निर्वाचन नियमों के तहत कार्यवाही किए जाने की मांग की गई।
इसके बाद आनन फानन में सांसद श्री पटेल ने अपने सरकारी आवास पर फिर एक पत्रकार वार्ता बुलाकर पिछली पत्रकार वार्ता के दौरान दमोह लोकसभा की उपलब्धि के प्रतिवेदन को लेकर स्पष्टीकरण दिया। तथा यह भी बताया की प्रधानमंत्री कार्यालय तक यह किताब भेजी जाना थी। जिसे सामान्य अवलोकन के तौर पर पत्रकारों को भेंट किया गया था। ना कि किसी प्रकार के प्रचार प्रसार के लिए।
 तद संदर्भ में सांसद श्री पटेल प्रधानमंत्री कार्यालय के निर्देशानुसार अपने संसदीय क्षेत्र में 5 वर्ष में किए विकास कार्य संबंधी पुस्तिका भाजपा संसदीय कार्यालय में भिजवाने के संदर्भ में आए मैसेज तथा उनके द्वारा भेजी गई पत्रिका के संदर्भ से भी मीडिया को अवगत कराया।
सांसद श्री पटेल द्वारा चुनाव आचार संहिता के तहत दर्ज मामले के बाद जिस तरह से पत्रिका समाचार पत्र की खबर को झूठी बताने तथा शिकायत करने में देरी नहीं की वहीं वह अपने वक्तव्य के दौरान अखबार का नाम लेने से बचते रहे तथा अन्य कार्यवाही को लेकर भी नरम रुख अपनाते नजर आए। 
इधर चुनाव आचार सहिंता के दौरान सांसद के सरकारी आवास पर दो बार पत्रकार वार्ता का आयोजन किया जाना भी आचार सहिंता के उल्लंघन की श्रेणी में आता है इस और न सांसद ने ध्यान दिया और न ही जिला प्रशासन ने। ऐसे में एक बार फिर पत्रिका में आचार संहिता के उल्लंघन की खबर सामने आए तो आश्चर्य नही होगा।
 उक्त हालात को देख कर कहा जा सकता है कि दमोह से दोबारा भाजपा टिकिट हासिल करने वाले सांसद प्रहलाद पटेल के मुकाबले कांग्रेस को भले ही प्रत्याशी नहीं मिल रहा हो लेकिन श्री पटेल के इर्द गिर्द जिस तरह से बड्डा एंड कंपनी डेरा जमाई रहती है उससे आने वाले चुनाव में सांसद का नुकसान ही होगा इतना तय है। तथा मीडिया की खबरों को लेकर यदि सांसद इस तरह से शिकायती तेवर आगे भी दिखाते हैं तो हो सकता है उनकी अगली पत्रकार वार्ता में उनके इर्द-गिर्द हमेशा डटे रहने वाले मीडिया कर्मियों की ही मौजूदगी रहे। अटल राजेंद्र जैन की रिपोर्ट

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