मरीज ने खुद पर कैंची से हमला कर छलांग लगाई
दमोह।
आए दिन किसी न किसी वजह से चर्चा में बने रहने वाले दमोह जिला अस्पताल में
इस बार दिल दहला देने वाला गजब घटनाक्रम सामने आया है। जिस को देखकर अन्य
मरीजों के साथ अस्पताल के स्टाफ के बीच भी देर तक दहशत भरा माहौल बना रहा। वही लहुलुहान पड़ा युवक देर तक जमीन पर पड़ा तड़पता रहा लेकिन कोई उसकी मदद को नहीं पहुंचा। लोग वीडियों बनाते रहे और बाद में जब उसे उठाकर जांच के लिए ले जाया गया तब तक काफी देर हो चुकी थी। जिला अस्पताल के सुरक्षा हालात और व्यवस्थाओं की पोल खोलने वाले इस घटनाक्रम नेे लोगों को झकझोर कर रख दिया है।
घटनाक्रम
बुधवार रात का है जब यहां इलाज रत एक युवक के
द्वारा समय पर इलाज नहींं मिलने पर पहलेे तो हंगामाा किया गयाा, फिर नसोंं को धमकाया गया। बाद में
स्वयं के ऊपर कैंची से हमला करके खुद को लहू लुहान कर लिया गया। बाद
में हड़बड़ाहट में उतरते समय अस्पताल की फर्स्ट फ्लोर से नीचे फर्श पर गिरा यह युवक
दोबारा नहीं उठा सका। हालांकि इस दौरान वह काफी देर तक फर्स पर पड़ा तड़पता रहा चिल्लाता रहा। लेकिन उसको उपचार के लिए तत्काल उठाकर ले जाने को कोई तैयार नहीं हुआ। हालांकि इस दौरान कुछ लोग वीडियो बनाकर जरूर सोशल मीडिया पर वायरल करते रहे।
बाद में जब फर्श पर पड़े
युवक के शरीर में कोई हरकत नहीं हुई तो कोतवाली पुलिस को सूचना दी गई और
बाद में डॉक्टर द्वारा उपरोक्त युवक को उठवा कर ले जाकर जब चेकअप किया गया तब तक उसकी सांसे
थम चुकी थी। मृतक की पहचान शुभम पिता राजू अहिरवार
25 वर्ष निवासी इमलाई के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि उपरोक्त युवक उल्टी दस्त केेेे उपचार के लिए जिला अस्पताल आया था। जहां से भर्ती कर लिया गया था लेकिन इलाज के लिए डॉक्टर नहीं आया था। इसके बाद में ऐसे क्या हालात निर्मित हुए जो उसने अस्पताल की कैंची उठाकर खुद पर हमले करने के साथ जमकर दहशत फैलाते हुए हंगामा भी किया। मामले में सिविल सर्जन डॉ रविंद्र
ठाकुर ने बताया कि उपरोक्त मरीज द्वारा
अस्पताल में नर्सों को चाकू दिखाते हुए खुद पर चाकू से बार किये और वह छत से वह गिर गया।
बाद में डॉ पियूस निमाड़े के द्वारा
उसे उठाकर इलाज के लिए लाया गया लेकिन तब तक उसकी मौत हो जाना बताया जा रहा है।
लेकिन फिलहाल यह पता नहीं लग सका है कि उपरोक्त मरीज युवक के द्वारा इस
तरह की दहशत गर्दी क्यों की गई। तथा वह नशे में लापरवाही में ऊपर से
नीचे गिरकर काल के गाल में समा गया या फिर उसने जानबूझकर अपने जीवन लीला
समाप्त की। घटना की जानकारी मिलते ही कोतवाली टीआई मनीष कुमार अपनी टीम के
साथ जिला अस्पताल पहुंचे जहां उन्होंने सिविल सर्जन तथा डॉक्टर से घटना के
बारे में जानकारी ली। फिलहाल पुलिस घटना की जांच में डटी हुई है। कोई मौत के कारण का पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही लगने की उम्मीद जताई जा रही। वहीं जिला अस्पताल की सीसीटीवी फुटेज से यदि किसी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं की गई होगी तो तो पूरी घटना स्पष्ट होते देर नहीं लगेगी। हालांकि इस घटनाक्रम ने जिला अस्पताल के अराजक हालात अव्यवस्थाओं तथा सुरक्षा इंतजामों की पोल खोल कर रख दी है..
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