नर्स द्वारा मारपीट कर जातिगत टिप्पणी का विरोध
दमोह। जिले के रनेह स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ एक नर्स के द्वारा पिछले दिनों एक यात्री बस में चढ़कर उसमें सफर कर रहे एक युवक के साथ मारपीट करते हुए जातिगत टिप्पणी किये जाने का वीडियो वायरल हुआ था। मारपीट के इस मामले में पीड़ित युवक द्वारा एसपी ऑफिस पहुंचकर गुहार लगाई गई थी लेकिन पुलिस द्वारा नर्स की रिपोर्ट पर उपरोक्त युवक के खिलाफ मामला दर्ज करके प्रताड़ित किया गया था।
यह पूरा घटनाक्रम तभी से सोशल मीडिया से
लेकर मीडिया की सुर्खियां बना हुआ था इसके बावजूद पुलिस प्रशासन द्वारा
घटनाक्रम को गंभीरता से नहीं लिया गया था। नतीजन लोधी समाज के साथ पिछड़े
वर्ग के लोगों ने 15 जून को रनेह पहुंचकर थाने का घेराव कर प्रदर्शन का
ऐलान कर दिया था। इसके बाद उपरोक्त नर्स के खिलाफ भी मामला दर्ज कर उसे
स्वास्थ्य केंद्र से हटाने की कार्रवाई करते हुए मामले को शांत करने का
प्रयास पुलिस प्रशासन द्वारा किया गया था।
इसके बावजूद ओबीसी वर्ग का
आक्रोश कम नहीं हुआ तथा तय घोषणा के अनुसार रविवार को जिले के विभिन्न
क्षेत्रों से हजारों की संख्या में लोधी समाज के साथ ओबीसी वर्ग समाज के
लोग रनेह पहुंचे। जहा चिलचिलाती धूप में कई घंटे तक थाना परिसर का घेराव
करते हुए धरना प्रदर्शन करते हुए पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी का
दौर चलता रहा।
दरअसल यह तनावपूर्ण तथा गंभीर हालत
रनेह स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ नर्स नीलिमा यादव की दबंगई की वजह से
निर्मित हुए थे तथा वीडियो वायरल होने के बाद उसके खिलाफ एक्शन लेने के
बजाय पुलिस प्रशासन द्वारा पीड़ित युवक के खिलाफ ही रिपोर्ट दर्ज कर दी गई
थी। उल्लेखनीय की महेंद्र सिंह लोधी नामक युवक अपनी गर्भवती पत्नी को लेकर
रनेह स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा था। जहा नर्स नीलिमा यादव ने महिला का चेकअप
इलाज करने की बजाय अगले दिन आने को कहा था। जिस पर उसके पति के द्वारा
मानवता की दुहाई देते हुए नर्स को अपने दायित्व की याद दिलाने की कोशिश की
गई थी।
इसी पर से भड़की नर्स ने बस में अपने गांव
वापिस जा रहे महेंद्र के साथ दबंगई दिखाते हुए बस में चढ़कर मारपीट गाली
गलौज की थी। इस दौरान बस का ड्राइवर मूकदर्शक बना रहा था तथा महेंद्र को
बचाने के बजाय उसे बस से उतार दिया था। पूरे मामले की वीडियो बस में बैठे
यात्रियों ने बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दी थी। बाद में महेंद्र ने
दमोह एसपी ऑफिस पहुंचकर आवेदन देते हुए नर्स के खिलाफ कार्यवाही की मांग की
थी। लेकिन रनेह थाना पुलिस ने नर्स की शिकायत पर महेंद्र के खिलाफ
छेड़खानी सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज करके उसकी एक नहीं सुनी थी।
इन
सब हालातो के बीच पुलिस प्रशासन की कार्यवाही यहां सत्तारूढ़ दल के नेताओं
के इशारों पर संचालित होती आई थी। जिसके बाद आज आयोजित थाना के घेराव धरना
के दौरान नर्स नीलिमा यादव को बर्खास्त करने, मामले में झूठी FIR दर्ज करने वाले रनेह थाना प्रभारी और पुलिस को सस्पेंड करने, पीड़ित
महेंद्र सिंह लोधी पर दर्ज FIR रद्द करने, जिस बस में घटना को अंजाम दिया
गया उसका परमिट रद्द करने की भी मांग प्रदर्शन के दौरान रखी गई। इस
बड़े प्रदर्शन की खबर से हालांकि प्रशासन के द्वारा नर्स को रनेह से हटाने
तथा उसके खिलाफ भी मामला दर्ज करने की कार्रवाई की गई थी इसके बावजूद हजारो
लोगों के एकत्रित होने की सूचना पर दमोह से अपर कलेक्टर मीना मसराम, हटा
एसडीएम राकेश मरकाम, एएसपी संदीप मिश्रा, एसडीओपी प्रशान्त सिंह सुमन के
साथ अधिकारी और कई थानों के पुलिस बल रनेह पहुच गया था। इस दौरान जिला पंचायत सदस्य दृगपाल सिंह लोधी राव बृजेंद्र सिंह पूर्व जिला पंचायत सदस्य वैभव सिंह भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष प्रीतम सिंह पन्ना से आए समाज सेवी
अमित खरे सहित ओबीसी वर्ग के अनेक नेता धरना प्रदर्शन ज्ञापन में शामिल
हुए।
कई घंटे तक चल प्रदर्शन के दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सन्दीप
मिश्रा और अपर कलेक्टर मीना मसराम ने लोगो की मांगों का ज्ञापन लिया और
जांच कार्यवाही का भरोसा दिया। जिसमे रनेह थाना के दो पुलिस कर्मियों पर
सस्पेंड की कार्यवाही मौका पर की गई। साथ ही स्टाफ नर्स की रिपोर्ट भोपाल
भेजकर जांच कार्यवाही की बात की गई। थाना प्रभारी पर लगे आरोपो की भी जांच
का आश्वासन मौके पर दिया गया साथ ही बस के परमिट की जांच प्रतिवेदन एसडीएम
हटा द्वारा RTO को भेजे जाने आदि आश्वासन के बाद लोगो ने धरना प्रदर्शन
बन्द किया। हटा से अनिल शर्मा की रिपोर्ट
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