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टाइगर रिजर्व में पहली बार बाघिन के साथ बमनेर नदी में अठखेलियां करते नजर आए चार शावक.. खुले जंगल के मैदान में शावकों को प्रशिक्षित कर रही बाघिन.. बांधवगढ़ नेशनल पार्क से लाकर नौरादेही अभ्यारण्य में छोड़ा गया था बाघ बाघिन का जोड़ा..

दुर्गावती टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या बढ़ी..

दमोह, सागर और नरसिंहपुर जिले में फैले नौरादेही अभ्यारण्य में अब बाघों की दहाड़ चारों ओर सुनाई दे रही है। यहां पर बीते 6 सालों में बाघों का कुनबा 19 से बढ़कर 21 पहुंच गया है। जहां बाघों का कुनबा नदी किनारे दिखाई दे रहा है। टाइगर रिजर्व में गर्मी बढ़ने के साथ वन्यजीवों को नदी, सरोवर के किनारे पसंद आने लगे हैं तथा सुबह-शाम यह पानी पीने के अलावा, यहां पर मस्ती के मूड में अठखेलियां करते हुए भी नजर आ रहे हैं। यहां पहुंचने वाले पर्यटकों को भी इंतजार रहता है कि कब वह वन्यजीवों की अनदेखी लाजवाब हरकतों को अपने कैमरे में कैद करें। टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या 21 हो जाने के साथ ही सर्वाधिक आकर्षण का केंद्र बाघों की वह जोड़ी बनी हुई है जो साथ में घूमती फिरती मस्ती मूड में अक्सर नजर आती है। 
यहां पहुंचे पर्यटकों के बीच भीषण गर्मी में नदी किनारे अठखेलियां करते हुए शावकों के साथ बाघों का दीदार करना पहली पसंद बना हुआ है। इसके लिए पर्यटक काफी दूर से घंटों तक कैमरे, दूरबीन की मदद से नजरें गड़ाए रहते हैं कि कब बाघ पहुंचे और वह उनको अपने कैमरे में कैद करें
वीरांगना रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व में गर्मी बढ़ने के साथ ही पर्यटकों की संख्या में जहां इजाफा हुआ है, वहीं पानी की कमी के चलते वन्यजीवों का नदी, सरोवरों की तरफ पलायन बढ़ा है। ऐसे में अब बाघों को शिकार की तलाश में नदी किनारे डेरा डाले हुए भी देखा जा सकता है। बाघों की अठखेलियां की ऐसी ही कुछ तस्वीर सैलानियों ने अपने कैमरे में कैद की है  दरअसल भेड़ियों के प्राकृतिक आवास के लिए पहचाने जाने वाले 
चार शावकों के साथ बाघिन एन 113 का नदी पर अठखेलियां.. टाइगर रिजर्व से एक बार फिर अच्छी तस्वीर निकलकर सामने आई है जहां गर्मी से बचने के लिए नदी किनारे चार शावक बाघिन मां के साथ अठखेलियां करते हुए चार शावकों का पर्यटकों द्वारा अपने कैमरे में कैद किया गया एक वीडियो सामने आने के बाद बाघों की संख्या बढने की पुष्टि हुई है। वीडियो 2 से 3 दिन पुराना बताया जा रहा है शावकों के जन्म के करीब पांच माह बाद पहली बार बाघिन एन-112 को चारों शावकों के साथ बमनेर नदी पर देखा गया है। बाधिन एन-112 ने 28  नवंबर-2023 को  शावकों को जन्म दिया था, लेकिन विभाग सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बाघिन व शावकों की लोकेशन सहित उनकी किसी भी प्रकार की जानकारी साझा करने से बच रहा था। इसके चक्कर में अधिकारी बाघों की संख्या भी कम बता रहे थे, लेकिन पर्यटकों द्वारा बनाए इस वीडियो ने शावकों के सुरक्षित होने के साथ बाघों की संख्या बढ़ने की भी पुष्टि कर दी है
बच्चों को प्रशिक्षित कर रही बाधिन.. वीरांगना टाइगर रिजर्व के अधिकारियों ने इस वीडियो को लेकर पुष्टि भी की है। उनका कहना है कि वीडियो टाइगर रिजर्व में बहने वाली बमनेर नदी का है। जिसमें बाघिन एन-112 अपने चार शावकों के साथ नजर आ रही है। शावक पानी के अंदर अठखेलियां करते नजर आ रहे हैं। बाधिन एन 112 इन शावकों को शिकार और जंगल में रहने के लिए प्रशिक्षित कर रही है
 6वर्षों में बदली तस्वीर.. वीरांगना रानी दुर्गावती टाइगर (नौरादेही अभ्यारण्य)  के विस्तार की कल्पना के दौरान बाधिन राधा को 2018 में राष्ट्रीय बाघ परियोजना के अंतर्गत कान्हा किसली उद्यान व बाघ किप्शन को बांधवगढ़ से लाकर अभ्यारण्य में छोड़ा गया था। इसके बाद राधा किशन द्वारा बाघिन राधा ने  10 नवंबर 2019 में 3 शावकों को जन्म इसके बाघिन राधा ने दूसरी बार 7 मई  2021 में 2 शावको को जन्म दिया 28 अप्रैल 2022 को बाघिन एन112 ने 4 शावकों जन्म दिया -3 मई 2023 को बाघिन एन-111 ने4  शावकों को जन्म दिया  -31 मार्च 2023 को दूसरे टाइगर रिजर्व से बाघ एन-3 आकर टाइगर रिजर्व में रम गया 28 नवंबर 2023 को बाघिन एन 112 ने दूसरी बार 4 शावकों जन्म दिया वहीं 5 जून को टाइगर रिजर्व का शान कहें जाने वाला जिसने टाइगर रिजर्व को बाघों से आबाद किया एन-3 से संघर्ष में बाघ किशन की मौत हो गई 28 मार्च 2024 को बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से एक बाघ और बाघिन का जोड़ा लाकर टाइगर रिजर्व में छोड़ा गया है जहां अब बाघों की संख्या 21 हो गई है पिछले 6 सालों में नौरादेही अभ्यारण में बाघों की संख्या 19 हो गई थी और अब बाघ बाघिन का जोड़ा आने के बाद टाइगर रिजर्व में  यह संख्या 21 हो गई है। वर्तमान में नौरादेही अभ्यारण्य का जंगली क्षेत्र भेड़ियों का प्राकृतिक आवास है लेकिन इसे एक टाइगर रिजर्व के तौर पर विकसित किया जा रहा है
 बाघिन एन-4 का बाघ एन-5 से हुआ मिलन.. वहीं बांधवगढ़ से वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व लाई गई बाघिन एन-4 (कजरी) को दमोह जिले की तेजगढ़ रेंज से रेस्क्यू कर उसे वापिस टाइगर रिजर्व की डोंगरगांव रेंज के हाडिकाट के जंगलों में छोड़ दिया गया था, कजरी को छोड़ने के बाद एक-दो दिन उसने विचरण किया। उसके बाद वह महका बीट के पास बाघ एन-5 से मिल गई चूंकि बांधवगढ़ से लाकर रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व छोड़े गए बाघ-बाघिन को टाइगर रिजर्व प्रबंधन का यही उद्देश्य था कि दोनों बाघ-बाघिन आपस में मिलें, जिससे बाघों की आबादी बढ़े।
वहीं टेरेटरी को लेकर हुई लड़ाई में एन-2 बाघ को मारने वाला बाघ एन-3 लंबे समय बाद नौरादेही रेंज की नौरादेही बीट और जोगीपुरा बीट के बीच एक नाले में आराम करते देखा गया है.. वही बाघिन एन-4 बाघ एन 5 से बाघों की कुनबा बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है यह जोड़ी टाइगर रिजर्व को राधा किशन की तरह टाईगर रिजर्व को पहचान दिलाएंगे और अपना कुनबा बनाएंगे
बाघिन राधा ने भी शावकों को जन्म दिया लेकिन अधिकारियों द्वारा पुष्टि नहीं की जा रही.. वहीं बाघों की उपस्थिति सहित भेड़ियो के प्राकृतिक आवास और पक्षियों के अनुकूल होने के चलते विश्व पटल पर अपनी पहचान बना चुके टाइगर रिजर्व नौरादेही अभ्यारण से एक और सकारात्मक और अच्छी खबर आई है। यहां बाघों के  नए शावकों की पुष्टी वन अमले ने की है और इसके साथ ही अब बाघों की संख्या 25 हो गई है। बताया जा रहा है कि चारों शावकों को एक ही बाघिन राधा एन-2 ने जन्म दिया है जो यहां सबसे पहले लाइ गई बाधिन राधा के द्वारा जन्मे हालांकि नौरादेही अभ्यारण्य प्रबंधन सुरक्षा की दृष्टि से इनकी लोकेशन सहित फोटो आदि जारी करने से बच रहे है लेकिन सूत्रों का कहना है कि चारों शावक स्वस्थ हैं और अपनी मां के साथ सुरक्षित अभ्यारण्य क्षेत्र में जंगल को गुफाओ व चट्टानों में सुरक्षित है आपको बता दें टाइगर रिजर्व में बीती जनवरी फरवरी माह में बाघिन राधा ने अपना ठिकाना बदल दिया था और सर्रा रेंज को छोड़कर मोहली रेंज के जंगलों में अपना एरिया बना लिया जहां पर उसने इन शावकों को जन्म दिया है लेकिन टाइगर रिजर्व के अधिकारियों द्वारा अभी पुष्टि नहीं की जा रही है सूत्रों द्वारा मिली जानकारी अनुसार शावकों की संख्या 2 या 3 है.. विशाल रजक तेन्दूखेड़ा

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