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रामनवमी पर आचार्य श्री विद्या सागर जी के विशेष आर्शीवचन.. राम को जानना और रामायण को जानना अलग-अलग है..अर्हम योग प्रेणता मुनिश्री प्रणम्यसागर की जबेरा में अगवानी

 रहली पटना गंज में विराजमान में आचार्यश्री विद्यासागर महाराज के रामनवमी के अवसर पर विशेष आर्शीवचन सुनने का सौभाग्य हजारों को भक्तों को प्राप्त हुआ। आचार्यश्री ने कहा कि राम को जानना और रामायण को जानना अलग-अलग है राम को जानना स्वयं की कायाकल्प करना है, तन मन और आत्मा का परिवर्तन भिन्न होता है 

साधर्मी के लिए सहोदर भी उस उदर को छोड़ने तैयार हो जाता है जिसमें धर्म की रक्षा ना होती हो। विभीषण के लिए राम बैरी (दुश्मन), रावण बंधु सहोदर फिर भी विभीषण आधीरात लंका छोड़कर राम के दल में पहुंचाता है जहां पूराराम दल मंत्रणा कर रहा था ।

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दुश्मन के मिलने आने पर आगबबूला हुए लक्ष्मण और दिन में आने की बात कहते हैं पर राम लक्ष्मण को शांति का आदेश देकर विभीषण को बुला लेते हैं क्योंकि विभीषण ने अभय के साथ मिलने का समय मांगा था राम की यही शांति की धारा जो शत्रु  भी मित्र बन जाता है आज सारा संसार चारों ओर शत्रुता युद्ध और भय के वातावरण में है संसार के सारे देश चुप और संदेह में कब क्या हो जाए कहां विस्फोट हो जाए।  पर भारत ने युद्ध विराम के लिए बोलना शुरू कर दिया तो सारे देश भारत के विचारों का समर्थन करने लगे। यही राम का काम और नाम भारत में रामनवमी का यही तो महत्व है पर याद रखो हम राम को मानते हैं और राम की बात को भी मानते हैं तभी भारत महान बनेगा।
अर्हम योग प्रेणता मुनिश्री प्रणम्यसागर की जबेरा में अगवानी
दमोह। संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य,अर्हम योग प्रेणता मुनि श्री प्रणम्य सागर जी महाराज का ससंघ रविवार को जबेरा नगर आगमन हुआ। जहां जैन समाज जबेरा द्वारा विराजमान पूज्य मुनिश्री निरापद सागर एव मुनिश्री निरुपम सागर के सानिध्य में एव उपस्थिति में पूज्य मुनि श्री की भव्य आगवानी जबेरा से 1 किलोमीटर दूर नगर की सीमा पर गाजे बाजे एवं उत्साह के साथ की गई।
इस दौरान जबेरा नगर में जैन समाज द्वारा घर-घर द्वार द्वार रंगोलियां सजाई गई। पूज्य मुनि श्री का आगवानी के साथ-साथ श्रद्धालुओं द्वारा जगह-जगह पाद प्रक्षालन एवं आरती भी की गई। तत्पश्चात पूज्य मुनि श्री प्रणम्य सागर जी महाराज जी ने श्री पारसनाथ दिगंबर जैन मंदिर पहुंच कर मूलनायक भगवान पार्श्वनाथ के दर्शन किए। पूज्य मुनि श्री प्रणम्य सागर जी महाराज के साथ संघ में मुनि श्री चंद्र सागर जी महाराज का नगर आगमन हुआ हैं। ज्ञात हो कि पूज्य  मुनि श्री नोहटा, बिजोरा, तेजगढ़ मार्ग से विहार कर जबेरा नगर आगमन हुआ हैं। इस भव्य आगवानी में जैन समाज सहित सैकड़ों की संख्या में नगर वासी उपस्थित रहे।
रहली से आदेश अग्निहोत्री, जबेरा से मयंक जैन की रिपोर्ट

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