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पुलिस वाला कार से करता था शराब तस्करी.. कुम्हारी के पास पत्नी के नाम से संचालित है ढाबा.. लाल पट्टी वालों ने कुंडलपुर के पास कार में शराब सहित पकड़ा.. पटेरा थाना पुलिस ने f.i.r. कर गिरफ्तार किया.. एसपी ने सस्पेंड कर विभागीय जांच के आदेश दिए..

कार से शराब ले जाते पुलिसकर्मी को लालपट्टी वालों ने पकड़ा

दमोह। जिले में कोरोना कर्फ्यू के चलते बाजार प्रतिष्ठानों के साथ शराब दुकानों को भी बंद रखे जाने के आदेश जिला दंडाधिकारी द्वारा जारी किए गए है। जिस वजह से 19 अप्रैल से जिले भर में लाक डाउन जैसे हालात बने हुए हैं। अब आवश्यक सामग्री के लिए लोग परेशान होने लगे हैं लेकिन डेढ़ दो गुने दामों में गांव गांव और गली गली में शराब आसानी से मिल रही है। पुलिस सड़क पर घूम कर फल सब्जी बेचने वालों से लेकर चोरी-छिपे दुकान दारी करने वालों पर तो कार्यवाही कर रही है लेकिन अवैध शराब बेचने वालों की अनदेखी जारी है।

ऐसे ही कुछ हालात में बीती रात भगवती मानव कल्याण संगठन के लाल पट्टी धारी कार्यकर्ताओं ने कुंडलपुर के पास एक पुलिस कर्मी को 88 पाव  शराब के साथ पकड़ने के बाद उसी उसे पटेरा थाना पुलिस के हवाले करने में देर नहीं की। अजय यादव नाम के इस पुलिसकर्मी को हुंडई कार सहित शराब तस्करी करते पकड़े जाने जैसे हालात के बाद पटेरा थाना पुलिस ने अपराध पंजीबद्ध करने के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया है वही एसपी हेमंत चौहान ने मामले को गंभीरता से लेते हुए इस पुलिसकर्मी को सस्पेंड करके विभागीय जांच के आदेश दिए है। एसपी का कहना है कि पूर्व शिकायतों की वजह से उसे लाइन अटैच कर दिया गया था और अब मामला सामने आने पर उसे निलंबित कर दिया गया है।

इधर गांव-गांव में बिकने वाली अवैध शराब को पकड़वाने की मुहिम में कोरोना कर्फ्यू के दौरान भी दिन-रात एक करने वाले भगवती मानव कल्याण संगठन के पटेरा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं विजय पटेल का कहना था कि पुलिस वाले की गाड़ी लौटते समय पकड़े जाने की वजह से इतनी कम मात्रा में शराब मिली है यदि जाते समय यह गाड़ी पकड़ी जाती तो भारी मात्रा में शराब बरामद होती। बताया जा रहा है कि यह पुलिसकर्मी अपने पत्नी के नाम पर कुम्हारी के समीप एक ढाबा भी संचालित किए हुए हैं। जहां भी धड़ल्ले से शराब का कारोबार चलता है लेकिन कुम्हारी थाना पुलिस इस ओर ध्यान नहीं देती। वही पुलिस कर्मी द्वारा गांव गांव में कार से अवैध शराब सप्लाई किए जाने और शराब ठेकेदार के लोगों द्वारा ही शराब उपलब्ध कराए जाने की बात भी सामने आ रही है। 


 कोरोना कॉल में पाबंदी के बाद भी बिकने वाली अधिकांश अवैध शराब जिले के विभिन्न शराब ठेकेदार के लोगों द्वारा आबकारी विभाग और पुलिस की मिलीभगत से महंगे दामों में बिकवाये जाने की जानकारी सामने आ रही है। अब यह मामला सामने आने के बाद देखना होगा कि पुलिस तथा आबकारी विभाग अवैध शराब पकड़ने के मामले में सख्ती दिखाते हुए कार्रवाई करता है अथवा पुलिस की सख्ती फल सब्जी वालों तथा चोरी छुपे दुकानदारी करने वालों व राहगीरों तक ही सीमित रहती है। पिक्चर अभी बाकी है..

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