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झमाझम बारिश से चारों तरफ पानी ही पानी, 25 इंच से अधिक वर्षा दर्ज.. एक ओर ग्रामीण के बहने की खबर आई.. बाढ़ ग्रस्त पुल पार करते लोगों की लाहरवाही ओर पुल से बही गाय के मौत को मात देने का वीडियों वायरल.. इधर रफ्तार में क्रॉसिंग से कार दुर्घटनाओं का दौर जारी..

रफ्तार में क्रॉसिंग से कार दुर्घटनाओं का दौर.. 
दमोह।  झमाझम बारिश के मामले में आषाढ़ सावन के बाद भादो मास की शुरुआत हल्की-फुल्की रहने के बाद अब अगस्त के दूसरे पखवाड़े में जोरदार बारिश का दौर जारी है जिससे जिले में बारिश का आंकड़ा 25 इंच के रिकॉर्ड को पार कर चुका है। इधर पिछले 2 दिनों से जिले भर में जारी जोरदार बारिश का दौर अगले एक-दो दिन तक जारी रहने की संभावना से लोग इंतजामों में जुटे हुए हैं। वह बारिश के दौरान सड़क नहीं छोड़ने कि वाहन चालकों की युद्ध क्रॉसिंग के दौरान हादसों की वजह बन रही है।
विभिन्न क्षेत्रों में मंगलवार को वाहनों की क्रासिंग के दौरान अगले हिस्सों की भिड़ंत तथा हादसे के बाद सड़क छोड़कर खाई में उतर जाने के अनेक घटनाक्रम सामने आए हैं। जिनमें तेंदूखेड़ा पाटन मार्ग पर सड़क छोड़कर दुर्घटनाग्रस्त पड़ी 4 क्षतिग्रस्त कारों के वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल होते रहे जिसके बाद मौके पर पहुंची तेंदूखेड़ा थाना पुलिस ने जब पड़ताल की तो पता लगा दो कारों की भिड़ंत होने के बाद दुर्घटनाग्रस्त हुई थी वही दो अन्य कार भी क्रॉसिंग के दौरान हादसे का शिकार होकर सड़क से उतरकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई
 हालांकि इन चारों कार दुर्घटनाओं में किसी प्रकार की कोई जनहानि नहीं होने की वजह से दुर्घटना की सूचना पुलिस तक नहीं दी गई थी। लेकिन जानकारी लगने पर पुलिस मौके पर पहुची तथा जांच पड़ताल शुरू की गई। लेकिन जिस तरह से गाड़ियों का नुकसान हुआ है उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि बीमा कंपनियों तक नुकसान की भरपाई हेतु इसकी सूचना जरूर दी गई होगी। 

स्थानीय लोगों की माने तो बारिश की वजह से सड़क के साइड में गाड़ियां फंसने की आशंका में अब बड़े वाहनों की तरह छोटे वाहनों के चालक भी साइड छोड़ने को तैयार नहीं होते वही क्रॉसिंग के दौरान भी स्पीड को तेज रखने मोबाइल आदि पर बात करते हुए स्टाइलिश अंदाज में ड्राइविंग करने की वजह से दुर्घटना के शिकार होते रहते हैं। खुद की जान को जोखिम में डालते ही हैं साथ में गाड़ी में सवार लोगों की जान जोखिम में डालने से भी नहीं चूकते हैं। 

 तेंदूखेड़ा पाटन मार्ग पर हादसों की जो तस्वीरें सामने आई हैं उनसे पहली नजर में तो यही हालात की पुष्टि होती नजर आ रही है। वही अनेक मार्गों पर सड़क के गड्ढों से बचने के लिए भी वाहन चालकों द्वारा साइड नही दे दुर्घटनाओं की संख्या में इजाफा हो रहा है। ऐसे में छोटे वाहन चालको से यह अपेक्षा की जा रही कि है क्रासिंग के दौरान स्पीड कम करने के साथ सावधानी का पूरा ध्यान रखें। क्योंकि जान है तो जहान है नहीं तो इसके बाद तो खाली पड़ा शमशान है..
बाढ़ ग्रस्त पुल पार करने में लापरवाही जारी..
2 दिन की झमाझम बारिश के बाद जिले से बहने वाले लगभग सभी बड़े नदी नाले जहां उफान पर हैं वही बरसाती नालों के पुल भी बाढ़ के पानी से डूबे हुए हैं इसके बावजूद ग्रामीण जन आवागमन करने से नहीं चूक रहे हैं। तेंदूखेड़ा से जामुन खेड़ा जाने वाले पठा दो का पुल हर साल बारिश के पानी में बाढ़ ग्रस्त हो जाता है इसके बावजूद लोग जान जोखिम में डालकर इसे पार करने से नहीं चूकते हैं सोमवार को बाढ़ ग्रस्त पुल को पार करते समय एक साइकिल सवार कि वह जाने से उस की जल समाधि हो गई वही इस दौरान बाढ़ ग्रस्त पुल पार करते हुए चार गायों की वीडियो की वायरल हुई है जिसमें एक गाय बाढ़ ग्रस्त पुल से बहकर उफनते नाले में समा जाती है। 
इसी दौरान गाय का मालिक साहस दिखाता है बाढ़ ग्रस्त पुल तक पहुंचता है और चिल्ला कर गाय को आवाज देते हुए उसे वापस आने के लिए कहता है। अपने हरवाहे की आवाज को पानी में बहती हुई गाय सुनती है और वह बहाव की दिशा को बदल कर उस तरफ कदम बढ़ा देती है जिस तरफ से घाट नजदीक है। देखते ही देखते वाह सुरक्षित किनारे पर पहुंच जाती है इधर जो तीन गाय बाढ़ ग्रस्त पुल को पार कर रही थी और अपनी साथी गाय के बह जाने के बावजूद रुकती नहीं है तथा हिम्मत दिखाते हुए बहाव को चीरते हुए पुल के उस पार पहुंच जाती हैं। 
यह सब जिक्र करना इसलिए जरूरी हो गया है क्योंकि बाढ़ ग्रस्त पुल को पार करने के दौरान इंसान जहां लापरवाही बरतने से नहीं छुपता है वही मूक पशु इस दौरान कैसे सावधानी बरतते हैं और अपनी जान बचाते बचाते हैं इस वीडियो को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है सिग्रामपुर क्षेत्र में इसी तरह फलको नाले से एक युवक के बह जाने की जानकारी भी सामने आई है। झमाझम बारिश की वजह से मंगलवार को अनेक ग्रामीण मार्ग बंद रहे वही बरगी डैम के गेट खुल जाने से जबलपुर जाने वाले दोनों मार्गों के भी बंद रहने की संभावना बढ़ गई है ऐसे में आवश्यक हो गया है कि बहुत जरूरी होने पर ही लोग अपने घरों से बाहर निकलकर दूसरे गांव या शहर का रुख करें। अभिजीत जैन के साथ तेंदूखेड़ा से विशाल रजक की रिपोर्ट

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