पूर्व विधायक के परिजनों सहित 25 को आजीवन कारावास
दमोह।
जिले के हटा निवासी कांग्रेस नेता देवेंद्र चौरसिया की हत्या के आरोपी
पथरिया से पूर्व विधायक रामबाई सिंह परिहार के पति गोविंद सिंह, देवर
कौशलेंद्र सिंह सहित 25 आरोपियों को हटा अपर सत्र न्यायाधीश सुनील कुमार
कौशिक ने शनिवार शाम उम्र कैद की सजा सुना दी। एक आरोपी को सबूतों के अभाव
में दोष मुक्त किया गया है। वही एक आरोपी फरार होने के कारण उसके मामले की
सुनवाई नहीं हो सकी। इस हत्याकांड में कुल 27 लोगों को आरोपी बनाया गया
था। सुबह से ही हटा न्यायालय में बड़ी मात्रा में पुलिस बल तैनात किया गया
था और इस मार्ग से वाहनों की आवाजाही ही भी बंद कर दी गई थी।
इन आरोपियों को सुनाई गई सजा- गोविंद सिंह परिहार, कौशलेंद्र सिंह परिहार, भतीजे
गोलू ठाकुर, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष शिव चरण पटेल का बेटा हटा जनपद
अध्यक्ष इंद्रपाल पटेल, राजा डॉन, बलवीर ठाकुर, अनीश खान, मोनू तंतुवाय,
अनीश पठान, अमजद पठान, श्रीराम शर्मा, लोकेश पटेल, सोहेल पठान, शाहरुख खान,
भान सिंह, आकाश परिहार, संदीप सिंह तोमर, खूबचंद उर्फ़ नन्ना, विक्रम
सिंह, सुखेंद्र अठया, मजहर खान, किशन परिहार, सोहेल खान, फुकुलु परिहार,
शैलेंद्र तोमर शामिल हैं। इसके एक आरोपी त्रिलोक सिंह फरार है और एक आरोपी
विकास पटेल को न्यायाधीश ने दोष मुक्त करार दिया है। दरअसल15
मार्च 2019 को कांग्रेस नेता देवेंद्र चौरसिया की हत्या हुई थी। इस मामले
में मृतक देवेंद्र चौरसिया के भाई महेश चौरसिया की रिपोर्ट पर हटा पुलिस ने
27 आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी, जिसमें पथरिया विधानसभा से
विधायक रही रामबाई सिंह परिहार के पति गोविंद सिंह परिहार उनके देवर
कौशलेंद्र सिंह परिहार सहित 27 लोगों पर धारा 302, 149, 323, 294, 307,
147, 148, 149, 506 के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी।
लोक
अभियोजक उमेश सोनी ने बताया कि मृतक देवेंद्र के भाई महेश चौरसिया ने घटना
के बाद एफआईआर करते समय पुलिस को बताया था कि वह ठेकेदारी करते हैं।
धोलिया खेड़ा गांव में उनका डामर का प्लांट है जहां वह अपने भाई देवेंद्र
के साथ मिलकर काम देखते हैं। 15 मार्च की सुबह करीब 10:45 बजे मेरा भाई
देवेंद्र, भतीजा सोमेश, परिजन अशोक चौरसिया और मेरा बेटा अनिमेष चौरसिया
प्लांट खोलने गए थे। ऑफिस का दरवाजा खोल रहे थे तभी एक काले रंग की डस्टर,
एक लाल रंग की जीप, एक टीयूवी कार और चार बाइक पर सवार कौशलेंद्र सिंह,
गोविंद सिंह और बाकी आरोपी पहुंचे और उन्होंने लाठियां और लोहे की रॉड से
हमला कर दिया। मेरे भाई देवेंद्र को कौशलेंद्र उर्फ चंदू सिंह ने लोहे की
रॉड से मार कर घायल कर दिया। गोलू और श्री राम ने सोमेश को दोनों हाथों और
पैरों में और सीने में लाठी से हमला किया। साथ में बाकी आरोपी भी मारपीट कर
रहे थे। जब प्लांट के लोग हमला देख वहां दौड़े तो सभी आरोपी अपनी गाड़ियां
लेकर पटेरा की तरफ भागे। मैं अपने भाई, भतीजे को घायल अवस्था में लेकर सीधे
हटा अस्पताल पहुंचा, प्राथमिक इलाज के बाद उन्हें जिला अस्पताल रेफर किया
गया। इस रिपोर्ट में पुलिस ने 27 लोगों को आरोपी बनाया। इलाज के दौरान
देवेंद्र चौरसिया की मौत हो गई इसलिए मामला हत्याकांड में तब्दील हो गया।
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