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जिला अस्पताल परिसर से फिर सामने आई मानवता को शर्मसार करने वाली तस्वीरे.. अस्पताल तक पहुंचने के दो दिन बाद भी मरीज को न भर्ती किया गया और न ही मिला उपचार.. मौत के बाद आवारा मबेशी करते रहे मृतक से खिलछाड़.. सिविल सर्जन ने पुलिस पर थोपी जिम्मेदारी..

अस्पताल के बाहर दो दिन से पड़े बीमार की मौत

दमोह। जिला अस्पताल की चमचमाती बिल्डिंग के सामने धुंधली आमानवीय संवेदनाओं को उजागर करती हुई तस्वीरे सामने आई है। जिला अस्पताल तक पहुचने के बावजूद एक बीमार मरीज के कैंसर पीड़ित होने से इलाज हेतु अंदर जगह नही मिल पाई। इधर दो दिन तक सिविल सर्जन कार्यालय के सामने पड़े मरीज को रैफर या भर्ती कराने के बजाए सिविल सर्जन कार्यालय से पुलिस को पत्र लिखकर ही खाना पूर्ति की जाती रही।  

आज इस मरीज की अस्पताल परिसर में ही पड़े पड़े मौत हो जाने के बाद घण्टो तक लावारिस हालत में पड़े रहे शव से मवेशियों द्वारा छेड़छाड़ की जाती रही। लेकिन किसी ने भी इसकी परवाह नहीं की और जब मामला मीडिया के संज्ञान में आया सिविल सर्जन अपने तरीके से सफाई देकर अस्पताल प्रबंधन की जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ती हुई नजर आई।

दरअसल यह पूरा मामला शहर के सिविल वार्ड नंबर एक निवासी गंभीर बीमार मरीज बलराम अहिरवार से जुड़ा हुआ है। कैंसर के कारण परिजनों से अलग-थलग बीमारी की हालत में पढ़े गरीब हालात के बलराम अहरवार को 2 दिन पहले कोई ऑटो चालक मानवता दिखाते हुए जिला अस्पताल तक छोड़ गया था। जहा उसके केंसर होने का पता लगने पर इलाज के बजाए जबलपुर भोपाल जाने को कह कर बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था। अति गरीबी के हालात की वजह तथा जिला अस्पताल से उसको रेफर करने के कोई इंतजाम नहीं किए जाने से वह अस्पताल परिसर में ही सिविल सर्जन ऑफिस के सामने हर्बल गार्डन गेट के पास 2 दिन से पड़ा हुआ था। 

 अस्पताल आने के बावजूद उपचार सुविधा तथा रेफर सुविधा नहीं मिलने उल्टे उसे बाहर का रास्ता दिखा दिए जाने पर अस्पताल परिसर में ही अपनी मौत की घड़ियां गिन रहे बलराम अहरवार की बुधवार की देर रात कब सांसे थम गई किसी को पता ही नहीं लगा।गुरुवार को उसके शव के पास पड़े सामान से जब एक आवारा सांड खिलवाड़ कर रहा था तब लोगो को उस की मौत का पता लगा और मीडिया कर्मी भी मौके पर पहुचे। लेकिन मौत के बाद कई घंटों बाद भी शव को ढकने के एक चादर भी नसीब नहीं होने तथा शव गृह में रखवाने ध्यान नहीं दिए जाने जैसे अमानवीय हालात बने रहे। मीडियाकर्मियों ने जब सिविल सर्जन डॉ. ममता तिमोरी से इस संदर्भ में जानकारी चाही तो वह अपनी सफाई मैं अजीबोगरीब तर्क देने की कोशिश करती रही। 

उनका कहना था कि उन्होंने 27 अक्टूबर को ही इसके सन्दर्भ में पुलिस को लिखित सूचना जारी कर दी थी।  वहीं शव पडे होने पर कहा कि नगर पालिका को सूचना दे दी है। वही जब कर्मचारी आएंगे तब शव को शवगृह में रखवा दिया जाएगा। वहीं परिजनों के नहीं आने पर नगर पालिका से अंतिम संस्कार करवाने की बात कहकर भी वह उपरोक्त बीमार के अस्पताल तक पहुंच जाने के बावजूद इलाज के अभाव में मौत हो जाने के मामले में कुछ भी कहने से बचती नजर आई..

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