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लॉक डाउन के बीच पुलिस कि मानवीयता.. 50 किमी का पैदल सफर कर चुके मजदूर परिवारों को वाहन उपलब्ध कराया.. कटाई करके सागर जिले से जबलपुर के मझौली पैदल लौट रहे थे 50 मजदूर..

 लॉक डाउन के बीच नोहटा पुलिस कि मानवीयता 
दमोह। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के आवाहन पर देश में लागू लॉक डाउन के बीच सड़क पर निकलने वाले लोगों को घरों में वापस पहुंचाने के लिए पुलिस द्वारा डंडे का इस्तेमाल किए जाने की एक तस्वीर सामने आई है परंतु हम यहां आपको पुलिस कि मानवीय संवेदनाओ को दिखाती वह खबर बता रहे हैं जिसे जानकर आप भी नोहटा थाना पुलिस के प्रयासों की प्रशंसा करने से नहीं चूकेगे।
 दमोह जिले के नोहटा थाना अंतर्गत जबलपुर सागर स्टेट हाईवे पर स्थित अभाना गांव के समीप सड़क किनारे बैठे यह मजदूर परिवार करीब 50 किलोमीटर का रास्ता सिर पर बोरियों का बोझ उठाए नवरात्र पर्व के दौरान तय करके यहां तक पहुंचे। इनको अभी करीब 50 किलोमीटर का पैदल रास्ता और तय करना था लेकिन इस बीच नोहटा थाना पुलिस की नजर उन पर पड़ी और जब इनसे जानकारी ली गई तो इनकी चौंकाने वाली मजबूरियों भरे हालात सामने आए।
जबलपुर जिले के मझौली क्षेत्र अंतर्गत यह मजदूर परिवार करीब 2 सप्ताह पूर्व सागर जिले के रोन कुमरई क्षेत्र में कटाई करने के लिए गए हुए थे। जहां कटाई कार्य करने के बाद वापस लौटने के लिए उन्हें कोई साधन नहीं मिला वही खेतों की कटाई हो जाने के बाद खेत मालिकों द्वारा उन्हें रुकने की भी इजाजत नहीं दी गई ऐसे में महिला बच्चों सहित इन मजदूरों ने पैदल ही करीब 100 किलोमीटर का सफर सिर पर बोझा उठाते हुए तय करने का निर्णय लिया। 
दमोह जिले के बांसा होते हुए करीब 50 किलोमीटर की पदयात्रा करके तेज धूप में अभाना के समीप सड़क किनारे पैरों का दर्द मिटा रहे इन मजदूर परिवारों पर जब स्थानीय पुलिस की नजर पड़ी और उन्हें पूरे हालात का पता लगा तो नोहटा थाना थाना प्रभारी सुधीर बेगी ने मानवीय संवेदना दिखाते हुए तुरंत इस मामले में जबेरा तहसीलदार अरविंद यादव को जानकारी देते हुए चर्चा की। तथा उनकी इजाजत मिलने पर वाहनों का इंतजाम कराया गया और बाद में सभी मजदूरों को उनके गंतव्य की ओर मझोली जबलपुर रवाना किया गया। इसमें बनवार चौकी प्रभारी संजय सिंह एवं पुलिस बल का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा।
नोहटा थाना पुलिस की यह मानवीय संवेदना की जानकारी सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर लोग प्रशंसा करने से नहीं चूक रहे हैं। वही उनकी यह पहल अन्य थाना पुलिस के लिए मिसाल बनने के साथ अन्य क्षेत्रों में फंसे मजदूर वर्ग के लिए भी मददगार साबित होगी ऐसी उम्मीद की जा सकती है। अभिषेक खरे की रिपोर्ट

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